सेफ जोन में रावी और ब्यास का दरियाई रिहायशी इलाका
अमृतसर भारत-पाक सीमा पर बहने वाले रावी दरिया और बाबा बकाला इलाके में बहने वाले ब्यास दरिया में मंगलवार को पानी का बहाव काफी कम हो गया।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
भारत-पाक सीमा पर बहने वाले रावी दरिया और बाबा बकाला इलाके में बहने वाले ब्यास दरिया में मंगलवार को पानी का बहाव काफी कम हो गया। हालांकि रावी दरिया में पानी का स्तर मंगलवार की तड़के 1.62 लाख क्युसिक था, जो बाढ़ का संकेत है मगर सायं करीब 4 बजे तक यह बहाव कम होकर 1.27 लाख क्युसिक तक पहुंच गया। इसे देखते हुए डिप्टी कमिश्नर कमलदीप ¨सह संघा ने अजनाला सेक्टर में रावी दरिया का दौरा कर स्थिति का जायजा लेने के बाद राहत की सांस ली और कहा कि अगर अब बारिश नहीं होती और ऊपर से पानी नहीं छोड़ा जाता तो स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। हालांकि अजनाला सेक्टर में भारत-पाक सीमा पर स्थित शेरपुर कांप्लेक्स में पानी का बहाव काफी तेज पाया गया, लेकिन इसका भारतीय गांवों की बजाए पाकिस्तान के गावों को खतरा ज्यादा है। क्योंकि इतने बहाव में इस दरिया का करीब एक किलोमीटर क्षेत्र ही भारत में है। वहीं ब्यास दरिया में बीती रात पानी का स्तर 97 हजार क्यूसिक था, जो आज सायं 3.30 बजे तक 45 हजार क्यूसिक रह गया।
डिप्टी कमिश्नर संघा आज सुबह करीब 11.45 बजे अजनाला सेक्टर में रावी दरिया का दौरा करने निकले और सायं करीब 5.15 बजे वापस लौटे। उन्होंने रावी दरिया के बसे गांवों दौरा कर वहां के लोगों के साथ बातचीत की। डीसी ने रावी दरिया के बीच बार्डर ऑब्जर्विंग पोस्टों का दौरा कर बीएसएफ के अधिकारियों से भी बातचीत की। डीसी ने धर्मकोट से लेकर पाक से सटे 67 किलोमीटर इलाके में बसे रावी दरिया के किनारे पर बसे गांवों की रिपोर्ट भी ली। इस मौके पर एसडीएम अजनाला रजत ओबराय और ड्रेनेज विभाग के एक्सईएन कुल¨वदर ¨सह भी उनके साथ थे।
रावी दरिया का दौरा करने के बाद डीसी संघा ने दैनिक जागरण को बताया कि वैसे तो रावी दरिया में पानी का बहाव 1.27 क्यूसिक है मगर लेकिन शेरपुर कांप्लेक्स, जहां बीएसएफ की पोस्ट है, पर पानी का बहाव 2.75 लाख क्यूसिक पाया गया। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की ओर से चिनाब नदी से पानी रावी दरिया में छोड़ा गया, जिसके चलते पानी का बहाव इतना तेज है।
बाढ़ संभावित गांवों के सरपंचों के साथ लगातार संपर्क में प्रशासन
डिप्टी कमिश्नर कमलदीप ¨सह संघा ने बताया कि जिला प्रशासन ने बाढ़ से निपटने के प्रबंध कर रखे हैं। अजनाला के 34 गांवों और उनके सरपंचों का ब्योरा प्रशासन के पास उपलब्ध है और अधिकारी लगातार उक्त गांवों के सरपंचों के साथ संपर्क में हैं। ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके। वहीं आपात स्थिति में लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किए जाने को
लेकर स्कूल व अन्य धार्मिक स्थलों में भी उचित प्रबंध किए गए हैं।
बारिश से हुए नुकसान की डीसी ने मांगी रिपोर्ट
जिला रैवेन्यू अधिकारी-कम-डिजास्टर मैनेजेमेंट के नोडल अधिकारी मुकेश शर्मा ने आज अजनाला और बाबा बकाला साहिब के एसडीएम्ज को पत्र लिख कर बारिश के दौरान लोगों के घर और घर की छतें गिरने संबंधी रिपोर्ट मांगी है। शर्मा ने बताया कि यह रिपोर्ट बुधवार सुबह तक उनके पास पहुंच जाएगी। इसके आधार पर लोगों को घर बनाने आदि के लिए वित्तीय मदद की जाएगी।
र¨वदर शर्मा