प्रत्यक्षदर्शियों का खुलासा- ऐसा होता तो रुक जाता अमृतसर हादसा, यह है गुनहगार
अमृतसर हादसे के प्रत्यक्षदर्शियाें ने मामले की जांच में गवाही देते हुए कहा कि यदि गेटमैन ने थोड़ी सी सतर्कता बरती होती तो इतनी भीषण घटना नहीं होती।
जेएनएन, अमृतसर। यहां जौड़ा फाटक हादसे की जांच में तेजी के साथ ही नए खुलासे होने लगे हैं। इस मामले में जाैड़ा फाटक के पास धोबी घाट मैदान में दशहरा कार्यक्रम अायोजित करने वाले सौरभ मदान उर्फ मिट्ठू मदान को समन जारी किया गया है। हादसे की जांच कर रहे जालंधर रेंज के कमिश्नर ने कहा कि जरूरत पड़ने पर डॉ. नवजोत कौर सिद्धू को भी समन भेजा जाएगा। दूसरी ओर, पीडि़तों व प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि रेलवे के गेटमैन ने थाेड़ी भी सतर्कता बरती होती तो हादसा रुक सकता था। घटना के पीडितों ने कहा कि कार्यक्रम के दौरान बार-बार मंच से रेलवे ट्रैक से हटने को कहा जा रहा था, लेकिन लोगों ने इस अनसुना कर दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा- गेटमैन ने थोड़ी भी सतर्कता बरती होती तो नहीं होता हादसा
कमिश्नर ने वीरवार को 51 लोगों का बयान दर्ज किए गए। इसमें से अधिकतर ने यही कहा कि ट्रैक पर भीड़ होने के कारण गेटमैन को इसकी सूचना अधिकारियों को देनी चाहिए थी। उसकी सतर्कता से हादसा रुक सकता था। जांच अधिकारी बी पुरुषार्थ के समक्ष बयान देने आए प्रत्यक्षदर्शी रविंद्र सिंह ने कहा कि उस दिन वह भी धोबी घाट मैदान दशहरा उत्सव देखने के लिए गए थे और हादसे के वक्त वहीं मौजूद थे।
रविंद्र ने कहा कि दर्दनाक हादसे के लिए रेलवे का गेटमैन भी जिम्मेदार है। उसने उच्च अधिकारियों को यह सूचना नहीं दी कि रेलवे ट्रैक पर भारी संख्या में लोग खड़े हुए हैं। यदि उसने यह सूचना दे दी होती या ट्रेन को आते देख उसे रोकने की कोश्ािश की हाेती तो हादसा टल सकता था। वहीं लोग भी जानते थे कि यहां से कई ट्रेन गुजरती हैैं तो उन्हें वहां खड़ा नहीं होना चाहिए था। हादसे के समय ट्रेन की गति भी काफी अधिक थी।
प्रत्यक्षदर्शी बोले- लोग भी जानते थे कि यहां ये कई ट्रेन गुजरती हैैं, उन्हें वहां खड़ा नहीं होना चाहिए था
इसी तरह नानक सिंह ने कहा कि लोगों को ट्रैक पर नहीं जाना चाहिए था। वहीं, अगर गेटमैन चौकस रहता और अधिकारियों को सूचना दे देता तो इस हादसे को रोका जा सकता था। यही बातें गवाही देने पहुंचे संजीव, सूरज, सुमन, रानी, उषा रानी और प्रमिला ने भी कही। उन्होंने कहा कि गेटमैन की सतर्कता से हादसा टल सकता था। यहां से पिछले कई सालों से दशहरा मनाया जा रहा है इस बार भीड़ अधिक हो गई थी। गेटमैन अधिकारियों को सूचित कर सकता था कि ट्रैक पर भीड़ ज्यादा है।
अमृतसर हादसे की जांच के दौरान गवाही देने पहुंचे प्रत्यक्षदर्शी।
उन्होंने कहा कि स्टेज से भी बार-बार यह कहा गया कि ट्रैक पर खड़े न हों, ट्रेन कभी भी आ सकती है। लेकिन, लोगों ने इस चेतावनी को अनसुना कर दिया। बयान देने आए लोगों ने धोबीघाट पर दशहरा मनाए जाने पर पाबंदी लगाने की मांग भी की। -----
बी पुरुषार्थ- मिट्ठू सहित रेलवे अधिकारियों को समन जारी, जरूरत पडऩे पर डॉ. सिद्धू को भी भेजेंगे
उधर, हादसे की जांच करने के लिए पहुंचे जालंधर के कमिश्नर बी पुरुषार्थ ने कहा है कि अगर जरूरत हुई तो डॉ. नवजोत कौर सिद्धू को भी समन किया जाएगा। इस मामले में अभी तक 18 लोगों को समन जारी किए गए हैैं।
दशहरा उत्सव मेले के आयोजक सौरभ मदान उर्फ मिट्ठू मदान सहित इस मामले से जुड़े तमाम रेलवे व सरकारी अधिकारियों को समन भेज दिया गया है। हर उस शख्स तो समन भेजकर तलब करके बयान दर्ज किए जाएंगे जिसका संबंध इस हादसे से होगा। पहले दिन की जांच के बाद ट्रस्ट कार्यालय से बाहर निकले जांच अधिकारी ने कहा कि हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों पर सख्त और अवश्य कार्रवाई होगी।
सड़क पर नहीं हो सकती जांच
अकाली व भाजपा नेताओं की ओर से लगाए गए आरोप पर उन्होंने कहा कि जांच सड़क पर हो नहीं सकती और हमेशा दफ्तर में ही होती है। अगर विरोध करने वाले इंप्रूवमेंट ट्रस्ट कार्यालय को स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के विभाग का कार्यालय मानते हैैं तो वह बिल्कुल गलत हैं, क्योंकि यह इमारत पंजाब सरकार की है और सरकार ने ही उन्हें जांच करने के लिए नियुक्त किया। उनके दरवाजे सभी लोगों के लिए खुले हैं। लेकिन अगर शांतिपूर्वक तरीके से अपनी बात नहीं रखेंगे और शोर शराबा करेंगे तो फिर जांच कैसे होगी।