पाक में घुस किया रेड, वापसी में उठा लाए एमएमजी
र¨वदर शर्मा, अमृतसर: पाकिस्तान के सीमा में सात किलोमीटर घुस कर रेड कर 20 लोगों को मार
र¨वदर शर्मा, अमृतसर: पाकिस्तान के सीमा में सात किलोमीटर घुस कर रेड कर 20 लोगों को मारना और वापस आते समय दुश्मन फौज की मीडियम मशीन गन (एमएमजी) उठा कर भारत ले आना किसी फिल्म के रोमांचक और खतरनाक सीन से कम नहीं था। 1971 में पाक के साथ हुए युद्ध को 46 साल बीत चुके हैं और 9 दिसंबर 1970 को दुश्मन फौज पर हमला कर तहस-नहस करना आज भी नहीं भूला। यह बात आज मूल रूप से अमृतसर के गांव मुरादपुरा व हाल में मुंबई में रह रहे ब्रिगेडियर सुरेश चंद्र शर्मा ने दैनिक जागरण के साथ 1971 के इंडो-पाक युद्ध की यादें साझा करने के दौरान कही।
ब्रिगेडियर सुरेश चंद्र शर्मा ने बताया कि उनके पिता इंडियन आर्मी में थे इसलिए उनकी शिक्षा देश के अलग-अलग शहरों में हुई। ग्रेजुएशन पुणे में मुकम्मल करने के बाद इंडियन आर्मी में सेकेंड लेफ्टीनेंट के तौर पर नियुक्ति पाई। भारतीय फौज से खास लगाव था क्योंकि परिवार में हमेशा ही सेना की ही बातें होती थी। उन्होंने बताया कि 3 दिसंबर 1971 को वह स्यालकोट सेक्टर में तैनात थे, तब उन्हें रेडियो से इंडो-पाक के बीच युद्ध शुरू होने की बात का पता चला।
ब्रिगेडियर शर्मा ने बताया कि 9 दिसंबर 1971 को उन्हें पाकिस्तान के करीब 10 किलोमीटर अंदर घुस कर रेड करने के हुक्म मिले। तब वे कैप्टन थे। पूरी तैयारी के बाद अपनी प्लाटून के साथ पाकिस्तान के अंदर घुस गए और पहले से तय एक खास लोकेशन पर हमला कर दिया। इस हमले में पाक के 20 जवान मारे गए। हमारे साथ कोई कैजुएल्टी नहीं हुई, जबकि पाक के जवाबी हमले में हमारे चार जवान जख्मी हुए, जिन्हें
हम उठाकर भारत ले आए। उन्होंने बताया कि पाक के अंदर घुसकर सफलतापूर्वक हमला किया और वापसी के समय अपने जख्मी जवानों के साथ-साथ पाकिस्तान सेना की एक मीडियम मशीन गन और पाक का गोली बारूद भी अपने साथ उठा लाए। उन्हें गर्व है भारतीय होने पर और कभी इंडियन आर्मी का हिस्सा बनने पर।