ग्राहकों के पुराने विश्वास के साथ लाकडाउन में बिगड़े हालात में फिर से खड़ा किया कारोबार
कोरोना वायरस ने हर किसी को चोट पहुंचाई है। चाहे वह आर्थिक हो या फिर अन्य किसी तरह से।
जागरण संवाददाता, अमृतसर: कोरोना वायरस ने हर किसी को चोट पहुंचाई है। चाहे वह आर्थिक हो या फिर अन्य किसी तरह से। मगर अब यह भी तय है कि कोरोना के साथ ही जीने की आदत डालनी है। मगर कोरोना से लोग इतने ज्यादा डर गए कि अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चौपट होने के कगार पर पहुंच गई। छोटे व मध्यम कारोबारी जैसे उम्मीद ही छोड़ चुके थे। मगर इसी अंधेरे में फिर से एक छोटा-सा दीया जलाना और हर किसी को रास्ता दिखाना ही असल जिदगी है। कुछ ऐसी ही सोच रखते हैं पुतलीघर स्थित जौली स्वीट के मालिक संभव जौली उर्फ मन्नू।
उन्होंने न केवल अपने कारोबार को दोबारा से पैरो पर खड़ा किया, बल्कि अपने पूरे स्टाफ का साथ निभाते हुए बुरे दौर में मदद भी करते रहे। संभव ने बताया कि तीन महीने तक घर पर बैठे रहे। ऐसे में चिता सता तो संताने लगी थी क्योंकि उनके पास जो कर्मचारी पहले से काम कर रहे थे, उनको भी जरूरत थी। मगर ऐसे हालातो से निपटने के लिए योजना बनाई। उनका पूरा काम स्वीट और नमकीन है। ग्राहक लेने से भी गुरेज करने लगे थे, क्योंकि हालात यह बन गए थे कि किसी अन्य के हाथ से कुछ बना खाना तो दूर की बात, पास खड़ा होना भी मुनासिब न था। ऐसे हालातों से निपटने के लिए उन्होंने वापस अपने ग्राहको के साथ संपंर्क साधा। हालांकि बहुत मुशिकल समय था। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए बताना शुरू किया कि किस तरह उनके स्वीट शाप में पुख्ता इंतजाम करने के बाद ही मिठाइयां और अन्य सामान तैयार किया जाता है। साथ ही बताया कि उनका पूरा स्टाफ बहुत ही सुरक्षित तरीके से आपके घर पर भी डिलीवरी करने को तैयार है। लाकडाउन के बीच ही शादियों का भी सीजन था। ऐसे में उनके पुराने ग्राहको ने फिर से अपना प्यार और विश्वास दिखाया, जिससे धीरे-धीरे गाड़ी पटरी पर आनी शुरू हुई। मगर इस दौरान उनके पास यह भी चुनौती थी कि केवल ग्राहक ही नहीं बल्कि अपने पूरे स्टाफ की सुरक्षा का भी ध्यान रखना है। इसलिए सरकार की ओर से जारी हर एक गाइडलाइन का बड़े अच्छे से पालन किया गया।
संभव जौली ने बताया कि ग्राहकों ने उन पर अपना पूरा विश्वास और प्यार दिखाया। ग्राहकों ने अपने सुझाव भी देने शुरू किए, जिससे पूरे कारोबार को फिर से पटरी पर लाया गया। इसका नतीजा यह है कि ग्राहक फिर से पुराने विश्वास के साथ ही सामान खरीदना शुरू हो गए। केवल इतना ही नहीं पहले की ही तरह फिर से मिठाइयों व अन्य सामान के आर्डर भी मिलने शुरू हो गए।