मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा बोले- आतंकवाद के बाद नशे ने पंजाब का किया खोखला
ब्रह्म मोहिंदरा ने कहा कि पंजाब ने पहले आतंकवाद का दर्द सहा और पिछले दो दशकों से नारको टेरेरिज्म के कारण पंजाब बुरे हालात से गुजर रहा है।
जेएनएन, अमृतसर। सूबे के स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा ने कहा कि पंजाब ने पहले आतंकवाद का दर्द सहा और पिछले दो दशकों से नारको टेरेरिज्म के कारण पंजाब बुरे हालात से गुजर रहा है। इस स्थिति से निकलने के लिए पंजाब सरकार तत्पर है, लेकिन प्रदेश की जनता को भी सरकार का सहयोग करना होगा। स्वास्थ्य मंत्री अमृतसर स्थित फोरएस स्कूल में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मोहिंदरा ने कहा कि सरकार ने नशे की सप्लाई लाइन काट दी है। ऐसे हालात में नशा कारोबारी या तो काला कारोबार छोड़ चुके हैं या फिर जेल की सलाखों के पीछे हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब में नशे के साथ-साथ हैपेटाइटिस-सी नामक बीमारी भी तेजी से पनप रही है। एक ही सीङ्क्षरज से नशे का इस्तेमाल करने वाले नशेड़ी अनजाने में इस खतरनाक बीमारी की जद में आ गए हैं। सूबे में इस वक्त 50,000 हैपेटाइटिस-सी सी पीडि़त मरीजों का सरकारी अस्पतालों में उपचार चल रहा हे। सरकार ने मरीजों ट्रीटमेंट के लिए 28 करोड़ रुपये जारी किए हैं।
मोहिंदरा ने कहा कि आज 80 फीसद देशों में ड्रग्स का कोरोबार चल रहा है। यह एक ऐसी अंतरराष्ट्रीय साजिश है, जिससे युवाओं को नशेड़ी बनाया जा रहा है। नशे पर राजनीति कतई नहीं होनी चाहिए। हमने नशे के खिलाफ जंग छेड़ दी है। पंजाब को ड्रग फ्री बनाना ही एकमात्र मकसद है।
नशे की ओवरडोज के कारण नहीं हुई मौतें
पंजाब में नशे के कारण हुई मौतों के संदर्भ में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ये मौतें नशा न मिलने के कारण हुई हैं। लोग इसे नशे की ओवरडोज का नाम दे रहे हैं। नशेडिय़ों को सहानुभूति और उपचार की जरूरत है। उन्हें नशेड़ी कहकर दुत्कारें नहीं। कहीं भी नशेड़ी दिखे इसकी सूचना पुलिस को दें।
541 डॉक्टर होंगे भर्ती
सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी दूर करने को स्वास्थ्य विभाग 514 डॉक्टरों की नियुक्ति करेगा। ब्रह्म मोहिंदरा ने कहा कि विभाग ने वॉक-इन-इंटरव्यू रखी है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद जिन अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है, उसे दूर किया जाएगा। डेंटल कॉलेजों में भी स्टाफ कमी दूर होगी, वहीं सिविल अस्पतालों में लेबोरेट्री अटेंडेंट के रिक्त पद भी भरे जाएंगे। मंत्री ने माना कि विभाग के पास मनोचिकित्सकों की कमी है। यह सब इसलिए हुआ क्योंकि पिछली सरकार ने दस सालों तक डॉक्टरों की भर्ती नहीं की।