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16 माह बाद आज से खुलेंगे सभी स्कूल, मगर अभिभावक भेजने को तैयार नहीं

अब 16 महीने आठ दिनों के बाद जिले के सभी स्कूल सोमवार से खुल जाएंगे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Aug 2021 05:00 AM (IST)Updated: Mon, 02 Aug 2021 05:00 AM (IST)
16 माह बाद आज से खुलेंगे सभी स्कूल, मगर अभिभावक भेजने को तैयार नहीं

अखिलेश सिंह यादव, अमृतसर: 22 मार्च 2020 को कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण देश भर के स्कूलों में तालाबंदी हो गई थी। करीब एक सप्ताह पहले 10वीं से 12वीं की कक्षाएं लगाने के निर्देश पंजाब सरकार ने दिए थे। अब सरकार ने प्री-प्राइमरी से 9वीं कक्षाओं को भी विद्यार्थियों के लिए खोलने की मंजूरी दे दी है। अब 16 महीने आठ दिनों के बाद जिले के सभी स्कूल सोमवार से खुल जाएंगे। सभी स्कूलों को कोविड गाइडलाइन का पालन करना होगा। विद्यार्थियों का उनके अभिभावकों की सहमति पत्र के साथ ही स्कूल में प्रवेश मिलेगा। हालांकि पहले दिन कक्षाओं में विद्यार्थियों की गिनती नाममात्र रहेगी क्योंकि अधिकतर अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं है। उनका कहना है कि सरकार ने फैसला जल्दबाजी में लिया है। यदि स्कूल खोलने ही हैं तो उसे विद्यार्थियों को कोरोना होने पर उनके इलाज का खर्च उठाना चाहिए। दैनिक जागरण से पेरेंट्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने सरकार के फैसले को जल्दबाजी में उठाया गया कदम बताया है। हालांकि बच्चों के लिए आनलाइन पढ़ाई का विकल्प भी रहेगा।

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दो अगस्त से स्कूल खोलने को लेकर निजी व सरकारी स्कूलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। जूनियर कक्षाओं में खास तौर पर बेंचों पर सैनिटाइजेशन करवाई गई। इसके अलावा स्कूल के गेट और जूनियर कक्षाओं के बाहर विद्यार्थियों को हाथों को सैनिटाइज करने की व्यवस्था भी की गई है। जिले में सरकारी प्राइमरी स्कूल 827 हैं। इनमें एक लाख 13 हजार 713 विद्यार्थी हैं। इसी तरह सरकारी अपर प्राइमरी स्कूल 419 हैं और इनमें एक लाख 16 हजार के करीब बच्चे पढ़ते हैं। वहीं सीबीएसई, आईसीएसई, पीएसईबी से मान्यता प्राप्त निजी स्कूल की गिनती करीब 550 है। विद्यार्थियों के अभिभावकों को मैसेज भेजने शुरू किए: प्रिंसिपल सुशील

अशोका सीसे स्कूल के प्रिसिपल सुशील अग्रवाल ने बताया कि सरकार के आदेश के बाद विद्यार्थियों के अभिभावकों को मैसेज भेजने शुरू कर दिए गए है। वही पेरेंट्स को आन लाइन सहमति पत्र का फार्म भी भेजा गया है। जिसे वह भर कर अपने स्कूल आने वाले विद्यार्थियों के हाथों से स्कूल प्रबंधन के पास भेजेंगे। उसके बाद ही विद्यार्थियों को स्कूल परिसर में एंट्री मिलेगी। बिना पेरेट्स की मंजूरी स्कूल में प्रवेश में आज्ञा नहीं: डायरेक्टर विशाल

प्रभाकर सीसे स्कूल जूनियर विग के डायरेक्टर विशाल प्रभाकर ने बताया कि विद्यार्थियों को पेरेंट्स की सहमति पत्र स्कूल प्रबंधन के पास जमा करवाना होगा। तभी बच्चे को कक्षा में बैठने की परमिशन मिलेगी। छोटे बच्चे को पेरेंट्स व अध्यापक दो गज की दूरी व मास्क पहनने के लिए जागरूक करें। बच्चे पानी की बोतल अपने साथ लेकर आएं। ऐसा ही कई और स्कूल प्रबंधकों ने गाइडलाइन पालन करने के संकल्प को दोहराया। सरकार ने देरी से लिया फैसला : रासा

