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स्वास्थ्य मंत्री जी! सिविल में दवाएं तो भेज दीजिए..

जलियांवाला बाग मेमोरियल सिविल अस्पताल में खांसी बुखार व जुकाम से संबंधित सामान्य दवाएं भी उपलब्ध नहीं हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Jul 2019 12:47 AM (IST)Updated: Tue, 30 Jul 2019 12:47 AM (IST)
स्वास्थ्य मंत्री जी! सिविल में दवाएं तो भेज दीजिए..
स्वास्थ्य मंत्री जी! सिविल में दवाएं तो भेज दीजिए..

जागरण संवाददाता, अमृतसर : जलियांवाला बाग मेमोरियल सिविल अस्पताल में खांसी, बुखार व जुकाम से संबंधित सामान्य दवाएं भी उपलब्ध नहीं हैं। पिछले पंद्रह दिन से दवाओं की किल्लत से मरीज जूझ रहे हैं।

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सोमवार को सामाजिक कार्यकर्ता रविदर सुल्तानविड अपने बेटे मयंक वासुदेव को लेकर सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे। मयंक को बुखार व खांसी की शिकायत थी। रविदर सुल्तानिवंड के अनुसार उन्होंने मयंक की जांच डॉक्टर से करवाई। डॉक्टर ने पर्ची पर कुछ दवाएं लिख दीं। इसके बाद वह बेटे के साथ सिविल अस्पताल में स्थित डिस्पेंसरी में पहुंचा। तकरीबन एक घंटा बाद नंबर आया तो डिस्पेंसरी के स्टाफ ने पर्ची में लिखी तीन दवाओं में से एक ही थमाई और कहा खांसी व बुखार की दवा नहीं है। रविदर सुल्तानविड के अनुसार प्रदेश के नंबर वन अस्पताल में सामान्य दवाएं नहीं मिल रहीं। उस पर डिस्पेंसरी का असंवेदनशील स्टाफ बाहर नोटिस बोर्ड पर यह भी दर्ज नहीं करता कि कौन-सी दवा है और कौन-सी नहीं। डिस्पेंसरी के बाहर दर्जनों मरीज या उनके अभिभावक लाइन लगाकर खड़े रहते हैं। जब इन्हें दवा नहीं मिलती तो क्या हालत होती है यह सरकारी अधिकारी नहीं जान सकते। रविदर सुल्तानविड ने स्वास्थ्य मंत्री से गुहार लगाई है कि सिविल अस्पताल में दवाओं का प्रबंध करें। साथ ही स्टाफ को ताकीद करें कि नोटिस बोर्ड पर दवाओं के विषय में जानकारी दर्ज करें।

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