विदेश की बजाय देश में ही भविष्य बनाएं युवा : खेहरा
देश हो या विदेश मेहनत करने से ही व्यक्ति को जिदगी में सफलता मिलती है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : देश हो या विदेश, मेहनत करने से ही व्यक्ति को जिदगी में सफलता मिलती है। सच है कि देश में पढ़े-लिखे युवा बेरोजगारी के चलते विदेश जाते हैं, लेकिन अगर अपने देश में ही सफलता मिल जाए, तो युवाओं को बाहर जाने की क्या जरूरत है। व्यक्ति मेहनत व लगन से जीवन में सफलता हासिल करना चाहता है, तो उसे कोई ताकत रोक नहीं सकती है। इसलिए युवाओं को विदेश की बजाय देश ही रहकर भविष्य संवारना चाहिए। यह विचार पॉलीवुड अदाकारा जपजी खेहरा ने शुक्रवार को 'दैनिक जागरण' के साथ खास बातचीत करते हुए व्यक्त किए। वह लारेंस रोड स्थित श्री द इंडियन अवतार स्टोर का उद्घाटन करने के लिए अमृतसर पहुंची थीं।
अमृतसर से संबंधित अदाकारा जपजी खेहरा ने बताया कि अमृतसर में आकर उन्हें बेहद खुशी हुई है, क्योंकि उनके बचपन की कई यादें शहर से जुड़ी हुई हैं। अमृतसर के पास लगते गांव सारचूर में पैदा हुई जपजी खेहरा छोटी आयु में ही अपने परिवार के साथ ऑस्ट्रेलिया चली गई थीं। ऑस्ट्रेलिया में सेटल होने की बजाय उन्होंने अपने देश में ही आकर अपने कैरियर की शुरुआत की और अपनी मेहनत के बल पर सफलता हासिल की। उन्होंने साल-2006 में मिस वर्ल्ड पंजाबण का खिताब हासिल किया था, जिसके बाद फिल्मों में काम करने की ऑफर आने लगे।
साकारत्मक संदेश भी देना होता है मकसद
जपजी खेहरा ने बताया कि पिछले समय में उनकी आई पंजाबी फिल्मों को दर्शकों ने खासा पसंद किया है। वर्तमान समय में उनकी पंजाबी फिल्म 'अरदास करां' ने पहले ही सप्ताह में रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। आने वाले दिनों में 'मिट्टी-2' व 'जोरा-10 पार्ट टू' भी आने वाली हैं। उम्मीद है कि इन्हें भी दर्शक खूब पसंद करेंगे। उन्होंने कहा कि आर्टिस्ट का मकसद होता है कि उसकी कला के जरिए समाज को साकारत्मक संदेश दिया जाए। फिल्मों के जरिए दिए जाने वाले सामाजिक संदेशों को दर्शक भी खूब सराहते हैं।
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