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जीएनडीएच और सिविल अस्पताल में दवाइयों की भारी किल्लत

गुरुनानक देव अस्पताल में स्थित एक दवा केंद्र में न ओरएसएस का घोल है और न ही पैरासिटामोल।

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 Jun 2022 11:00 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jun 2022 11:00 AM (IST)
जीएनडीएच और सिविल अस्पताल में दवाइयों की भारी किल्लत
जीएनडीएच और सिविल अस्पताल में दवाइयों की भारी किल्लत

नितिन धीमान, अमृतसर: पंजाब के प्रमुख चिकित्सा संस्थान गुरु नानक देव अस्पताल (जीएनडीएच) में स्थित एक दवा केंद्र में न ओरएसएस का घोल है और न ही पैरासिटामोल। यहां पिछले चार माह से दवाएं नहीं मिल रहीं। यहां पर जच्चा-बच्चा वार्ड अस्पताल की गगनचुंबी इमारत है। इसी इमारत के प्रवेश द्वार पर वर्ष 2012 में दवा केंद्र स्थापित किया गया था। मकसद तो गर्भवती महिलाओं व बच्चों को निश्शुल्क दवाएं उपलब्ध करवाना था, पर शुश्रुआत से आज तक यहां कभी दवाओं की आपूर्ति पूरी नहीं हुई।

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दैनिक जागरण के संवाददाता ने दवा केंद्र में पहुंचकर स्टाफ से साधारण सा ओआरएस का पैकैट देने को कहा, आंखें बंद कर कर्मचारी ने गर्दन दायें से बायें घुमा दी। उसका अभिप्राय यह था कि ओआरएस नहीं है। फिर पैरासिटोमोल सिरप मांगा। उसने पुन: आंखें बंद कीं और गर्दन घुमा दी। उम्मीद तो नहीं थी, फिर भी तरल कैल्शियम व आयरन मांगा, नाउम्मीदी ही मिली। जब जाने लगे तो कर्मचारी बोला तरल रूप में तो नही है, पर गोली मिल जाएगी। उससे कहा गया कि दो या तीन वर्ष का बच्चा गोली कैसे निगलेगा? इस पर वह निरुत्तर हो गया।

बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने का दावा कर सत्तासीन हुई आम आदमी पार्टी की सरकार ने सरकारी अस्पतालों की दशा व दिशा की सार नहीं ली। पदभार ग्रहण करने के बाद कुछ विधायकों ने सरकारी अस्पतालों में औचक निरीक्षण के नाम पर डाक्टरों व कर्मचारियों का हाजिरी रजिस्टर चेक किया। मरीजों से बात की और यह डाक्टरों को ड्यूटी के प्रति समर्पित होने एवं अस्पताल में उपलब्ध दवाएं लिखने की घुट्टी पिलाकर चलते बने। असल में यह सब दिखावे की राजनीति रही। सरकारी अस्पतालों में डाक्टरों व सहयोगी स्टाफ की कमी तो है ही, दवाओं का भी घोर संकट है। एक वर्ष से बंद है जन औषधि

इधर, सिविल अस्पताल स्थित देश का पहला जन औषधि केंद्र एक साल बाद भी ताले में जकड़ा है। इस केंद्र को खुलवाने की दिशा में अभी तक ठोस कदम नहीं उठाए गए। रेडक्रास द्वारा संचालित इस केंद्र को अब सरकार ने सिविल अस्पताल को सौंपा है, पर कुछ विभागीय अड़चनों की वजह से बंद ताला खुल नहीं पा रहा। जेनरिक दवाओं की आपूर्ति करने वाले इस केंद्र में ताला लटका देख मरीजों का मुंह भी लटक जाता है। ऐसी ही स्थित जिले के प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की हैं। यहां भी दवाओं की कमी आड़े आ रही है। सप्लाई धीमी, इसलिए दवाओं की कमी : डा. नरिदर

गुरुनानक देव अस्पताल के उप चिकित्सा अधीक्षक डा. नरिदर सिंह ने कहा कि दवाओं की आपूर्ति पिछले काफी समय से नहीं हो रही। अब हमने लुधियाना की उदय एजेंसी से संपर्क किया है। एजेंसी द्वारा भी दवाओं की सप्लाई धीमी गति से की जा रही है। इस वजह से परेशानी आ रही है। एक सप्ताह के भीतर हम सारी व्यवस्था दुरुस्त कर देंगे।


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