पाकिस्तानी युवतियों के जाल में भारतीय सैनिकों को फंसा रही आइएसआइ
आइएसआइ पाकिस्तानी हसीनाओं के माध्यम से भारतीय सैनिकों को फंसा रही में है। पाकिस्तानी सुंदरियां फेसबुक के माध्यम से डोरे डालकर उनको फंसती हैं अोर फिर ब्लैकमेल करती है।
जेएनएन, अमृतसर। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ अब पाकिस्तानी हसीनाओं के माध्यम से भारतीय सैनिकों को फंसा रही में है। वह जाल में फंसे सैन्यकर्मियों काे ब्लैकमेल कर भारतीय सेना की खुफिया जानकारी हासिल करती है। ये पाकिस्तानी लड़कियां फेसबुक पर फेक आइडी से अकाउंट बनाकर उन्हें अपने जाल में फंसाती हैं। यह खुलासा आइएसअाइ के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार मोगा निवासी रवि कुमार ने किया है।
जांच एजेंसियों द्वारा की गई पूछताछ में रवि ने बताया है कि भारतीय सेना के खुफिया दस्तावेज और जरूरी जानकारियां हासिल करने के लिए आइएसआइ ने एक नया षड्यंत्र रचा है। इसके लिए पाकिस्तान की दो दर्जन से ज्यादा लड़कियां अपने फेसबुक अकाउंट से भारतीय सेना के रिटायर्ड अफसर, कार्यरत जवान और बॉर्डर से लगते इलाकों के बेरोजगार युवकों को फ्रेंड्स रिक्वेस्ट भेज कर अपने चंगुल में फंसा रही हैं। रवि को स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल ने वीरवार को गिरफ्तार किया है। पूछताछ के बाद उसकी निशानदेही पर कुछ खुफिया दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
आइएसआइ के कहने पर कई पाक युवतियां फर्जी फेसबुक अकाउंट से फंसती हैं सैन्यकर्मियों को
डीएसपी हरविंदर सिंह ने बताया कि मामला गंभीर है और जांच की जा रही है। न्यायाधीश सतीश कुमार की अदालत ने शुक्रवार को आरोपित को पांच दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। खुफिया विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पूछताछ में कई अहम खुलासे होने के बाद सुरक्षा एजेंसियां चौकस हो चुकी हैं।
बताया जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक पत्र भेजकर यह बताया गया है कि सेना के जवानों व अधिकारियों को इस बाबत जागरूक किया जाए कि अगर कोई अज्ञात लड़की की तरफ से फ्रेंड्स रिक्वेस्ट आती है तो उसे तुरंत स्वीकार न किया जाए।
सैन्य ठिकानों की जानकारी पाकिस्तान को भेजी
मोगा के धल्लेके निवासी रवि से पूछताछ में सामने आया है कि वह पिछले एक साल से पाक युवती के साथ फेसबुक पर बातें कर रहा है। उसके कहने पर वह पंजाब में कुछ सैन्य ठिकानों के आसपास भी घूमा और कुछ तथ्य एकत्र कर महिला को फेसुबक के माध्यम से जानकारी मुहैया करवाई थी। यह भी पता चला है कि पंजाब के कुछ अन्य जिलों में रहने वाले बेरोजगार युवाओं और सेना के जवानों से भी आइएसआइ 24 से ज्यादा युवतियों के माध्यम से चैटिंग कर रही हैं।
पुलिस की गिरफ्त में पाक जासूस रवि कुमार।
रवि के भाई-भाभी से की 8 घंटे पूछताछ
काउंटर इंटेलिजेंस की टीम ने रवि के भाई प्रदीप कुमार और प्रदीप की पत्नी अनीता रानी से मोगा के गांव तलवंडी भंगेरियां में शुक्रवार को लगातार आठ घंटे पूछताछ की। सुरक्षा बलों ने रवि कुमार के मोबाइल व पासपोर्ट को तो पहले ही हासिल कर लिया था, घर की तलाशी के दौरान कोई संदिग्ध दस्तावेज या सामान बरामद नहीं हुआ।
एक सप्ताह दुबई में रहा
गांव धल्लेके से सटी कोका कोला कंपनी के गोदाम में रवि कुमार अपने बड़े भाई प्रदीप कुमार के साथ बीते 12 साल से काम रहा था। उसके माता-पिता की दस साल पहले मौत हो चुकी है। रवि की भाभी अनीता ने बताया कि उसे कभी शक नहीं हुआ कि रवि किसी गलत संगत का शिकार है। अनीता के अनुसार उसके पति प्रदीप ने उसे बताया था कि रवि इसी साल फरवरी में घूमने के लिए दुबई गया था। करीब एक सप्ताह दुबई में रहकर आया है।
अपना मोबाइल किसी को छूने नहीं देता था
अनीता ने बताया कि रवि जब मोबाइल का प्रयोग करता था तो उसके बाद वह अपने मोबाइल को किसी को देखने तक नहीं देता था। जांच दल के एक सदस्य ने बताया कि रवि ने फेसबुक और वाट्सएप पर कई जाली अकाउंट बना रखे थे, जिसके जरिए वह आइएसआइ के संपर्क में आया।
सात माह पहले आइएसआइ के संपर्क में आया
रवि करीब सात माह पहले आइएसआइ के संपर्क में आया था। बीते करीब चार महीनों के दौरान वह फेसबुक के जरिए आने वाले आदेशों के बाद कई संदिग्ध इलाकों के नक्शे गूगल अर्थ के माध्यम से एकत्र कर अपने आकाओं को भेज चुका था। आशंका यह भी है कि वह फिरोजपुर और मोगा के आर्मी बेसकैंप की जानकारियां भी आइएसआइ तक पहुंचा चुका है। आठ हजार रुपये महीने की नौकरी और 8वीं पास व्यक्ति दुबई जाकर एक सप्ताह तक घूमता रहे, ये बात जांच एजेंसियों को हजम नहीं हो रही है। रवि कुमार के पासपोर्ट की भी नए सिरे जांच की जाएगी।
इन सवालों का जवाब तलाश रही पुलिस
रवि कुमार किसके कहने या बुलावे पर दुबई गया?
दुबई जाकर कहां-कहां और किसके संपर्क में रहा?
दुबई में एक सप्ताह तक उसको क्या नया टास्क दिया गया और इसके लिए उसे कैसी ट्रेङ्क्षनग दी गई?
इस पूरे काम के लिए आइएसआइ से उसे कितना व कैसे पैसा मिला?