सेंट सारंगधर स्कूल के बच्चों ने समारोह में बिखेरे जलवे
सेंट सारंगधर सीनियर सेकेंडरी स्कूल का वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह गुरु नानक भवन में करवाया गया। शनिवार को आयोजित वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह में पूर्व सेहत मंत्री प्रोफेसर लक्ष्मी कांता चावला मुख्यातिथि के तौर पर शामिल हुई।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : सेंट सारंगधर सीनियर सेकेंडरी स्कूल का वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह गुरु नानक भवन में करवाया गया। शनिवार को आयोजित वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह में पूर्व सेहत मंत्री प्रोफेसर लक्ष्मी कांता चावला मुख्यातिथि के तौर पर शामिल हुई। उन्होंने कहा कि बच्चों ने समारोह में अपनी प्रतिभा के जलवे बिखरे हैं, जिससे सभी गदगद हुए। स्कूल की चेयरपर्सन सूक्ष्म शर्मा ने समारोह में पहुंचे अतिथिगणों का आभार व्यक्त किया और कहा कि समारोह में उनकी उपस्थिति ने चार चांद लगा दिए हैं। स्कूल के ¨प्रसिपल डॉ. रजनी डोगरा ने स्कूल की वार्षिक रिपोर्ट पढ़कर सुनाई। स्कूल के वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह में शिक्षा, खेल और अन्य गतिविधियों में पहला, दूसरा और तीसरा स्थान हासिल करने वाले छात्रों को सम्मानित किया गया। स्कूल के डायरेक्टर अश्विनी डोगरा ने पुरस्कार वितरण समारोह में पहुंचे मेहमानों को स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर स्कूल के अध्यक्ष अनिल शर्मा, उपाध्यक्ष डॉ. विमल छाबड़ा, पार्षद संध्या सिक्का, बीईईओ चंद्रप्रकाश शर्मा, एडवोकेट डीवी गुप्ता, शरी डोगरा, कुलभूषण शर्मा, माला चावला, पवन कुंदरा, जगदीश महाजन, सरपंच राजेश रैणा, डॉ. सुशील, ¨प्रसिपल द¨प्रदर कौर, अनीता, रमा महाजन आदि मौजूद थे। विद्यार्थियों के गिद्दे और भंगड़े ने किया थिरकने को मजबूर
समारोह में विद्यार्थियों ने रंगारंग व सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करके उपस्थित लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। शहीद-ए-आजम सरदार भगत ¨सह पर आधारित मार्मिक कोरियोग्राफी शहीदों को नमन ने दिलों को छू लिया। जबकि कन्या भ्रूण हत्या पर लड़की के आवश्यक अस्तित्व व महत्व पर सवालिया निशान छोड़ता हुआ नाटक तू ना आना इस देश ने उपस्थित लोगों को भावुक कर दिया। देशभक्ति का जज्बा, मार्शल आर्ट्स के करतब, अपनी विरासत को संभालने के संदेश और नन्हे-मुन्ने बच्चों की पेशकारी ने दिल है छोटा सा के जरिए खूब मन मोहा। समारोह के अंत में पंजाबी सभ्याचार को दर्शाता बच्चों ने गिद्दा-भंगड़ा पेश करते हुए खूब समा बांधा और सभी को थिरकने पर मजबूर कर दिया।