691 किरायेदारों को मालिकी देने का प्रोसेस पूरा करने को टीम तैनात
। नगर निगम के एस्टेट विभाग द्वारा 691 किरायेदारों को मालिकी देने की प्रक्रिया जारी है।
विपिन कुमार राणा, अमृतसर
नगर निगम के एस्टेट विभाग द्वारा 691 किरायेदारों को मालिकी देने की प्रक्रिया जारी है। इसे अंतिम रूप देने के लिए कमिश्नर ने आठ सदस्यीय टीम गठित कर दी है, जो इस प्रोसेस को पूरा करेगी और अपनी रिपोर्ट 15 दिनों में विभाग को देगी। एमटीपी व सिविल विभाग के ड्राफ्टमैनों की टीम को यह काम सौंप गया है और शहर में बनी हुई निगम की मार्केटों के मुताबिक उनमें काम बांट दिया गया है। यह टीम दुकानों की मिनती, रकबा आदि का ब्यौरा तैयार करेगी।
कमिश्नर के आदेशों के मुताबिक एमटीपी विभाग के ड्राफ्टमैन राजन खन्ना पुल पौड़िया, पुरानी दुकानें गोलबाग बाहरवार हाथी गेट, फायर मार्कीट चित्रा सिनेमा की 56 दुकानों का काम देखेंगे। इसी तरह सिविल विभाग के ड्राफ्टमैन हरमनजोत सिंह पीबीएन स्कूल की बाहर बनी हुई दुकानों, रामबाग ए,बी,सी,डी,एफ ब्लाक, आइडीएच मार्केट ग्राउंड व पहली मंजिल की 66 दुकानों, सिविल विभाग के ड्राफ्टमैन सुमित एसबीएस मार्केट, रामबाग सब्जीमंडी, राम बाग नजदीक पानी की टंकी, भूषणपुरा ब्लाक ए,बी और सी की 81 दुकानों, एमटीपी विभाग के ड्राफ्टमैन नवदीप कुमार इंद्र पैलेस रोड, डीडी भाटिया मार्केट, शेरांवाला गेट, महा सिंह गेट ए व बी ब्लाक की 76 दुकानों, सिविल विभाग के अजैब सिंह सामने गुरु रामदास अस्पताल, निशांत सिनेमा, कृष्णा सिनेमा, राज सिनेमा, गुरुद्वारा श्री शहीदां साहिब, बाहरवार लाहौरी गेट की 88 दुकानों, एमटीपी विभाग के सर्वेयर जगदीश राज बाहरवार भगतांवाला, सामने पावर हाउस कालोनी, बाहरवार चाटीविड गेट, सामने पेट्रोल पंप हुकम सिंह रोड, कटड़ा शेर सिंह, त्रिकोणी मार्केट ग्राउंड फ्लोर की 77 दुकानों, एमटीपी विभाग के सर्वेयर मनीश अरोड़ा कोट आत्मा सिंह मार्केट, कोट आत्मा सिंह ब्लाक ए, इमरजेंसी वार्ड की 73 दुकानों, एमटीपी विभाग के धीरज कुमार गोलबाग टैक्सी स्टैंड, मजीठा रोड, बाहरवार बेरी गेट और हकीमां गेट क 57 दुकानों की रिपोर्ट एस्टेट विभाग को देंगे। इन्हें दुकानों का ब्यौरा मुहैया करवाने की जिम्मेदारी एस्टेट विभाग की रहेगी और एक सप्ताह ये यह दुकानों की रकबे की रिपोर्ट एस्टेट विभाग को देंगे। 767 आवेदनों में योग्य पाए गए 691 मालिकी के अधिकार के लिए निगम के पास 767 आवेदन आए थे। स्क्रूटनी के बाद 691 दुकानदारों के केस योग्य पाए गए हैं। शहर की अहम 33 मार्केटों में चल रही इन किराये की दुकानों का मामला निगम सदन द्वारा क्लीयर करने के बाद अब अलाटमेंट की कार्रवाई ही शेष रह गई है, जिसे लेकर विभाग द्वारा एनडीसी मांगा गया है। विभाग के 1100 किरायेदारों में से 31 मार्च 2018 तक निगम के पास एक हजार रुपये