सोशल मीडिया और ग्राहकों के विश्वास से लाकडाउन के बाद फिर से ट्रैक पर लौटा कारोबार
कोविड-19 ने जैसे ही अपने पैर पसारने शुरू किए आम वर्ग से लेकर अधिकारी नेता हर किसी को चारदीवारी के अंदर सिमटने को मजबूर कर दिया।
जागरण संवाददाता, अमृतसर: कोविड-19 ने जैसे ही अपने पैर पसारने शुरू किए, आम वर्ग से लेकर अधिकारी, नेता हर किसी को चारदीवारी के अंदर सिमटने को मजबूर कर दिया। अर्थव्यवस्था एक दम से घुटनों को दम पर आ गई थी। छोटे व मध्यम कारोबारी जैसे उम्मीद ही छोड़ चुके थे। कारोबार बंद था। हालांकि जरूरी वस्तुओं वाले कारोबारियों को अपना सामान बेचने की छूट थी। मगर लाकडाउन के कारण लोग घर से बाहर नहीं निकल पा रहे थे। ऐसे में छूट वाले कारोबारियों की उम्मीद टूट रही थी। मगर ऐसे हालातों में ठीक उलट जाकर न केवल काम करना, बल्कि कारोबार को पटरी पर लाने को ही जिदगी कहते है। कुछ ऐसी ही सोच रखते हैं रणजीत एवेन्यू डी-ब्लाक स्थित लिट्टा फार्मेसी के मालिक तेजिदर सिंह।
उन्होंने न केवल अपने कारोबार को दोबारा से पैरों पर खड़ा किया, बल्कि अपने पूरे स्टाफ का साथ निभाते हुए बुरे दौर में मदद भी करते रहे। तेजिदर सिंह ने बताया कि भले लाकडाउन में उन्हें छूट थी कि वह अपना कारोबार खोल सकते हैं। लोगों की दवाइयों की जरूरत भी थी। ऐसे में उन तक दवाइया डिलीवर कर बड़ी चुनौती थी। मगर ऐसे हालातों से निपटने के लिए योजना बनाई। ग्राहकों के लिए एक नया वाट्सएप नंबर जारी किया। साथ ही यह कहा गया कि कोई भी दवाई लेनी है तो आने की जरूरत नहीं। उसे सीधा घर पर डिलीवर किया जाएगा। क्योंकि हालात यह बन गए थे कि किसी अन्य के हाथ से कुछ बना खाना तो दूर की बात, पास खड़ा होना भी मुनासिब न था। सोशल मीडिया के जरिए बताना शुरू किया कि किस तरह उनका स्टाफ पूरी तरह से सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए डिलीवरी दी जाती है। ऐसे में उनके पुराने ग्राहकों ने फिर से अपना प्यार और विश्वास दिखाया। जिससे धीरे-धीरे गाड़ी पटरी पर आनी शुरू हुई। मगर इस दौरान उनके पास यह भी चुनौती थी कि केवल ग्राहक ही नहीं बल्कि अपने पूरे स्टाफ की सुरक्षा का भी ध्यान रखना है। इसलिए सरकार की ओर से जारी हर एक गाइड लाइन का बड़े अच्छे से पालन किया गया।
तेजिदर सिंह ने बताया कि ग्राहकों ने उन पर अपना पूरा विश्वास और प्यार दिखाया। ग्राहकों ने अपने सुझाव भी देने से शुरू किए, जिससे पूरे कारोबार को फिर से पटरी पर लेकर आए। इसका नतीजा यह है कि ग्राहक फिर से पुराने विश्वास के साथ ही सामान खरीदना शुरू हो गया। केवल इतना ही नहीं पहले से भी ज्यादा आर्डर मिलने शुरू हो गए। ऐसे में उन्होंने अपने स्टोर पर डिलीवरी करने वाले लड़कों की संख्या को भी बढ़ाया और रोजगार पैदा करने में मदद की जा सकी।