आइसीपी अटारी पर एक अप्रैल से पेपरलेस होगा इंडो-पाक आयात-निर्यात
अमृतसर इंटेग्रटेड चेक पोस्ट अटारी (आईसीपी) पर इंडो-पाक के बीच होने वाला आयात-निर्यात एक अप्रैल 2018 से पूरी तरह से पेपरलेस हो जाएगा।
र¨वदर शर्मा, अमृतसर
इंटेग्रटेड चेक पोस्ट अटारी (आईसीपी) पर इंडो-पाक के बीच होने वाला आयात-निर्यात एक अप्रैल 2018 से पूरी तरह से पेपरलेस हो जाएगा।
आज से ठीक तीन दिन बाद कस्टम (प्रिवेंटिव) कमिश्नर की देख-रेख में ई-संचित सिस्टम को लागू किया जा रहा है। यह नया सिस्टम लागू होने
के बाद पाकिस्तान से सीमेंट, जिप्सम, रॉक साल्ट, ड्राईफ्रूट सहित अन्य वस्तुओं के आयात करने वाले इंडियन व्यापारियों को कस्टम हाउस एजेंसी कार्यालय में नहीं जाना होगा। और पाकिस्तान से मंगवाई वस्तुओं का चालान / बिल व अन्य जरुरी दस्तावेज आनलाइन ही भेजे जा सकेंगे।
कस्टम (प्रिवेंटिव) कमिश्नर दीपक कुमार गुप्ता ने बताया कि ई-संचित सॉफ्टवेयर पूरी तरह से तैयार है और इसे सफलतापूर्वक अटेस्ट भी कर लिया गया है। एक-दो व्यापारियों ने वालंटीयर के तौर पर इस पर काम भी किया है। हालांकि इंडो-पाक ट्रेड के लिए आईसीपी अटारी पर इस्तेमाल होने वाला यह अपनी तरह का पहला सेटअप है लेकिन जीएसटी की तरह इसमें व्यापारियों को किसी तरह की परेशानी आने की बिल्कुल भी संभावना नहीं।
उन्होंने कहा कि पाक से आयात-निर्यात करने वाले कारोबारियों को यह सॉफ्टवेयर मुहैया करवा दिया गया है, जिसे कंप्यूटर पर ही इस्तेमाल किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि जैसे पहले कारोबारी पाक से मंगवाए गए और पाक को भेजे जाने वाले माल के बिल व अन्य दस्तावेज की हार्ड कापी विभाग को देते थे, अब यह ई-संचित सोफ्टवेयर पर डाउनलोड करने के बाद अपलोड करने होंगे। एक अप्रेल से 100 फीसदी इस नए सिस्टम पर काम होगा और जरूरी होने पर ही अधिकारी कारोबारियों से बिल या अन्य दस्तावेजों की हार्ड कापी भी मांग सकेंगे।
वहीं दूसरी तरफ आइसीपी के जरिए पाक से व्यापार करने वाले इंडियन कारोबारियों का कहना है कि सरकार की गलत नीतियों के चलते भारत-पाक में चल रहा व्यापार लगभग खत्म होने के कगार पर पहुंच गया है। बताया जा रहा है कि दोनों देशों में कारोबार को लेकर आयात-निर्यात संबंधी हुए समझौते के तहत 124 वस्तुओं का कारोबार करने की मंजूरी दोनों तरफ के व्यापारियों को है। जबकि पिछले लंबे समय से इंडो-पाक के बीच सिर्फ 9/10 आइटमों का ही कारोबार हो रहा है।
भारत की ओर से रेल कारगो से पहले काटन व काटन का धागा, पैराफिन, सब्जियों के बीज, प्लास्टिक दाना, टायर और भैंस का मीट भेजा जा रहा था और पाकिस्तान की तरफ से रेल और सड़क रास्ते जिप्सम, सीमेंट, ड्राई फ्रूट, ग्लास, सोडा, कच्चा एलुमिनियम, चूना और मूंग की दाल आदि के ट्रक बड़ी संख्या में भारत भेजे जाते रहे हैं। अब रेलवे कारगो के जरिए बहुत कम मात्रा में सिर्फ सर्जिकल औजार, स्पोर्ट्स गुड्स, कपड़ा ही भारत भेजा जा रहा है और भारत की तरफ से सब्जियों के बीज ही निर्यात तक ही सीमित होकर रह गया है।
वहीं दूसरी तरफ फिरोजपुर रेलवे डिवीजन का कहना है कि पाक के साथ व्यापार के लिए इंडियन व्यापारियों को लगातार पेश आ रही मुश्किलों के चलते दोनों देशों के बीच व्यापार सीधे तौर पर अटारी रेलवे स्टेशन पर सिफ्ट करने का प्रस्ताव हेड आफिस को भेजा गया है। यह भी जिक्रयोग्य है कि व्यापार के मामले में पाक की तरफ से अभी तक भारत को सब से प्राथमिकता वाले देश (एमएफएम) का दर्जा नहीं दिया गया और पाक का बड़ा तबका (हिस्सा) कश्मीर समस्या के हल होने तक भारत के साथ किसी तरह के व्यापार करने के हक में नहीं है।