अब भूख से नहीं बिलखते इंसान, सेवक ने किया भोजन का इंतजाम
। भूख से तड़पते लोगों को भरपेट भोजन खिलाने की एक छोटी सी पहल आज बड़ा उदाहरण बन चुकी है।
नितिन धीमान, अमृतसर
भूख से तड़पते लोगों को भरपेट भोजन खिलाने की एक छोटी सी पहल आज बड़ा उदाहरण बन चुकी है। अमेरिका निवासी मनजीत सिंह ने भूख से तड़पते लोगों को देखा तो उनका हृदय पसीज गया। उन्होंने ठान लिया कि कोई भी शख्स भूखा नहीं रहेगा। संकल्प पूरा करने के लिए उन्होंने पंजाब के 20 जिलों में स्थित सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क लंगर वितरण की सेवा शुरू की, जो एक साल से जारी है।
दरअसल, मनजीत सिंह कुछ वर्ष पूर्व अमेरिका से दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचे। अमृतसर स्थित श्री हरिमंदिर साहिब के प्रति अगाध श्रद्धा रखने वाले गुरु सेवक मनजीत सिंह ने दिल्ली एयरपोर्ट से अमृतसर तक की यात्रा पैदल ही शुरू की। रास्ते में सड़क के किनारे, फुटपाथों पर, ढाबों के बाहर हाथ फैलाकर बैठे लोगों को देखा। मनजीत सिंह उनके पास रुके। पूछा तो जवाब मिला, साहब हमने तीन दिन से खाना नहीं खाया। बच्चे भी भूखे पेट सो गए। यह सुनकर मनजीत सिंह अवाक रह गए। फौरन खाने का बंदोबस्त किया। कुछ लोग तो भूख से इतने व्याकुल थे कि 20-20 रोटियां खा गए। यह सब देखकर मनजीत सिंह ने मन ही मन ठान लिया कि ऐसे लोगों के लिए एक ऐसी रसोई बनाई जाए, जहां खाना तैयार कर पंजाब के भिन्न-भिन्न जिलों में भेजा जाए। सवाल यह था कि आखिर उन लोगों तक खाना कैसे पहुंचे, जो भूखे हैं। इसका जवाब उन्हें सरकारी अस्पतालों में मिला। अस्पतालों में मरीज उपचाराधीन रहते हैं और उनके परिजन भोजन के लिए इधर-उधर भटकते रहते हैं। रात के समय सरकारी अस्पतालों के आसपास बेबस लोग भी आकर सो जाते हैं। इन सबको भोजन का अधिकार देने के लिए मनजीत सिंह ने होशियारपुर में चंडीगढ़ रोड पर दो एकड़ क्षेत्रफल में रसोई का निर्माण करवाया। इस नेक काम को गुरु के नाम से शुरू किया गया। मनजीत सिंह ने 'धन श्री गुरु रामदास लंगर सेवा' के नाम से लंगर वितरण का क्रम शुरू कर दिया। रसोई से तैयार लंगर पंजाब के 20 सरकारी अस्पतालों में भेजा जाने लगा। अमृतसर स्थित गुरु नानक देव अस्पताल में दोपहर बारह बजे चंडीगढ़ से तैयार लंगर पहुंचता है और लोगों को निशुल्क वितरित किया जाता है। लोग लंगर खाकर वाहेगुरु का जाप करते हैं।
लंगर सेवा का जिम्मा होशियारपुर निवासी किसान गुरलियाकत सिंह बराड़ को सौंपा गया है। उनका कहना है कि इस रसोई में तैयार लंगर खन्ना, होशियारपुर, जालंधर, नकोदर, फगवाड़ा, फिल्लौर, गढ़शंकर, नवांशहर, रोपड़, कपूरथला, दसूहा, मुकेरियां, गुरदासपुर, बटाला व अमृतसर स्थित सरकारी अस्पतालों में भेजा जाता है। मनजीत सिंह इस नेक काम के लिए राशि भेजते हैं। अब तो संगत भी स्वेच्छा से आर्थिक योगदान दे रही है।
आधुनिक रसोई में रोटी बनाने की मशीनें लगी हैं। रसोई का मैन्यू हर रोज अलग होता है। लोगों के लिए काले चने, सफेद चने, आलू-वड़ियां, प्रशादे, चावल व सब्जी तैयार किए जाते हैं। भोजन को पैक कर भेजा जाता है और लोगों को परोसा जाता है।