अब एलयूटी देकर एक्सपोर्ट कर सकते हैं व्यापारी
विपिन कुमार राणा, अमृतसर : गुड्स एंड सर्विस टैक्स में केंद्र सरकार ने एक्सपोर्ट करने वालो
विपिन कुमार राणा, अमृतसर :
गुड्स एंड सर्विस टैक्स में केंद्र सरकार ने एक्सपोर्ट करने वालों की राह और ओर सुगम कर दी है। अब एक्सपोर्टर बिना बांड भरे अपना माल लेटर ऑफ अंडरटे¨कग (एलयूटी) लगाकर दूसरे देशों में भेज सकेंगे। इस बाबत सरकार द्वारा नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।
केंद्र सरकार द्वारा 4 अक्टूबर को नोटिफिकेशन 37-2017 जारी किया गया है। इसमें सेंट्रल टैक्स के मुताबिक जीएसटी में रजिस्टर्ड कारोबारी बिना आइजीएसटी का भुगतान किए एक्सपोर्ट करना चाहते हैं, वह लेटर ऑफ अंडर टे¨कग लगाकर एक्सपोर्ट कर सकते है। लेटर आफ अंडरटे¨कग रजिस्टर्ड पर्सन के लेटर हेड पर बनाई जाएगी और साथ में जीएसटी आरएफडी 11 में भरा जाएगा। इतना ही नहीं यह कंपनी के केस में मैने¨जग डायरेक्टर, फार्म के केस में वर्किंग पार्टनर और प्रोपराइटरशिप कंर्सन के केस में प्रोपराइटर के हस्ताक्षर के तहत बनाई जाएगी।
पहले ये होता था प्रावधान
पूर्व में जो कारोबारी फोरेन ट्रेड पॉलिसी में स्टेट्स होल्डर थे या फिर जिन्होंने अपनी पिछले साल में एक्सपोर्ट टर्नओवर का कम से कम दस फीसद हिस्सा फोरेन करंसी में लिया हो और ये राशि एक करोड़ से कम नहीं होनी चाहिए। यही लोग एक्सपोर्ट करते थे।
ये लोग नहीं ले पाएंगे एलयूटी
जीएसटी में पंजीकृत व्यापारी अगर सीएसजीटी एक्ट 2017, आइजीएसटी एक्ट 2017 या किसी भी मामले में अगर अढ़ाई की लाख टैक्स की चोरी में दोषी पाए गए है तो वे एलयूटी में एक्सपोर्ट नहीं कर पाएंगे। उनको एक्सपोर्ट के लिए बैंक गारंटी का बाउंड देना होगा।
एक्सपोर्ट को मिलेगा बढ़ावा : नवीन
जीएसटी प्रेक्टीशिनर एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्य नवीन सहगल ने कहा कि सरकार के नए नोटिफिकेशन से एक्सपोर्ट को बढ़ावा मिलेगा। एक्सपोर्ट के लिए बांड बनाने को लेकर व्यापारियों दिक्कतें कम होगी।
वर्किंग केपिटल नहीं होगी ब्लॉक : यथार्थ सहगल
सीए यथार्थ सहगल ने कहा कि बांड के साथ बतौर बैंक गारंटी जो राशि देनी पड़ती थी और उससे वर्किंग केपिटल ब्लॉक होती थी, उस समस्या से भी निजात मिलेगी।