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राष्ट्रपति ने श्री दरबार साहिब में किए दर्शन, जालियांवाला बाग व दुर्ग्‍याणा मंदिर भी गए

राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने श्रीहरमंदिर साहिब में दर्शन किए अौर माथा टेका। वह जालियांवाला बाग भी गए और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्‍होंने दुर्ग्‍याणा मंदिर में भी दर्शन किए।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 16 Nov 2017 09:49 AM (IST)Updated: Thu, 16 Nov 2017 04:32 PM (IST)
राष्ट्रपति ने श्री दरबार साहिब में किए दर्शन, जालियांवाला बाग व दुर्ग्‍याणा मंदिर भी गए
राष्ट्रपति ने श्री दरबार साहिब में किए दर्शन, जालियांवाला बाग व दुर्ग्‍याणा मंदिर भी गए

जेएनएन, अमृतसर। देश के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद गुररुनगरी पहुंच गए हैं। उन्‍होंने यहां श्री दरबार साहिब जी में दर्शन किए आैर और माथा टेका। वह जालियांवाला बाग भी गए अौर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए। उन्‍होंने गुरुघर में अरदास किया और लंगर भी छका। इस अवसर पर उनको सिरोपा भेंट कर सम्‍मनित किया गया। राष्‍ट्रपति के साथ उनका परिवार और पंजाब के राज्‍यपाल वीपी सिंह बदनौर भी थे।

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लंगर भी चखा, जा‍लियांवाला बाग में शहीदों को दी श्रद्धां‍‍जलि

इससे पहले हरिमंदिर साहिब पहुंचने पर पंजाब के राज्यपाल वी पी सिंह बदनौर , पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल, पंजाब सरकार की ओर से ​केबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह, एसजीपीसी के अध्यक्ष प्रो. किरपाल सिंह बडूंगर, मुख्य सचिव डा रूप सिंह , महासचिव अमरजीत सिंह चावला आदि ने स्वागत किया। राष्‍ट्रपति ने श्री दरबार साहिब में दर्शन किया अौर माथा टेका। इसके बाद व श्री हरिमंदिर साहिब के अन्‍य हिस्‍सों में भी गया। इस दौरान उन्‍होंने लंगर भी चखा। इस दौरान उनको सिरोपा भेंट कर सम्‍मानित किया गया।

श्री हरिमंदिर साहिब में राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद और राज्‍यपाल वीपी सिंह बदनौर।

इसके बाद राष्‍ट्रपति कोविंद जालियांवाला बाग पहुंचे। वहां उन्‍होंने शहीद स्‍मारक को देखा और शहीदों को श्रद्धां‍जलि अर्पित की। उन्‍होंने जालियांवाला बाग के विभिन्‍न हिस्‍सों का अवलोकन किया। इस दौरान वहां भारी सुरक्षा व्‍यवस्‍था की गई थी।

बाद में राष्‍ट्रपति राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद श्री दुर्गा तीर्थ दुर्ग्‍याणा मंरि पहुंचे और वहां दर्शन किए। उन्‍होंने वहां पूजा-अर्चना की। उन्‍होंने वहां विजिटर बुक पर अपना संदेश भी लिखा। उनके साथ राष्‍ट्रपति का परिवार और पंजाब के राज्‍यपाल बदनौर भी थे।

श्री दुर्ग्‍याणा मंदिर में राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद।


करीब 2 बज कर 10 मिनट पर महामहिम श्री हरिमंदिर साहिब पहुंचे। राष्ट्रपति ने सारे परिवार के साथ हरिमंदिर साहिब की पूरी परिक्रमा की। कोविंद ने श्री गुरु राम दास लंगर हाल में जा कर बन रहे लंगर और संगत को बरताए जा रहे गुरु के लंगर की प्रथा को देखा।

हरिमंदिर साहिब में माथा टेकने के बाद राष्ट्रपति को एसजीपीसी की ओर से श्री हरिमंदिर साहिब के नए बने सूचना केंद्र में श्री हरिमंदिर साहिब के माडल, ​लोई, सिरोपा, पुस्तकों के सेट आदि से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति ने सूचना केंद्र की विजटर बुक में संदेश दर्ज किया।

