Move to Jagran APP

जीएसटी, रिजेक्टेड रिफंड और वैट रिफंड की हल हों मुश्किलें : अरोड़ा

नॉर्दर्न इंडिया रिजनल कौंसिल (एनआइआरसी) अमृतसर ब्रांच की मैनेजिग कमेटी ने डिस्ट्रिक्ट एक्साइज एंड टेक्सेशन कमिश्नर (डीईटीसी) हरिदरपाल सिंह को ज्ञापन सौंपा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Aug 2020 06:34 PM (IST)Updated: Sat, 08 Aug 2020 06:34 PM (IST)
जीएसटी, रिजेक्टेड रिफंड और वैट रिफंड की हल हों मुश्किलें : अरोड़ा

जागरण संवाददाता, अमृतसर : नॉर्दर्न इंडिया रिजनल कौंसिल (एनआइआरसी) अमृतसर ब्रांच की मैनेजिग कमेटी ने डिस्ट्रिक्ट एक्साइज एंड टेक्सेशन कमिश्नर (डीईटीसी) हरिदरपाल सिंह को ज्ञापन सौंपा। इसमें गुड्स सर्विस टेक्स (जीएसटी) के कानूनों के साथ-साथ उसकी कार्यप्रणाली के विषय पर विचार विमर्श किया। एनआइआरसी के चेयरमैन चार्टेड अकाउंटेट (सीए) संजय अरोड़ा ने बताया कि गुजरात हाई कोर्ट ने इनवर्टेड ड्यूटी के केस में रिफंड पर दिशा निर्देश जारी किए हैं ताकि इनपुट गुड्स के साथ-साथ इनपुट सर्विसेस को भी रिफंड में शामिल किया जाए। उन्होंने मांग उठाई कि यदि गुजरात हाई कोर्ट का निर्देश पंजाब में भी लागू किया जाए तो कपड़ा कारोबारियों को काफी राहत मिलेगी। डीईटीसी हरिदरपाल सिंह ने कमेटी के सदस्यों को आश्वासन दिया कि उनके ज्ञापन संबंधी वह अधिकारियों से बात करेंगे। इस मौक पर सीए जतिदर बांसल, सीए शशि पाल, सीए इकबाल सिंह ग्रोवर, सीए विनम्र गुप्ता, सीए मनीष मेडा, सीए रोहित खुराना, सी विदित बांसल, सीए संदीप चोपड़ा व एडवोकेट गुरप्रीत ग्रोवर आदि मौजूद थे। कमेटी ने ज्ञापन में उठाई यें मांगें

loksabha election banner

2017-18 में जो एक्सपोर्ट रिफंड के लिए बांड दिए गए थे, उन्हें टेक्स पेयर को लौटाया जाए। जीएसटी विभाग ई वे बिल कैंसिलेशन नोटिस को डिटेल के साथ जारी करे। विभाग नोटिस को डीन के बिना विभाग जारी ना करें। रिजेक्टेड रिफंड के केस में आइटीसी को क्रेडिट लेजर में वापस क्रेडिट किया जाए। वैट रिफंड और पंजाब स्टेट डेवलपमेंट टैक्स से जुड़ी मुश्किलें हल होनी चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.