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कोरोना से लड़ने को तैयार चिकित्सा तंत्र : डा. पंकज

कोरोना से पूरी दुनिया जूझ रही है। भारत में भी इस वायरस में तेजी से पैर पसारे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 06:50 PM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 06:50 PM (IST)
कोरोना से लड़ने को तैयार चिकित्सा तंत्र : डा. पंकज

जासं, अमृतसर : कोरोना से पूरी दुनिया जूझ रही है। भारत में भी इस वायरस में तेजी से पैर पसारे। लाकडाउन में क‌र्फ्यू जैसे हालात भी पैदा हुए। इन सबके बीच कोरोना वायरस पर लगातार शोध जारी है। कई ऐसे तथ्य हैं जो अभी तक अनसुलझे हैं। होम आइसोलेट और अस्पताल में उपचाराधीन मरीज के स्वस्थ होने की समय अवधि अलग-अलग है।

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क्रिटिकल मरीज को क्रिटिकल केयर मैनेजमेंट के अनुसार ही ट्रीटमेंट देना जरूरी है। अमृतसर के ईएमसी अस्पताल में 650 कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज किया जा चुका है। यहां कोविड मैनेजमेंट के अनुसार मरीजों का उपचार किया जा रहा है। शुक्रवार को ईएमसी अस्पताल के क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट के डायरेक्टर पंकज सोनी ने कहा कि कोविड-19 का उपचार टीम वर्क के साथ किया जा रहा है। जिसमें रेमेडिसविर दवाई काफी कारगर साबित हो रही है। आजकल जो मरीज अस्पताल में आ रहे हैं वह काफी गंभीर हैं। क्योंकि होम आइसोलेट होने के बाद वे निर्धारित गाइडलाइन के अनुसार जरूरी दवाओं का सेवन व सावधानियां नहीं बरत रहे। वहीं जिन की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है उन्हें यह वायरस बुरी तरह नुकसान पहुंचा सकता है। डॉ. पंकज ने कहा कि सर्दियों में कोरोनावायरस और आक्रामक हो सकता है। हम दूसरी लहर की तरफ बढ़ रहे हैं। इसकी पहली लहर आई थी तब ऐसी धारणा थी कि भारतीयों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी है, पर हम गलत थे। भारत में 90 लाख से अधिक पाजिटिव केस आ चुके हैं और दूसरी लहर का खतरा लगातार बरकरार है। वैसे दूसरी लहर के लिए चिकित्सा जगत पूरी तरह तैयार है, क्योंकि पहली लहर में ही इस वायरस से लड़ने, बचने व उपचार के तरीके अपना लिए गए थे, जो दूसरी लहर में भी विकसित रूप में कारगर साबित होंगे।

उन्होंने कहा कि उदाहरण के तौर पर अप्रैल में भारत में पीपीई किट की प्रोडक्शन जीरो थी। अब हम प्रतिदिन तीन लाख किट बनाने की क्षमता रखते हैं। देश में 70 हजार आईसीयू बेड थे, जो अब दो लाख से अधिक हैं। डा. पंकज ने कहा कि यह जरूरी है कि लोग सरकार द्वारा जारी हर गाइडलाइन का पालन करें।


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