गुरु नानक अस्पताल में गायब हो रहे ऑक्सीजन सिलेंडर
गुरु नानक देव अस्पताल में ऑक्सीजन गैस सिलेंडर हो रहे है गायब।
नितिन धीमान, अमृतसर : वर्ष 2015 में ऑक्सीजन सिलेंडर फटने से चर्चा में आया गुरु नानक देव अस्पताल का गैसेज यूनिट अब फिर सुर्खियों में है। इस बार यहां सिलेंडर ब्लास्ट तो नहीं हुआ, लेकिन एक ऐसा 'धमाका' हुआ है जिससे कई बड़े सफेदपोशों के चेहरों से नकाब उड़ जाएगा। गैसेज यूनिट से रात के वक्त ऑक्सीजन से भरे सिलेंडर निकाले जाते हैं। किसी को शंका न हो इसलिए खाली सिलेंडर यहां रखवा दिए जाते हैं। अस्पताल प्रशासन को पुख्ता जानकारी मिली है कि कुछ कर्मचारी ऑक्सीजन के सिलेंडरों को निजी अस्पताल में भेजकर मोटी कमाई कर रहे हैं।
दरअसल, गुरु नानक देव अस्पताल में एक निजी कंपनी द्वारा ऑक्सीजन सिलेंडरों की आपूर्ति की जाती है। कंपनी का ट्रक प्रतिदिन सिलेंडर लेकर ऑक्सीजन यूनिट में पहुंचता है और इन सिलेंडरों को अंदर रखवा दिया जाता है। इन सिलेंडरों का लेखा-जोखा फार्मासिस्ट द्वारा किया जाता है। अस्पताल प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर ऑक्सीजन यूनिट के सामने सीसीटीवी कैमरा इंस्टाल किया था, लेकिन अब यह कैमरा भी गायब है। बीते मंगलवार को कैमरा गायब होने की जानकारी मिलने पर अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. जगदेव सिंह कुलार ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया। कमेटी ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट दे दी है। डॉ. कुलार ने बताया कि रिपोर्ट के अनुसार यह कैमरा 4 सितंबर को गायब हुआ है। हमें शंका है कि अस्पताल के कर्मचारी सिलेंडर गायब कर रहे हैं। इसकी पुष्टि के लिए प्रयास कर रहे हैं। हमने पुलिस को भी इस संदर्भ में लिखकर दिया है।
इधर, सिलेंडर बाहर जाने के मामले में अस्पताल के एक फार्मासिस्ट पर शक की सुई घूम रही है। अस्पताल प्रशासन ने इस विषय में फार्मासिस्ट से बात भी की, पर उसके माथे पर कोई शिकन नहीं। यदि इस मामले की निष्पक्ष जांच हुई तो यह निश्चित है कि कई अधिकारी भी बेनकाब होंगे, क्योंकि सिलेंडर की कमाई का हिस्सा ऊपर तक जाता है। प्रतिमाह 25 लाख रुपये की ऑक्सीजन मंगवाई जाती है गैसेज यूनिट में प्रतिमाह 22 से 25 लाख रुपये की ऑक्सीजन मंगवाई जाती है। 1200 बेडों वाले गुरु नानक देव अस्पताल में ऑक्सीजन की भारी मात्रा में सप्लाई से भी सवाल उठ रहे हैं। जानकारी के अनुसार पटियाला मेडिकल कॉलेज से संबंधित अस्पताल में प्रतिमाह एक लाख रुपये की ऑक्सीजन सप्लाई होती है। पटियाला मेडिकल कॉलेज में मरीजों उपचाराधीन संख्या गुरु नानक देव अस्पताल में आने वाले मरीजों की अपेक्षा कुछ ही कम है। इससे यह सवाल उठना लाजमी है कि 25 लाख रुपये की ऑक्सीजन आखिर जा कहां रही है। ऑक्सीजन उत्पादक प्लांट है, फिर भी खरीदते हैं ऑक्सीजन वर्ष 2012 में पंजाब सरकार ने जीएनडीएच में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करवाया था। अत्याधुनिक तकनीक से निर्मित इस प्लांट में ऑक्सीजन तैयार करने के लिए उपकरण इंस्टाल किए गए। सरकार का मकसद ऑक्सीजन की खरीद में खर्च होने वाली राशि को बचाकर इसका अस्पताल के अन्य कार्यों में सदुपयोग करना था। अफसोस, यह प्लांट आज तक शुरू नहीं किया जा सका। ऐसा माना जा रहा है कि कुछ कर्मचारी ही इस प्लांट को कार्यान्वित नहीं होने देना चाहते। यह सच है कि मेडिकल शिक्षा एवं खोज विभाग इस अस्पताल में मेडिकल सुपरिटेंडेंट के पद पर रहने वाले अधिकारी को छह से आठ महीने बाद स्थानांतरित कर देता है। जब तक नया अधिकारी काम समझता है उसे कुर्सी छोड़नी पड़ती है। यही वजह है कि ऑक्सीजन प्लांट की ओर किसी का ध्यान ही नहीं गया। अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. जगदेव सिंह कुलार का कहना है कि इस प्लांट को शुरू किया जाएगा। अस्पताल में ही ऑक्सीजन का उत्पादन होगा। इस बाबत मैंने पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी से बात की है। साथ ही विभाग के सेक्रेट्री से बात करके इस प्लांट को कार्यान्वित करने को कहा है। 100 से अधिक सिलेंडर बिके! 4 सितंबर को सीसीटीवी कैमरा गायब होने के बाद ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि गैसेज यूनिट से 100 से अधिक ऑक्सीजन से भरे सिलेंडर बाहर भेजे गए हैं। ये सिलेंडर शहर के एक निजी अस्पताल को बेचे गए। इन भरे हुए सिलेंडरों को बाहर भेजने से पहले इनके स्थान पर खाली सिलेंडर को पाइप के साथ जोड़ दिया गया, ताकि किसी को संदेह न हो। गैसेज यूनिट सुनसान जगह पर स्थित है। कितने सिलेंडर आए, कितने गए यह अंदर कार्यरत स्टाफ ही जानता है, पर कोई बताने को तैयार नहीं। प्रशासनिक अधिकारी भी यहां आते-जाते नहीं। शिकायत रजिस्टर हुआ गायब
डॉ. कुलार ने सीसीटीवी कैमरा गायब होने के मामले में अस्पताल में कार्यरत सुरक्षा कर्मचारियों से भी पूछताछ की है। इसी बीच जानकारी मिली है कि गुरु नानक देव अस्पताल में शिकायत के लिए रखा गया रजिस्टर भी गायब है। इस रजिस्टर में विभागीय कर्मचारियों एवं अधिकारियों की शिकायतें दर्ज हैं। यह रजिस्टर मेडिकल सुपरिटेंडेंट कार्यालय के समीप बने कक्ष में रखा जाता है। इसके गायब होने से कई तरह के सवाल उठने लगे हैं। डॉ. कुलार ने रजिस्टर गायब होने की सूचना थाना मजीठा रोड पुलिस को दी है।