रेकोग्नाइजड एफिलिएटिड स्कूल एसोसिएशन (रासा) के अध्यक्ष सुजीत शर्मा ने कहा कि सरकार का फैसला सरहानीय है। पेरेंट्स से सहमति पत्र लिया जाएगा। स्कूलों ने साफ सफाई करवा दी है। उन्होंने कहा कि हालांकि सरकार ने यह फैसला देरी से लिया है, लेकिन देर आए दुरुस्त आए। स्कूल बच्चों को गाइडलाइन का पालन जरूर करवाएंगे। बीपीईओज स्कूलों में करेंगे चेकिग: डीईओ एलिमेट्री

डीईओ एलिमेंट्री सुशील तुली ने बताया कि सभी निजी व सरकारी स्कूल कोविड की गाइडलाइन का पाल करें। बच्चे और स्टाफ मास्क पहनें, सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। पेरेंट्स की सहमति पत्र जरूर साथ लाएं। डीईओ एलिमेंट्री सुशील तुली ने रविवार चार बजे समूह बीपीईओज के साथ मीटिग की और उन्हें निर्देश दिए कि वह सभी स्कूलों में चेकिग करें कि वहां नियमों का पालन हो रहा है या नहीं सीटिग अरेंजमेंट के बारे उन्होंने कहा कि दो गज की दूरी का ध्यान कक्षा में रखना अध्यापक की जिम्मेदारी होगी और एक बेंच पर ही एक ही विद्यार्थी बैठेगा। 95 प्रतिशत स्टाफ को लग चुकी वैक्सीन

जिला शिक्षा अधिकारी एलीमेंट्री सुशील तुली ने बताया कि प्राइमरी व अपर प्राइमरी स्कूलों के 95 प्रतिशत स्टाफ को वैक्सीन लग गई है। पांच प्रतिशत को मेडिकल ग्राउंड के आधार पर छूट दी गई है वह भी जल्दी टीकाकरण करवा लेंगे। यही आकड़ा निजी स्कूलों का भी है। सरकारी तौर पर अध्यापकों को टीकाकरण के बाद अपनी जानकारी ई पंजाब में दर्ज करनी पड़ती है सरकार ने फैसला जल्दबाजी में लिया : वरुण खन्ना

अमृतसर पेरेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष वरुण खन्ना ने कहा कि बच्चों की सेहत की चिता न करते हुए सरकार ने गलत फैसला लिया है। अभी तक बच्चों के लिए वैक्सीन नहीं आई है और न ही स्कूल स्टाफ पूरी तरह वैक्सीनेटेड है। सरकार को पहले 9वीं से 12वीं तक, फिर 15-20 दिन के बाद 5वीं से आठवीं तक, फिर पहली से चौथी कक्षा तक स्कूल खोलने की मंजूरी देनी चाहिए थी। वहीं अगर बच्चा या टीचर कोरोना पाजिटिव होता है तो उनके इलाज के लिए सरकार प्राइवेट अस्पताल में मुफ्त इलाज का प्रबंध करे। स्कूल व सरकार बच्चों की मेडिकल इंश्योरेंस करवाएं : अनूप मैणी

वायस आफ पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अनूप मैणी ने कहा कि स्कूल व सरकार विद्यार्थियों की मेडिकल इंश्योरेंस करवाए। केवल पेरेंट्स पर सहमति पत्र की जिम्मेदारी थोप कर स्कूल व सरकार अपने दायित्व से नहीं बच सकती। भगवान न करे किसी बच्चे को स्कूल में कोविड हो गया तो उसके इलाज में बहुत खर्च आएगा। इसके लिए स्कूल व सरकार को भी बच्चे के इलाज के लिए खर्च उठाना होगा। वह स्कूल खोलने के फैसले का विरोध नहीं करते है। पर सरकार व स्कूल बच्चे का मेडिकल इंश्योरेंस करवाएं।


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