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अमृतसर में आंदोलन की आड़ में पराली जला रहे किसान, विनी महाजन बोलीं- ऐसे किसान होंगे ब्लैक लिस्ट

पंजाब के अमृतसर क्षेत्र में पराली जलाने की घटनाओं पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण अथॉरिटी सख्त हो गई है।मुख्य सचिव को पत्र लिखकर ऐसी घटनाओं पर ध्यान देने को कहा है। विनी महाजन ने जवाब में कहा कि ऐसे किसानोंं को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 26 Sep 2020 10:10 AM (IST)Updated: Sat, 26 Sep 2020 10:10 AM (IST)
पंजाब में पराली जलाता किसान। (फाइल फोटो)

जेएनएन, चंडीगढ़/अमृतसर। अमृतसर जिले के कई हिस्सों में पराली जलाने की घटनाओं का प्रदूषण नियंत्रण अथॉरिटी (Environment Pollution (Prevention & Control) Authority) ने नोटिस लिया है। अथॉरिटी के चेयरमैन भूरेलाल ने राज्य की मुख्य सचिव विनी महाजन को पत्र लिख ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने और इस और ध्यान देने को कहा है।

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चेयरमैन के पत्र का जवाब देते हुए चीफ सेक्रेटरी विनी महाजन ने कहा है कि राज्य सरकार ने इन घटनाओं का गंभीरता से नोटिस लिया है। जिन किसानों ने पराली को जलाया है, उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एसडीएम को कहा गया है। उनके चालान हाल ही में लांच की गई नई ऐप के जरिए जारी किए गए हैं। इसके अलावा पटवारियों से कहा गया है कि जिन लोगों ने पराली को जलाया है उनके रेवेन्यू रिकॉर्ड में रेड एंड ट्री की जाए। उन्होंने आश्वासन दिया कि ऐसी घटनाएं न हों इसके लिए अधिकारियों को खास हिदायतें दी गई हैं।

पराली जलाने से रोकने के लिए 776 नोडल अधिकारी नियुक्त

किसान आंदोलन की आड़ में कुछ किसानों ने पराली को आग लगाना शुरू कर दिया है। जिला प्रशासन ने गांव स्तर पर पराली जलाने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई को अंजाम देने के लिए कमेटियां गठित करनी शुरू कर दी है। 777 गांवों में 776 नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं। पिछले तीन दिनों में पराली जलाने की सैटेलाइट से 55 रिपोर्टे मिली हैं।

डिप्टी कमिश्नर गुरप्रीत सिंह खैहरा ने कहा कि जिला में खेत में पराली जलाने वाली प्रत्येक स्थल पर सेक्टर अधिकारी पहुंचेंगे। खेत में पराली को आग लगाने वाले किसानों के चालान किए जाएंगे और उनकी जमीनों के रिकार्ड में रेड इंट्री दर्ज की जाएगी। डीसी ने शुक्रवार को यह योजना लागू करने के लिए अपने कार्यालय में अधिकारियों की बैठक भी की।

खैहरा ने कहा कि इसके लिए गांव स्तर पर टीमें गठित कर दी गई हैं। सेक्टर अधिकारी खेत में पराली को आग लगाए जाने की सूचना के तुरंत बाद मौके पर पहुंच कर रिपोर्ट करेगा। इसके लिए नोडल अधिकारियों और सेक्टर अधिकारियों को हिदायतें जारी कर दी गई हैं ताकि किसानों को पराली जलाने से रोका जा सके।

अमृतसर में पहले शुरू होती है धान की कटाई

पूरे पंजाब में सबसे पहले धान की कटाई अमृतसर में शुरू होती है और कई किसान सब्जी बीजने के चक्कर में पराली को खेत में ही आग लगाने के प्रयास करते हैं। इस वक्त धान की 1905 अगेती किस्म की कटाई शुरू हो गई है। उन्होंने इस पर सभी एसडीएम, नायब तहसीलदार, ब्लाक खेतीबाड़ी अधिकारियों और माल विभाग के सर्कल अधिकारियों के साथ वीडियो कांफेंस के जरिए मीटिंग की और निर्देश दिए कि वे अपने इलाकों में की गई योजनाबंदी के तहत प्रत्येक सेक्टर अधिकारी पर नजर रखें।


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