स्मार्ट स्कूलों के जरिये चुनावी रण जीतने की तैयारी
अमृतसर आगामी एकाध माह के भीतर संसदीय चुनाव के रणक्षेत्र में उतर कर विपक्षी सहित अन्य दलों से लोहा लेने वाली प्रदेश की कांग्रेस सरकार स्मार्ट स्कूल के सहारे अपनी चुनावी वैतरणी पार करने के लिए सज्ज हो गई है।
फ्लैग.. मुख्यमंत्री के चित्र वाले सरकारी स्कूलों को स्मार्ट बनाने के होर्डिग शहर में लगे
-जिले के 1251 स्कूलों में से 21 स्कूलों पर ही पैसा खर्च करेगी सरकार, बाकी स्कूल 55 एनजीओ के सहारे बनेंगे स्मार्ट फोटो-4,5,6
अखिलेश ¨सह यादव, अमृतसर
आगामी एकाध माह के भीतर संसदीय चुनाव के रणक्षेत्र में उतर कर विपक्षी सहित अन्य दलों से लोहा लेने वाली प्रदेश की कांग्रेस सरकार स्मार्ट स्कूल के सहारे अपनी चुनावी वैतरणी पार करने के लिए सज्ज हो गई है। पंजाब सरकार ने मुख्यमंत्री कैप्टन अम¨रदर ¨सह के चित्र सहित सरकारी स्कूलों को स्मार्ट बनाने की सूचना अंकित करते होर्डिग शहर में लगा दिए हैं। इन होर्डिगों में सरकार ने सूचना दर्ज की है कि पंजाब सरकार के 2500 सरकारी स्कूल स्मार्ट स्कूल की सूची में आ गए हैं। सरकार की मानें तो फिलहाल और भी सरकारी स्कूल स्मार्ट बनने की ओ अग्रसर हैं। हींग लगे न फिटकरी रंग आए चोखा, बिना कुछ खर्च किए काम बनाने का गुर सीखना हो तो प्रदेश की कांग्रेस सरकार से सीख सकते हैं। जिले की 55 एनजीओ के सहारे अब सरकारी स्कूल स्मार्ट स्कूल होने का दर्जा पाएंगे।
अमृतसर में कुल 1251 प्राइमरी, मिडिल, हाई व सीसे स्कूल मौजूद हैं। इनमें से सिर्फ सेकेंडरी ¨वग के 21 स्कूलों को स्मार्ट बनाने के लिए दो करोड़ 26 लाख 24 हजार रुपये की राशि जारी हुई है। शेष 1230 स्कूल दानी सज्जन या स्कूल के अध्यापक स्वयं अपनी धनराशि एकत्रित करके स्कूलों को स्मार्ट बनाएंगे। यह अनिवार्य भी है। जिला शिक्षा विभाग ने स्मार्ट स्कूल प्रोजेक्ट को कामयाब बनाने के लिए कमेटी का गठन किया है। यह अध्यापकों को मोटीवेट करेगी कि वह खुद अपनी ओर से पैसे एकत्रित कर स्कूलों को स्मार्ट बनाएं या दानी सज्जनों के साथ-साथ एनआरआइ समुदाय की मदद लें।
वही डीईओ सेकेंडरी सल¨वदर ¨सह समरा ने सरकारी कन्या सीसे स्कूल में 55 एनजीओ के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में सेल्फ स्मार्ट स्कूल कांसेप्ट के बारे में विस्तृत चर्चा की गई। मुख्य मकसद स्कूलों को एनजीओ की मदद के साथ स्मार्ट स्कूल बनाना था। समरा ने एनजीओ सदस्यों से आग्रह व प्रेरित करते हुए कहा कि वह स्कूल की जरूरत व शर्त के अनुसार दान दें और उन्हें अडाप्ट कर स्मार्ट बनाएं। कई एनजीओ सदस्यों ने कहा कि वह पहले ही सरकारी स्कूलों की दशा व दिशा सुधारने के लिए अहम काम कर रहे हैं। कई एनजीओ सदस्यों ने स्कूलों में किए गए काम को डीईओ सेकेंडरी के समक्ष पेश भी किया। डीईओ ने उनके कामकाज की तारीफ की और उन्हें कहा कि वह सेल्फ स्मार्ट प्रोजेक्ट को भी कामयाब करने में अपनी भूमिका निभाएं। सभी एनजीओ ने विश्वास दिलाया कि वह विभिन्न स्कूलों के लिए अच्छा काम करेंगे।
इस बैठक में डिप्टी डीईओ हरभगवंत ¨सह, डिस्ट्रिक्ट स्मार्ट स्कूल मेंटर ¨प्रसिपल बलराज ¨सह ढिल्लों, प्रमोद मिड्डा, योगेश भाटिया सहित कई स्कूलों के प्रिंसिपल मौजूद थे। 60 स्कूलों में की है विजिट : बलराज ढिल्लों
डिस्ट्रिक्ट स्मार्ट स्कूल मेंटर बलराज ¨सह ढिल्लों ने बताया कि उन्होंने 60 सरकारी स्कूलों में अभी तक विजिट की है। वहां पर अध्यापकों को प्रेरित किया गया है कि वह सरकारी स्कूलों को स्टाफ सदस्यों व दानी तथा एनआरआइ लोगों के सहयोग से स्मार्ट बनाएं। स्कूल को स्मार्ट बनाना स्कूल अध्यापकों का दायित्व है। इस प्रोजेक्ट को हर हाल में सफल करना होगा। एनजीओ की मदद से स्कूलों की जरूरतों को पूरा करेंगे
डीईओ सल¨वदर ¨सह समरा ने कहा कि एनजीओ सदस्यों के साथ बैठक करने का उद्देश्य उनके साथ जान-पहचान और उनके फोन नंबर एक्सचेंज करने थे। इस बैठक में उनके स्कूलों में किए जा रहे कामों के बारे में जानकारी लेना था। एनजीओ के सहारे स्कूलों की मूलभूत जरूरतों को पूरा किया जाएगा।