बिजली दर में वृद्धि उपभोक्ताओं की जेब पर प्रहार : व्यापार मंडल
जागरण संवाददाता, अमृतसर : पंजाब सरकार द्वारा बिजली दरों में वृद्धि मंदी से गुजर रहे व्यापारिय
जागरण संवाददाता, अमृतसर : पंजाब सरकार द्वारा बिजली दरों में वृद्धि मंदी से गुजर रहे व्यापारियों पर किसी प्रहार से कम नहीं है। पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के प्रधान प्यारे लाल सेठ और महासचिव समीर जैन ने इस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बिजली के दाम कम करने की तिथि 1 नवंबर रखी गई है, लेकिन बड़े हुए दामों का एरियर 1 अप्रैल से लिया जाएगा, यह कहीं से भी तर्कसंगत नहीं है।
उन्होंने कहा कि पंजाब में पिछले दशक में 22 हजार औद्योगिक इकाइयां बंद हो गई और 62 हजार व्यापारियों ने अपने वैट नंबर वापिस कर दिए हैं। मौजूदा सरकार ने सभी व्यापारियों को राहत देने की बात कही थी, परंतु उद्योगों को 1 नवंबर से 5 रुपये यूनिट बिजली देने की बात कही गई है। शर्त यह रखी गई है कि वह 1 अप्रैल से बढ़ी हुई बिजली दर के हिसाब से बकाया चुकाए। यह शर्त उद्योगों के लिए राहत नहीं, यह तो व्यापारियों की जेब पर प्रहार है। नोटबंदी और जीएसटी की मार झेल रहे व्यापारी कार्यशील पूंजी की कमी से ग्रस्त है। ऐसे में 1 अप्रैल से बकाया वसूली पंजाब के उद्योग व व्यापार के लिए घातक साबित होगी।
पंजाब में बिजली के दरे पहले ही ज्यादा
उन्होंने कहा कि घरेलू उपभोक्ता के लिए 8 से 12 प्रतिशत, औद्योगिक कइयों के लिए 8.5 से 11.88 प्रतिशत वृद्धि कर बिजली रेगुलेटरी कमीशन ने सभी को चौका दिया। कैप्टन सरकार 1 नवंबर से उद्योगों को 5 रुपये प्रति यूनिट बिजली देने को वचनबद्ध है और दूसरी और रेगुलेटरी कमीशन का यह चाबुक सरकार की नीयत पर संदेह पैदा करता है। पंजाब में बिजली की दरें पहले ही •ा्यादा है, ऐसे में ओर वृद्धि कर मध्यम व छोटे वर्ग के व्यापारी की लागत बढ़ने से पंजाब में महंगाई ओर बढ़ेगी। व्यापारी जो माल 1 अप्रैल को उस समय की लागत के हिसाब से बेच चुका है, वह ग्राहक से बड़ी क़ीमत कैसे वसूल सकता है। ऐसे में जिस कैप्टन सरकार को शहरी वर्ग ने भारी बहुमत से विजय दिलाई है उस वर्ग पर यह प्रहार उचित नहीं।