नहीं मिल रही दवा, कैसे छूटेगा नशा
नितिन धीमान, अमृतसर : नशे के खिलाफ निर्णायक जंग लड़ने की बात कहने वाली सरकार नशा मुक्ति
नितिन धीमान, अमृतसर : नशे के खिलाफ निर्णायक जंग लड़ने की बात कहने वाली सरकार नशा मुक्ति केंद्र में मरीजों को दवाइयां उपलब्ध नहीं करवा पा रही। नशा छोड़ने का संकल्प लेकर नशा मुक्ति केंद्र में पहुंचने वाले नशेड़ियों को भारी मायूसी का सामना करना पड़ रहा है।
अमृतसर के सरकारी मेडिकल कॉलेज स्थित स्वामी विवेकानंद नशा मुक्ति केंद्र में दवाइयां न होने के कारण इन दिनों नशेड़ियों की संख्या में अप्रत्याशित ढंग से कमी आई है।
दरअसल, पिछले दस महीनों से नशा मुक्ति केंद्र में बुप्रेनॉरफिन दवा नहीं है। यह दवा पूर्व में चंडीगढ़ से अमृतसर भेजी जाती थी, लेकिन सरकार ने अचानक दवा भेजने पर रोक लगा दी। कारण क्या रहा, यह कोई बताने को तैयार नहीं, लेकिन नशेड़ियों को बचाने के लिए नशा मुक्ति केंद्र प्रशासन की ओर से बुप्रेनॉरफिन दवा की लोकल परचेज की गई। एक कंपनी द्वारा इस केंद्र में दवा भेजी जाती रही। इसी बीच नशा मुक्ति केंद्र के प्रभारी डॉ. पीडी गर्ग सेवामुक्त हो गए। इसके बाद से ही निजी कंपनी द्वारा दवाइयां भेजी नहीं गई। इंडोर में दाखिल नशेड़ी दवा न मिलने के कारण व्याकुल हैं।
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नशे का तोड़ है यह दवा
बुप्रेनॉरफिन दवा नशे का तोड़ है। मसलन, नशावृत्ति में फंसे लोगों को नशे की तोड़ न उठे इसलिए यह दवा सीमित मात्रा में उन्हें खिलाई जाती है। तीन से चार महीने दवा का सेवन करने के पश्चात नशेड़ी अपने आत्मबल के साथ नशे को छोड़ सकता है।
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सरकारी सप्लाई बंद क्यों हुई
पिछली अकाली-भाजपा सरकार ने अचानक दवा की आपूर्ति बंद कर दी थी। बताया जाता है कि प्रदेश के एक नशा मुक्ति केंद्र में बुप्रेनॉरफिन दवा के दुरुपयोग की शिकायतें मिली थीं। इन दवाओं को नशे के रूप में ही इस्तेमाल किया जा रहा था। ऐसे में तत्कालीन सरकार ने इन दवाओं की सप्लाई बंद कर दी।
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डीसी से बैठक के बाद निकलेगा हल : डॉ. अरोड़ा
स्वामी विवेकानंद नशा मुक्ति केंद्र के प्रभारी डॉ. राजीव अरोड़ा मानते हैं कि बुप्रेनॉरफिन न होने की वजह से मरीजों को परेशानी आ रही है। इस संदर्भ में जल्द ही डिप्टी कमिश्नर से बैठक कर दवाओं का मुद्दा उठाया जाएगा। लोकल लेवल पर दवाओं की परचेज के लिए डीसी की अनुमति मिलने के बाद दवाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी।