एसजीपीसी के अधिकारी ने किया था किरण के सराय में रहने का प्रबंध
-खुफिया एजेंसियां भी कर रही मामले की जांच, सीसीटीवी फुटेज भी कब्जे में ली --- जागरण संव
-खुफिया एजेंसियां भी कर रही मामले की जांच, सीसीटीवी फुटेज भी कब्जे में ली
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जागरण संवाददाता, अमृतसर: शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की ओर से पाकिस्तान भेजे गए जत्थे के साथ जाने वाली किरण बाला जत्थे में जाने से दो दिन पहले ही अमृतसर पहुंच गई थी और श्री हरिमंदिर साहिब की सराय में ही रही। चर्चा यह रही कि उसकी रिहायश का प्रबंध भी एसजीपीसी के एक अधिकारी ने किया था। यहां तक कि एक अधिकारी किरण बाला के साथ फोन पर संपर्क में भी रहा। पाकिस्तान पहुंचने के बाद भी एक अधिकारी का ¨लक फोन पर किरण बाला के साथ बना रहा था। उधर मामले की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा व गुप्तचर एजेंसियों ने मामले ने भी एसजीपीसी पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। वहीं, एसजीपीसी की जांच कमेटी कुछ लोगों ने कहना शुरू कर दिया है कि उनके पास मामले के संबंध में पूरा रिकॉर्ड नहीं पहुंचा, जिस को लेकर अब दोबारा बैठक बुलाई जाएगी।
सरकारी एजेंसियां अभी इस मामले को लेकर एसजीपीसी की ओर से की जा रही कार्रवाई पर नजर टिकाए बैठे हैं। इस मामले में अपनों का बचाव करते हुए एसजीपीसी के अध्यक्ष की ओर से गठित की गई जांच कमेटी कई तरह के आसान रास्ते देखने लग पड़ी है।
सुरक्षा एजेंसियों की ओर से की जा रही जांच में भी रिकॉर्ड इकट्ठा किया जा रहा है। पता चला है कि इस सारे घटनाक्रम का रिकॉर्ड और सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी गुप्तचर व सुरक्षा एजेंसियों ने अपने कब्जे में ले ली है। इस मामले की जांच के लिए एसजीपीसी के अध्यक्ष गो¨बद सिंह लोंगोवाल की ओर से गठित की गई जांच कमेटी की बैठक 10 दिन बीत जाने के बाद हुई, लेकिन किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पाई। सरकारी एजेंसियां एसजीपीसी की जांच कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार कर रही हैं। सुरक्षा एजेंसियों की ओर से किरण बाला मामले में सभी आरोपियों की पहचान करते हुए उनके खिलाफ पर्याप्त सुबूत इकट्ठा कर लिए हैं। शनिवार सारा दिन एसजीपीसी के गलियारों में यही चर्चा रही कि सब कुछ साफ है कि एसजीपीसी की किस सराय में किरण बाला को किस ने ठहराया है। उधर, जांच कमेटी के सदस्य भगवंत ¨सह सियालका, र¨वदर ¨सह चक्क, गुरतेज ¨सह ढड्डे और सु¨रदर ¨सह अब 13 या फिर 14 मई को दोबारा बैठक करके सारे रिकॉर्ड की जांच करेंगे। कमेटी को अपनी रिपोर्ट बीस दिनों में इस कमेटी ने एसजीपीसी के अध्यक्ष को सौंपनी है। एसजीपीसी अध्यक्ष गो¨बद ¨सह लोंगोवाल ने इस कमेटी का गठन 25 अप्रैल को किया था। मामले के संबंध में जब एसजीपीसी के अध्यक्ष गोबिंद ¨सह लोंगोवाल को पक्ष जानने के लिए बार बार संपर्क किया गया तो उनका फोन नंबर बंद आया।