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जोखिम में जान, खतरनाक कैल्शियम कार्बाइड से पकता है आम

फलों का राजा आम दिखने में जितना आकर्षक है, खाने में उससे भी ज्यादा स्वादिष्ट। गर्मियों में ठंडे रसीले आम बहुत खास हो जाते हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Jun 2018 08:29 PM (IST)Updated: Tue, 12 Jun 2018 08:29 PM (IST)
जोखिम में जान, खतरनाक कैल्शियम कार्बाइड से पकता है आम
जोखिम में जान, खतरनाक कैल्शियम कार्बाइड से पकता है आम

जागरण संवाददाता, अमृतसर

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फलों का राजा आम दिखने में जितना आकर्षक है, खाने में उससे भी ज्यादा स्वादिष्ट। गर्मियों में ठंडे रसीले आम बहुत खास हो जाते हैं। शहर की हर गली में पीले रंग के आम देखकर मुंह से पानी आना स्वाभाविक है, लेकिन कम लोगों को यह मालूम है कि आम पकाने के लिए हानिकारक कैल्शियम कार्बाइड का प्रयोग किया जाता है। आम खाकर सेहतमंद बनने का ख्वाब देखने वाले लोगों को प्रशासन ने हकीकत दिखाई है।

गुरु नगरी की सबसे बड़ी फल मार्केट में आम पकाने में कैल्शियम कार्बाइड का धड़ल्ले से प्रयोग किया जा रहा है। यह रसायन शरीर के लिए बहुत ही हानिकारक है। मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम सहित प्रशासनिक अधिकारियों ने हाल गेट स्थित फ्रूट मंडी में छापामारी की। इस मंडी के व्यापारी फल पकाने के लिए इसी कैल्शियम का सहारा ले रहे हैं। सरकारी अधिकारियों ने फ्रूट मार्केट से पंद्रह पेटी आम बरामद किए, जिन्हें कैल्शियम कार्बाइड से पकाया गया था। पेटियों में बंद आम आम को अधिकारियों ने उसी वक्त नष्ट करवा दिया। इसके साथ ही फ्रूट मार्केट से अनाधिकृत ढंग से पकाए जा रहे फलों के सैंपल लिए गए हैं। सैंपलों को जांच के लिए लेबोरेट्री भेजा गया है। यदि इसमें कैल्शियम कॉर्बाइड की मात्रा पाई गई तो संबंधित विक्रेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. लखबीर ¨सह भागोवालिया ने कहा कि तंदुरुस्त पंजाब मुहिम के तहत सभी सरकारी विभाग खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता का आकलन करने के लिए फील्ड में उतरे हैं। कैल्शियम कार्बाइड से फल पकाने पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाया गया है। इस पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान भी है।

इसी बीच फ्रूट एंड वेजीटेबल मर्चेंट यूनियन के प्रधान र¨वदर ¨सह सेखों ने अधिकारियों को आश्वासन दिया कि कोई भी विक्रेता अनाधिकृत ढंग से फल नहीं पकाएगा। फल पकाने के लिए अमृतसर में राइप¨नग प्लांट लगाया जाए। इसके लिए सरकार को सब्सिडी देनी चाहिए। भारत सरकार द्वारा कई शहरों में राइप¨नग प्लांट लगाए गए हैं। अमृतसर के व्यापारी पुरानी तकनीक से फल पकाने को इसलिए मजबूर हैं क्योंकि यहां प्लांट नहीं है। उन्होंने मांग की कि मंडी में एक हजार पौधे लगाए जाएं। गुर्जरों के डेरों को यहां से हटाया जाए। इस अवसर पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. लखबीर ¨सह भागोवालिया ने कहा कि व्यापारियों की यह मांग सरकार तक पहुंचाई जाएगी।

प्रशासनिक अधिकारियों की टीम में नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजू चौहान, तहसीलदार जेपी सलवान, बागवानी विभाग से बाज ¨सह, फूड सेफ्टी ऑफिसर अश्विनी कुमार व ज¨तदर विर्क सहित विभिन्न सरकारी विभागों के अधिकारी शामिल थे तथा यूनियन के जसपाल ¨सह सेठी, अमनप्रीत ¨सह, ज¨तदर ¨सह सेठी, राहुल ¨बद्रा, गौरव बहल, कश्मीर ¨सह चंडी आदि उपस्थित थे। खतरनाक है कैल्शियम कार्बाइड

प्रिवेंशन ऑफ फूड एल्ड्ररेशन एक्ट के तहत केंद्र सरकार ने फल पकाने में इस्तेमाल किए जाने वाले इस रसायन पर रोक लगा रखी है। इसमें हानिकारक आर्सेनिक और फॉस्फोरस होते हैं। कैल्शियम कार्बाइड से एसिटिलीन नाम की गैस का स्त्राव होता है। यह गैस अत्यधिक गर्मी उत्पन्न करती है। इसी गर्मी से फल पकते हैं। आमतौर पर इस गैस का इस्तेमाल ईंधन के रूप में किया जाता है। यहां तक कि वे¨ल्डग करने में भी यही गैस प्रयुक्त होती है। डॉक्टरों की मानें तो यह गैस इतनी जहरीली है कि इंसान के तंत्रिका तंत्र पर सीधा प्रहार करती है। इसके बावजूद देश भर में इस रसायन से फलों को पकाने का गोरखधंधा चल रहा है।


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