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अगर फ्रांस में लाकडाउन न लगता तो अमृतसर में हवा से तैयार हो जाती आक्सीजन

कोरोना महामारी के बाद अब देश आक्सीजन संकट के मुहाने पर खड़ा है। आक्सीजन के बगैर कई राज्यों में खलबली मची हुई है। ऐसी ही स्थिति जिले में भी उत्पन्न हुई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Apr 2021 05:00 AM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 05:00 AM (IST)
अगर फ्रांस में लाकडाउन न लगता तो अमृतसर में हवा से तैयार हो जाती आक्सीजन

नितिन धीमान, अमृतसर

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कोरोना महामारी के बाद अब देश आक्सीजन संकट के मुहाने पर खड़ा है। आक्सीजन के बगैर कई राज्यों में खलबली मची हुई है। ऐसी ही स्थिति जिले में भी उत्पन्न हुई। सितंबर-2020 में जब कोरोना की पहली लहर चरम पर पहुंच गई थी, तब केंद्र सरकार ने अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल में एयर बेस्ड आक्सीजन प्लांट लगाने को स्वीकृति दी थी। इसे आक्सीजन जेनरेटिग एक्ट्रेटर प्रणाली कहा जाता है। इस स्वचालित प्लांट के जरिए प्राकृतिक आक्सीजन को मेडिकल आक्सीजन में परिवर्तित कर आक्सीजन सिलेंडर भरे जा सकते हैं। मगर इस प्लांट पर कोरोना ने रोड़ा अटका दिया। असल में केंद्र सरकार फ्रांस से यह प्लांट खरीदने ही जा रही थी कि वहां लाकडाउन लग गया। फ्रांस की सरकार ने हर आयात व निर्यात पर रोक लगा दी। यदि यह प्लांट लग जाता तो नि:संदेह आक्सीजन संकट की स्थिति उत्पन्न नहीं होती। हालांकि अस्पताल प्रशासन इस संदर्भ में केंद्र सरकार से लगातार संपर्क बनाए हुए है। केंद्र सरकार फ्रांस में बैठे भारतीय दूतावास से बात कर प्लांट मंगवाने की कोशिश कर रही है।

इस प्लांट में एक ही समय में आक्सीजन गैस के पचास सिलेंडर तैयार किए जा सकते हैं। प्लांट में किसी प्रकार का केमिकल अथवा गैस की दरकार नहीं, सिर्फ प्राकृतिक आक्सीजन या यूं कहिए हवा से ही यह सिलेंडर भरने में सक्षम होता है। शुक्र है. जीएनडीएच में आ गई आक्सीजन

गुरुनानक देव अस्पताल में बीते सोमवार को आक्सीजन समाप्त होने की वजह से मरीज तड़पने लगे थे। मंगलवार को पांच टन लिक्विड आक्सीजन से भरे टैंकर व 310 आक्सीजन सिलेंडर यहां भेजे गए। इनसे तीन से चार दिन तक आक्सीजन की आपूर्ति जारी रहेगी। लिक्विड आक्सीजन को प्लांट में डालकर कंप्रेस कर एयर आक्सीजन बनाकर पाइपलाइन के जरिए विभिन्न वार्डों तक पहुंचाया जा रहा है। आज लिक्विड गैस का ही प्रयोग किया गया, आक्सीजन सिलेंडर पाइपलाइन से नहीं जोड़े गए। पल पल नजर रख रहे हैं: डा. केडी सिंह

अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. केडी सिंह का कहना है कि कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के बाद हम लगातार आक्सीजन की स्थिति पर नजर रख रहे हैं। गैसेज यूनिट में सिलेंडरों की उपलब्धता की पल-पल की जानकारी लेते हैं। पीछे से सप्लाई नहीं आने की वजह से ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई।


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