21 सिख युवाओं के कत्ल मामले में पंजाब सरकार और कैप्टन को नोटिस
राषट्रीय मानवाधिकार आयोग ने चंद्रशेखर के प्रधानमंत्री काल में सरेंडर करने वाले 21 सिख युवाओं की कथित हत्या मामले में सीएम अमरिंदर सिंह और पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया है।
जेएनएन, अमृतसर। तत्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के कार्यकाल के दौरान 21 सिख युवाओं की कथित रूप से हत्या का मामला गर्माने लगा है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पंजाब सरकार के मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री को से जवाब तलब किया है। आयोग ने इस संबंध में चार सप्ताह में जवाब देने को कहा है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस बारे में अपनी किताब में अारोप लगाया था।
बता दें कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी पुस्तक में लिखा था कि उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के शासनकाल में उनके समक्ष 21 सिख उग्रपंथी युवाओं का आत्मसमर्पण कराया था। करीब छह महीने बाद उन्हें पता चला कि इप सभी की हत्या कर दी गई।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा
कैप्टन के इस खुलासे के बाद यह मामला गर्मा गया। इस संबंध में दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान मंजीत सिंह जीके ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में एक आवेदन दायर किया था। जीके ने अपनी याचिका मेें 21 युवाओं की हत्या के लिए आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दायर करने, आरोपी पुलिस अधिकारियों के नाम बताने और मारे गए युवाओं के परिवारों को मुआवजा दिया जाए।
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याचिका में पंजाब पुलिस के डीजीपी, सीबीआइ के निदेशक और दिल्ली पुलिस के कमिश्नर को भी पक्ष बनाया गया है। दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान मंजीत सिंह जीके ने कहा कि कैप्टन ने मुख्यमंत्री होने के बावजूद युवाओं के नाम बताने पर चुप्पी साधी है। याचिका की सुनवाई के बाद आयोग ने पंजाब सरकार से चार सप्ताह में जवाब देने को कहा है।
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