जानिए कैसी है पंजाब के लोगों और व्यापारियों की इमरान के पाकिस्तान से उम्मीद
पंजाब के कारोबारियों को उम्मीद है कि पाकिस्तान में इमरान के सत्ता संभालने के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच होने वाले आयात-निर्यात बढ़ोतरी में हो सकती है।
जेएनएन, अमृतसर/लुधियाना/जालंधर। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लेने जा रहे पूर्व क्रिकेटर इमरान खान ने पंजाब के कारोबारियों में बेहतर द्विपक्षीय व्यापार की उम्मीद जगी है। कुछ का मानना है कि इमरान खान की भारत के प्रति सकारात्मक सोच और इसे लेकर हाल ही में दिए एक बयान कि 'भारत एक कदम बढ़ाएगा तो हम दो कदम बढ़ाएंगे' से इंडो-पाक ट्रेड का अच्छा असर पड़ेगा।
वहीं कुछ कारोबारियों का मानना है कि पाक का इतिहास कुछ और ही कहता है, क्योंकि उसकी कथनी व कथनी में हमेशा अंतर ही रहा है। क्योंकि जब-जब हमारे देश के प्रधानमंत्री ने पाक की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया, तो दूसरी तरफ से हमला ही मिला। चाहे वह कारगिल युद्ध हो या फिर जम्मू-कश्मीर में भारतीय फौजी कैंपों पर घातक हमले।
पिछले लंबे समय से पाक से सीमेंट आयात करने वाले विक्रांत अरोड़ा कहते हैं कि पेरिशेबल चीजें जैसे ताजी सब्जियां और फल आदि का कारोबार शुरू होगा, जिस पर पाक सरकार ने कई सालों से रोक लगा रखी है। वे कहते हैं कि दोनों देशों के बीच वीजा प्रणाली में भी सुधार हो सकते हैं क्योंकि इमरान खान की सोच पूर्व के पाक प्रधानमंत्रियों से कुछ अलग है। और खान में स्पोट््र्समैनशिप भी है।
कन्फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल चैंबर्स ऑफ कॉमर्स के प्रदीप सहगल कहते हैं कि इमरान खान के पाक में पीएम बनने को लेकर भारत के साथ-साथ पाकिस्तान के कारोबारियों को भी काफी उम्मीदें हैं। दोनों देशों के बीच राजनीतिक रिश्ते और कारोबारी रिश्ते सुधरने की संभावनाएं हैं। लगता है कि पिछले कई सालों से मध्यम गति से हो रहे व्यापार में तेजी आएगी।
फेडरेशन ऑफ करियाना एंड ड्राई फ्रूट एसोसिएशन के प्रधान अनिल मेहरा कहते हैं कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाक के तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ के जन्म दिन पर विशेष तौर पर पाक पहुंच उन्हें बधाई दी, तो इसके जवाब में जम्मू-कश्मीर में भारतीय फौजी कैंपों में हमले हुए। पाक का प्रधानमंत्री हमेशा से वहां की सेना की कठपुतली रहा है और इमरान खान के पीएम बनने को लेकर अभी कुछ कहना बहुत जल्दी होगा।
वहीं इंटरनेशनल चैंबर्स ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के डायरेक्टर अशोक सेठी का मानना है कि दोनों देशों के बीच व्यापार मसले को हल करने से पहले जम्मू-कश्मीर मसले को हल किए जाने की जरूरत है। दो देशों के बीच आर्थिक सुधार तभी हो सकता है जब सीमाओं पर शांति हो। खान का इतना कहना वह बात करने को तैयार हैं मगर यह साफ नहीं कि वे भारत के साथ किस मुद्दे पर बात करना चाहते हैं।
दोनों देशों के बीच शुरू हो सकता है खुशहाली का दौर
लुधियाना के कारोबारियों का दावा है कि सकारात्मक पहल से दोनों देशों के बीच आर्थिक खुशहाली का नया दौर शुरू हा सकता है। भारत ने पाकिस्तान को कुछ साल पहले मोस्ट फे वर्ड नेशन (एमएफएन) का दर्जा दिया था, लेकिन पाकिस्तान ने भारत को अभी तक यह स्टेटस नहीं दिया है। पाक ने अधिकतर भारतीय उत्पादों को नकारात्मक सूची में डाल रखा है। ऐसे में दोनों देशों के बीच फिलहाल सीमित कारोबार ही हो पा रहा है।
