ई-पेट्रोलिग एप से आरपीएफ मुलाजिमों को कंट्रोल करेगा रेलवे
ट्रेंनों में तैनात आरपीएफ मुलाजिमों की लापरवाही को खत्म करने व ड्यूटी में लाने के लिए रेलवे अब ई-पैट्रोलिग एप जारी करने जा रहा है।
हरीश शर्मा, अमृतसर
ट्रेंनों में तैनात आरपीएफ मुलाजिमों की लापरवाही को खत्म करने व ड्यूटी में लाने के लिए रेलवे अब ई-पैट्रोलिग एप जारी करने जा रहा है। इस एप को हर एक आरपीएफ मुलाजिम को अपने मोबाइल में डाउनलोड करना होगा। हर दो घंटे के बाद आरपीएफ के कंट्रोल रूम पर अलर्ट देना पड़ेगा, जिससे उनकी लोकेशन पता चल जाएगी। इससे आरपीएफ ट्रेनों में पूरी तरह से अलर्ट रहेगी। आपराधिक वारदातों को रोका जा सकेगा। इस एप को ट्रायल के तौर पर जनवरी महीने में दक्षिण भारत की ट्रेनों शुरू किया गया था। ट्रायल सफल रहने के बाद अब इस एप को पूरे देश में लागू किया जा रहा है। अब अगर मुलाजिम हर दो घंटे के बाद अपना अलर्ट नहीं देते तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू हो जाएगी। उनकी नौकरी से भी जा सकती है।
जानकारी मुताबिक रेलवे को अक्सर शिकायतें मिल रही थीं कि रात के समय ट्रेनों में चोरी, लूटपाट व अन्य अपराधिक घटनाएं बढ़ रही हैं। ऐसे में ट्रेनों में जाने वाले आरपीएफ के मुलाजिम मौके पर पहुंच ही नहीं पाते हैं, क्योंकि वह किसी न किसी कोच में जाकर सोए हुए पाए जाते थे। इस पर संज्ञान लेते हुए रेलवे ने आरपीएफ की ड्यूटी और लापरवाही रोकने के लिए इस पैट्रोलिग एप को लांच किया है।
अलर्ट न भेजा तो जा सकती है नौकरी
इस एप को लांच करने के बाद ट्रेनों में क्यूआर कोड लगाए जाएंगे। जब आरपीएफ मुलाजिम अपने मोबाइल पर ई-पैट्रोलिग एप लांच करेंगे तो चलती ट्रेन में ही हर दो घंटे के बाद उन्हें इस क्यूआर कोड को स्कैन करना पड़ेगा। इससे मुलाजिम की लोकेशन सीधा कंट्रोल रूम में पहुंच जाएगी और साथ ही यह भी पता चल जाएगा कि स्कैनिग के वक्त मुलाजिम कौन से कोच में सवार है। हर बार ट्रेन में लगे अलग-अलग क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा। आरपीएफ अधिकारियों की मानें तो कुछ ही दिनों तक इसे लागू कर दिया जाना है। इससे न केवल अपराध में कमी आएगी, बल्कि आरपीएफ मुलाजिम भी अपडेट रहेंगे। अलर्ट न देने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो जाएगी। नौकरी भी जा सकती है।