के ड्राफ्ट के साथ 767 आवेदन आए थे। द पंजाब म्यूनिसिपल्टी वेस्टिंग आफ प्रोपराइटरी राइट अमेंडमेंट स्कीम 2017 के तहत निगम द्वारा किराएदारों को मालिकी के अधिकार दिए जा रहे हैं। मार्केट रेट पर मिलेगी मालिकी मालिकी की प्रक्रिया के तहत 40 गज से नीचे की दुकानों को मार्केट रेट पर दुकानें दी जाएगी और 40 गज के उपर वाली दुकानों को मार्केट रेट और पच्चीस फीसद आफ मार्केट रेट निगम को देना होगा। वैसे निगम की ज्यादा किराए की संपत्तियां चालीस गज से कम की हैं। कलेक्टर रेट व मार्कीट रेट सब रजिस्ट्रार अमृतसर वन द्वारा तस्दीक कर दिए गए हैं। स्कीम के तहत निगम के खाते में पैसे जमा होने के बाद एनओसी जारी की जाएगी, जिसके आधार पर रजिस्ट्री की जाएगी। किरायेदारों को मालिकी के अधिकार लेने के लिए नथिग ड्यू सर्टिफिकेट (एनडीसी) देना होगा। एस्टेट विभाग ने मालिकी के अधिकार देने की कवायद में सभी को नोटिस जारी किए थे और सात दिनों में एनडीसी जमा करवाने को कहा था। एनडीसी क्लीयर होने के बाद ही मालिकी
20 साल से निगम की दुकानों पर बतौर किरायेदार काबिज दुकानदारों को मालिकी का अधिकार लेने से पहले एस्टेट विभाग द्वारा दी गई औपचारिकताओं को पूरा करना होगा। विभिन्न विभागों से नथिग ड्यू सर्टिफिकेट लेना है। जिसमें लैंड विभाग से किराये, जीएसटी, सर्विस टैक्स का एनडीसी, वाटर सप्लाई व सीवरेज विभाग से एनडीसी के अलावा लाइसेंस से भी एनडीसी लेना है। इसके अलावा किरायेदार को दुकान की फोटो व अलाटी सहित विभाग के समक्ष पेश होना था, ताकि स्पष्ट हो सके कि काबिज कौन है। 60 से 70 करोड़ की आय की संभावना लंबे समय से निगम के किरायेदार उचित दाम पर उन्हें जगहों की मालिकी देने की गुहार लगाते रहे हैं। पूर्व अकाली-भाजपा सरकार ने उनकी सुनी और इस बाबत प्रक्रिया शुरू की। अब कांग्रेस सरकार में निगम के एस्टेट विभाग द्वारा की गई कवायद में 691 संस्थानों से आवेदन प्राप्त कर लिए हैं। निगम को इनसे ही लगभग 60 से 70 करोड़ की आय का अनुमान है। आर्थिक मंदहाली से जूझ रहे निगम को इससे खासी उम्मीदें है, पर लगातार लटकते आ रहे मामले की वजह से सारा काम अधर में फंसा हुआ है। निगम को रेवेन्यू, किरायेदारों को मिलेगी मालिकी : मेयर मेयर करमजीत सिंह रिंटू ने कहा कि निगम के किरायेदारों को मालिकी देने का प्रोसेस जारी है। इसमें थोड़ी देरी जरूर हुई है, पर अब जल्द ही बिना किसी देरी के मालिकी के अधिकार ट्रांसफर कर दिए जाएंगे। इससे निगम को जहां रेवेन्यू आएगा, वही सालों से चले आ रहे किरायेदारों को भी दुकानों की मालिकी का अधिकार मिलेगा। एनडीसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब आठ सदस्यीय टीम इसकी मिनती व रकबा निर्धारित करने के लिए लगा दी गई है और यह टीम 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट देगा।