हीरो साइकिल्स के वाइस चेयरमैन एसके राय का कहना है कि जिस दिन भारत और पाक के बीच बार्डर खुल जाएगा, उसी दिन यहां पर खुशहाली आ जाएगी। फिलहाल पाकिस्तान में ज्यादातर साइकिल एवं पाट्र्स चीन से आयात किए जा रहे हैं। ये उत्पाद पाक में महंगे साबित हो रहे हैं, लेकिन भारत से वहां पर साइकिल आधे रेट पर पहुंच सकता है। साइकिल ही नहीं ई रिक्शा, ई बाइक समेत कई उत्पादों की पाक में काफी मांग है। राय ने कहा कि दोनों देशों को इस दिशा में काम करने की जरूरत है।
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोट्र्स आर्गेनाइजेशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एससी रल्हन का तर्क है कि पंजाब के साइकिल, साइकिल पाट्र्स, फास्टनर, रबड़ पार्ट, डीजल इंजन, स्टील उत्पाद, फोर्जिंग, हैंड टूल उद्योग को नया बूस्ट मिलेगा। इससे सूबे के उद्योगों में भी रौनक आएगी। फिलहाल पाक को चीन और अन्य देशों से आयात काफी महंगा साबित हो रहा है।
इंडो पाक के बीच ड्राई फ्रूट, फल, सब्जी, सीमेंट इत्यादि उत्पादों का ही सीमित कारोबार हो रहा है। यहां से भी काफी माल समुंद्री रास्ते से कराची के रास्ते पाक में निर्यात किया जा रहा है। बॉर्डर खुलने से काफी दम कीमत पर माल सड़क मार्ग से सीधे लाहौर पहुंचाया जा सकेगा। बार्डर खुलने से भारत के अलावा पाक को भी उतना ही फायदा होगा।
जालंधर को ज्यादा उम्मीद नहीं
जालंधर का खेल उद्योग निकट भविष्य में पाकिस्तान से खेलों का सामान इंपोर्ट कर तो सकता है, लेकिन भारत सरकार के नियमों के मुताबिक एक पैसे का भी एक्सपोर्ट तो कर ही नहीं सकता। पाकिस्तान के सियालकोट के लिए जालंधर समेत भारत खेल के सामान की खपत वाला एक बड़ा डेस्टीनेशन है। हॉकी, फुटबाल समेत तमाम खेलों से संबंधित सामान पाकिस्तान से जालंधर आ रहा है।
खेल उद्योग संघ संघर्ष कमेटी के कन्वीनर रविंदर धीर ने खेलों के सामान के पाकिस्तान एक्सपोर्ट पर पाबंदी होने की पुष्टि करते हुए कहा कि पाकिस्तान की ही वजह से जालंधर का खेल उद्योग मेन्युफेक्चरिंग की बजाय ट्रेङ्क्षडग में तबदील हो रहा है। पाकिस्तान से तैयार माल की खपत बढऩे की वजह यही है कि जालंधर में रॉ मैटीरियल की उपलब्धता सरल नहीं बची है। बैट बनाने के लिए जालंधर कश्मीर विलो की उपलब्धता आसानी से नहीं है अथवा लंबा इंतजार करना पड़ता है।
इसके विपरीत पाकिस्तान से 10 दिन के भीतर कश्मीर विलो के रेडीमेड बैट जालंधर में उपलब्ध हो जाते हैं। माल तो पाकिस्तान से मंगवा रहे हैं और वह भी तैयार मिल रहा है। यही कारण है कि जालंधर में लघु मेन्युफेक्चरिंग इकाइयां खत्म होने की कगार पर आ पहुंची हैं। यह लगातार जारी है। अगर जालंधर के खेल उद्योग को भी एक्सपोर्ट की अनुमति मिल जाए तो जालंधर की मेन्युफेक्चरिंग इकाईयां भी पाकिस्तान में खपत की तलाश कर सकती हैं। वहां की जरूरत के मुताबिक सामान तैयार करवाया जा सकता है। भारत सरकार पाकिस्तान के साथ खेलों के सामान का एक्सपोर्ट शुरू नहीं करवाती, तब तक तो उससे कोई उम्मीद की ही नहीं जा सकती।
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