श्री हरिमंदिर साहिब के लंगर हॉल में लंगर चखते राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद।

उन्‍होंने अपने संदेश में लिखा, ' आज मुझे परम पवित्र श्री दरबार साहिब हरिमंदिर साहिब में मत्था टेकने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। सिख धर्म की महान परमपराओं पंगत , संगत और लंगर है सारे भेदभाव मिटाने की जो ताकत है उसका अनुभूत हुआ। यहा श्रद्धालुओं में सब के भले के लिए काम करने की आस्था को देख अपने देश के मानवतावादी कार्यों पर गर्व होता है। यहां आकर मुझे तो दिव्य अनुभूति हुई है। उसे मैं परम पिता प्रमात्मा और गुरु नानक देव जी का आर्शीवाद मानता हूं।'

इससे पहले राष्‍ट्रपति श्री गुरु रामदास अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पहुंचे ताे राज्‍य के मंत्रियाें और अधिकारियों ने उनका स्‍वागत किया। इसके बाद उनका काफिला अमृतसर के लिए रवाना हुए। राष्‍ट्रपति के आगमन के मद्देनजर व्‍यापक तैयारियां की गई थीं और गुरुनगरी को अभेद्य दुर्ग में तब्दील कर दिया गया। शहर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल, कमांडो और स्वेट (स्पेशल वेपन एंड टेक्टिस) के जवानों को तैनात रहे।

राष्ट्रपति की सुरक्षा के लिए गुरु नगरी में 11 हजार जवानों को लगाए गए। बुधवार सुबह से ही श्री गुरु रामदास अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा से श्री दरबार साहिब के रास्ते पर पंजाब पुलिस के जवानों को तैनात रहे। वीरवार सुबह से ही पूरे शहर अौर हवाई अड्डे वाले रास्‍ते पर कड़ी सुरक्षा थी । श्री हरिमंदिर साहिब के अासपास भी बेहद कड़ी सुरक्षा थी।

जालियांवाला बाग में  शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद।

पांच जिलों की पुलिस तैनात

एडीसीपी (एच) जगजीत सिंह वालिया ने बताया कि बॉर्डर जोन के पांच जिले तरनतारन, अमृतसर देहाती, बटाला, गुरदासपुर और पठानकोट से पांच हजार पुलिस फोर्स को बुलाया गया। उन्हें एयरपोर्ट से लेकर श्री दरबार साहिब के रास्ते पर तैनात किया गया। इसके साथ ही हाल बाजार के अंदर घुसते ही और श्री दरबार साहिब के प्लाजा में कमांडो और स्वेट के जवानों को लगाया गया।

राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा दुर्ग्‍याणा मंदिर के विजिटर बुक में लिखा गया संदेश।

थ्री लेयर सिक्योरिटी में रहे राष्ट्रपति

राष्ट्रपति को घंटा घर चौंक वाले गेट से तीन सुरक्षा धेरों में श्री हरिमंदिर साहिब में लेकर जाया गया। पहले घेरे में एसपीजी के कमांडो तैनात रहे। दूसरे घेरे में पंजाब पुलिस के कमांडो तैनात रहे।  तीसरा सुरक्षा घेरा एसजीपीसी की टास्क फोर्स तैनात रही।

खालसाई ड्रेस में तैनात रही एसजीपीसी की टास्क फोर्स

एसजीपीसी की टास्क फोर्स को खालसाई ड्रेस में तैनात किया गया था। उन्होंने पीली पगडि़यां, नीले चोले, सफेद पायजामा और पीले रंग के कमरबंद में सजे रहे। परिक्रमा की सारी सुरक्षा एसजीपीसी की टास्क फोर्स और पंजाब पुलिस की सिविल ड्रेस पुलिस के पास रही।

श्री हरिमंदिर साहिब में राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद।


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