लापरवाही: सैंपल लेने के बाद नजर नहीं रख रहा प्रशासन, सड़कों पर घूम रहे लोग
कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी होने का कारण लापरवाही माना जा रहा है। यह लापरवाही जनता के साथ-साथ सरकारी विभागों की भी है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर: कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी होने का कारण लापरवाही माना जा रहा है। यह लापरवाही जनता के साथ-साथ सरकारी विभागों की भी है। क्योंकि कोरोना मरीज खुलेआम सड़कों पर घूम रहे हैं। लगभग पिछले सवा महीने में सेहत विभाग की टीमों ने पुलिस के सहयोग से सड़कों पर बगैर मास्क के घूम रहे 65 हजार से ज्यादा लोगों के कोविड टेस्ट किए थे। उनमें से 62 सौ लोगों की रिपोर्ट पाजिटिव निकली थी। पुलिस प्रशासन ने सेहत विभाग के साथ मिलकर लगभग दो हजार मरीजों को अपनी निगरानी में उनके घरों पर ही आइसोलेट कर दिया था। लेकिन चार हजार लोगों को इसी तरह चेतावनी देकर घरों में आइसोलेट होने को कहा गया था। लेकिन वह मरीजों पर लगातार नजर नहीं रखी गई। बताया जा रहा है कि वह मरीज अपने रिश्तेदारों, सगे-संबंधियों से मिलते रहे।
बता दें सेहत विभाग की तरफ से सड़कों पर घूम रहे और संस्थानों पर जाकर काम करने वाले लोगों के कोरोना टेस्ट करने के लिए शहर में चार मोबाइल वैन को तैनात किया गया था। लगभग सवा महीने की मशक्कत के बाद पुलिस के सहयोग से सेहत विभाग की टीमों ने शहर के विभिन्न हिस्सों से 65 हजार से ज्यादा लोगों के टेस्ट किए थे।रिपोर्ट आने के बाद संक्रमित लोगों को होम आइसोलेट करने की सलाह दी गई। लेकिन उन संक्रमितों पर नजर नहीं रखी गई। पुलिस का काम असिस्ट करना: नोडल अफसर
नोडल अफसर सुशील कुमार ने बताया कि पुलिस विभाग का काम सेहत विभाग की टीमों को असिस्ट करना है। पुलिस कर्मियों ने सेहत विभाग के कर्मियों के साथ मिलकर संक्रमितों को आइसोलेट करवाया था। लेकिन अब मोबाइल टीमों के काम करने की उन्हें कोई सूचना नही है। लापरवाही से फैल रहा कोरोना: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डा. चरणजीत सिंह ने कहा कि मोबाइल वैन के जरिए टेस्ट में पाजिटिव मिलने वाले मरीजों को होम आइसोलेट किया जाता है। उन्हें तत्काल ही घर भेज दिया जाता है। हालांकि कुछ लोग होम आइसोलेट का पालन नहीं कर रहे। ये लग खुद भी खतरे में हैं और लोगों की जिदगी खतरे में डाल रहे हैं।