इंफ्लुएंजा लैब में अगले सप्ताह से 96 की बजाय 320 टेस्ट होंगे
बढ़ते कोरोना को लेकर इंफ्लुएंजा लैब में अगले सप्ताह से 96 की बजाय 320 टेस्ट होंगे।
नितिन धीमान, अमृतसर : खतरनाक कोविड-19 खौफ का पर्याय बन गई है। इससे निपटने में जहां समूचा चिकित्सा वर्ग जुटा है, वहीं लेबोरेट्री में चौबीसों घंटे टेस्टिग प्रक्रिया चल रही है। सरकारी मेडिकल कॉलेज स्थित इंफ्लुएंजा लैब में इन दिनों सैंपल टेस्ट का बोझ बढ़ गया है। कोरोना को एक्सपोज करने वाली इस लैब में कार्यरत स्टाफ दिन रात काम में जुटा है।
2014 में स्थापित इस लैब में मॉनीक्यूलर बायोलॉजी से संबंधित 300 टेस्ट प्रतिमाह करने की आइसीएमआर ने स्वीकृति प्रदान की थी। वर्तमान में जब कोरोना का प्रकोप फैल चुका है तो इस लैब में हर रोज 96 सैंपलों की टेस्टिग की जा रही है। सैंपलों के बोझ की वजह से लैब को चौबीसों घंटे वर्किंग पर रखा गया है। इस लैब में अमृतसर, तरनतारन, कपूरथला, गुरदासपुर, पठानकोट जिलों से सैंपल टेस्ट हो रहे हैं। प्रतिदिन 100 से 120 सैंपल आ रहे हैं। शुरूआत में प्रतिदिन 15 सैंपलों की टेस्टिग की गई। इसके बाद इसे 40 किया गया। वर्तमान में 96 सैंपलों की जांच की जा रही है।
अहमदाबाद से टीम आकर करेगी इंस्टाल
आइसीएमआर द्वारा इस लैब में दो आरएन एक्सप्रेशर मशीनें भेजी गई हैं। इसी सप्ताह अहमदाबाद से तकनीकी टीम यहां पहुंचेगी और इन मशीनों को इंस्टॉल करेगी। इसके बाद लैब में सैंपल टेस्टिग की क्षमता 320 तक हो जाएगी।
सैंपल टेस्टिग में लगता है 20 घंटे तक का समय
लैब के प्रभारी डॉ. केडी सिंह के अनुसार हम लैब को चौबीसों घंटे कार्यान्वित कर रहे हैं। अब की जांच में 21 पॉजिटिव हैं। अमृतसर के नौ पॉजिटिव मरीज हैं। सैंपल टेस्टिग की प्रक्रिया में 15 से 20 घंटे का समय लगता है। लैब में कार्यरत स्टाफ का काम बेहद जोखिम भरा है। जैसे ही सैंपल को खोला जाता है इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। सैंपल टेस्टिग के लिए बनाए गए कक्ष में बायोसेफ्टी कैबिनेट सैंपल प्रोसेसिग होती है। जहां धूल का कण तो दूर हवा भी प्रवेश नहीं कर सकती। स्टाफ पूरी तरह कवर्ड होकर काम कर रहा है।
दो चरणों में होता है टेस्ट
लैब में सैंपल का दो चरणों में टेस्ट होता है। संदिग्ध मरीज के गले से लैब में लाए गए थ्रोट सैंपल की पहले चरण में ई—जीन की जांच होती है। इस रिपोर्ट के पॉजिटिव आने पर कन्फर्मेशन ओआरबी टेस्ट किया जाता है। लैब में है इनकी तैनात
लैब में डॉ. केडी सिंह के साथ एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शैलप्रीत कौर सिद्धू, रिसर्च असिस्टेंट डॉक्टर अपर्णदीप, डॉ. रूपिदर जीत कौर, लैब टेक्निशियन सिमरन, जगदीश कौर, विशाल व सुरजीत कार्यरत हैं।