पर्यावरण योजनाओं पर लॉकडाउन, लटका पौधरोपण प्रोग्राम
पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने के लिए हर साल लाखों पौधे लगाए जाते हैं। लेकिन इस बार कोरोना वायरस ने केंद्र और भारत सरकार के सबसे बड़े प्रोग्राम को लटका दिया है। अभी तक इसे लेकर किसी भी तरह की मन्जूरी विभाग के पास नहीं आई है। क्
रविदर शर्मा, अमृतसर : पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने के लिए हर साल लाखों पौधे लगाए जाते हैं। इस बार कोरोना वायरस ने केंद्र और भारत सरकार के सबसे बड़े प्रोग्राम को लटका दिया है। अभी तक इसे लेकर किसी भी तरह की मंजूरी विभाग के पास नहीं आई है। मौजूदा में केंद्र और राज्य सरकारें लोगों की जिदगी बचाने में लगी हुई हैं। जंगलात विभाग और अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (विकास) ने इसे लेकर बड़े स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं ताकि पौधरोपण को मंजूरी के तुरंत बाद इस प्रोग्राम सफलतापूर्वक मुकम्मल किया जा सके।
जंगलात विभाग ने पिछले साल बनी नई सड़कों तथा नए लगे पेट्रोल पंपों के आंकड़ों को जुटाया जा चुका है। जंगलात विभाग ने इसके लिए एक जनवरी से लेकर 21 मार्च तक अमृतसर और तरनतारन में पौधारोपण के लिए करीब डेढ़ लाख खड्डे निकाल लिए हैं। पंजाब में सुबह सात बजे से लेकर सायं सात बजे तक कर्फ्यू हटाए जाने के बाद जहां कारोबार शुरू हुआ तो वहीं पंजाब और केंद्र सरकारों के विभागों में भी काम शुरू हो गया। पौधारोपण के लिए अभी तक न तो केंद्र सरकार की तरफ से कोई प्रस्ताव आया और न हीं पंजाब सरकार ने इसके लिए कोई योजना बनाई है। बाक्स
जिला में नौ ब्लाक, 750 गांव और हैं 860 पंचायतें
अमृतसर जिला के नौ ब्लाकों में 750 गांव हैं। इन गांवों के लिए 860 पंचायतें हैं। पंचायतों की खाली जमीनों का खाका तैयार किया जा रहा है। नव-नियुक्त अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर रणबीर सिंह ने वीरवार को अपना पदभार ग्रहण करने के बाद पिछले साल के आंकड़ों के मुताबिक काम शुरू कर दिया है, ताकि जैसे ही सरकार की ओर से इस बाबत आदेश आएं तो युद्ध स्तर पर पौधरोपण का काम शुरू किया जा सके। कोट्स ..
अमृतसर और तरनतारन में साल 2019-20 में पौधों की कटाई को पुर करने के लिए 2.5 लाख पौधे लगाए जाने हैं। 17 नर्सरियों में करीब चार लाख पौधे तैयार किए गए हैं। जनवरी से मार्च के बीच कुछ खड्डे खोदे गए जबकि कर्फ्यू के बाद काम ठप हो गया। सरकार के आदेश आते हैं, तो इसमें काम शुरू कर दिया जाएगा।
सुरजीत सिंह सहोता, डिवीजनल जंगलात अधिकारी, अमृतसर।