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रेल हादसे के 17 घंटे बाद पहुंचे सीएम घटनास्थल पर मात्र 5 मिनट रुके

अमृतसर दशहरा के दिन हुए रेल हादसे ने देशभर के लोगों को हिला कर रख दिया। विडंबना तो यह रही कि इस बाबत पंजाब के हुकुमरान को जागने में देरी लगी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Oct 2018 02:47 AM (IST)Updated: Sun, 21 Oct 2018 02:47 AM (IST)
रेल हादसे के 17 घंटे बाद पहुंचे सीएम घटनास्थल पर मात्र 5 मिनट रुके
रेल हादसे के 17 घंटे बाद पहुंचे सीएम घटनास्थल पर मात्र 5 मिनट रुके

जागरण संवाददाता, अमृतसर

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दशहरा के दिन हुए रेल हादसे ने देशभर के लोगों को हिला कर रख दिया। विडंबना तो यह रही कि इस बाबत पंजाब के हुकुमरान को जागने में देरी लगी। रात को स्थानीय कुछ एक सत्ताधारी नेता घटनास्थल पर तो गए, पर उन्हें लोगों के विरोध के चलते उलटे पांव वापस जाना पड़ा। दूसरी तरफ पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अम¨रदर मुख्यमंत्री पंजाब कैप्टन अम¨रदर ¨सह को ही अमृतसर आने में 17 घंटे लग गए। जिसे लेकर लोगों में जहां रोष रहा, वही विपक्ष के भी वह निशाने पर रहे।

शुक्रवार को 6.55 पर हुई दुर्घटना का पता चलते ही रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा शुक्रवार को रात 11.40 पर ही गुरुनगरी पहुंचे गए थे और उन्होंने भाजपा नेताओं व रेल अधिकारियों के साथ मोर्चे को संभालते हुए राहत कार्य शुरू करवा दिए थे। घटनाक्रम से विचलित पंजाब के राज्यपाल बीपी ¨सह बदनौर भी तड़के सुबह 3 बजे अमृतसर पहुंच गए। जबकि मुख्यमंत्री आज 11.05 पर अमृतसर पहुंचे और 1.35 पर उनकी वापसी रही। घटनास्थल पर वह 1.14 पर पहुंचे और वहां से पांच मिनट यानी 1.15 पर रवाना हो गए। मीडिया कर्मियों को भी उन्होंने चलते—चलते अपनी गाड़ी पर खड़े होकर संबोधित किया। शहर आए मुख्यमंत्री को लेकर जब इस बाबत सवालों की बौछार हुई तो उन्होंने अपनी स्थित स्पष्ट करते हुए बताया कि वह बीती रात पूरी स्थित की निगरानी कर रहे थे और हादसे के तुरंत बाद उन्होंने उच्च स्तरीय टीम को घटनास्थल पर पहुंचने के हुकुम दे दिए थे। वह खुद नई दिल्ली में हवाई अड्डे पर थे और वहां से उन्होंने इजराइल दौरे पर रवाना होना था। जब उन्होंने इस भयानक हादसे के बारे सुना तो वह अपना इजराइल दौरा मुल्तवी करके वापिस आ गए। उन्होंने बताया कि वह रात को अमृतसर के लिए रवाना होना चाहते थे, परंतु •िाला प्रशासन ने उनको सलाह दी कि वह ऐसे मौके पर वीवीआइपी की आवाजाही नहीं चाहते, क्योंकि इससे युद्ध स्तर पर चल रहे बचाव और राहत कार्यों पर प्रभाव पड़ता है। आज कैप्टन के साथ निकायमंत्री नवजोत ¨सह सिद्धू, स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मो¨हद्रा, कल्याण मंत्री साधु ¨सह धर्मसोत, ट्रांसपोर्ट मंत्री अरुणा चौधरी, सहकारिता मंत्री सुखजिन्दर ¨सह रंधावा, राजस्व मंत्री सुखबिन्दर ¨सह सरकारिया, शिक्षामंत्री ओपी सोनी, ऊर्जा मंत्री गुरप्रीत ¨सह कांगड़, पशु पालन मंत्री बलबीर ¨सह सिद्धू और संसद मैंबर गुरजीत ¨सह औजला हाजिर थे। .

वायरल परमीशन या कार्यक्रम की शर्तें

दुर्घटना के लिए बिना किसी परमीशन के दशहरा पर्व का आयोजन कर भीड़ जुटाने वालों को अहम कारण माना जा रहा है। हालांकि सिद्धू खेमे के करीबी पार्षद पुत्र सौरभ मदान मिट्ठू के नजदीकियों ने एक पुलिस परमीशन वायरल करते हुए यह बताने का प्रयास किया कि उनके पास परमीशन थी, पर डीसीपी एएस पवार ने बताया कि वह डीजी लगाने और सुरक्षा के लिए आवेदन पर मंजूरी थी और उसके साथ आयोजन की शर्तें थी, जिसे आयोजकों ने पूरा नहीं किया था। वारयल हुए दशहरा कमेटी ईस्ट का पत्र परमीशन के लिए जारी 15 अक्टूबर को हुआ है, जबकि परमीशन वाला पत्र के साथ जो शर्तें बताई गई है, उस पर कमेटी बिल्कुल खरी नहीं उतरती।

मैडमजी लौका नू लाइना दा फिक्र नइ

धोबीघाट में पार्षद विजय मदान के पुत्र सौरभ मदान मिट्ठू द्वारा आयोजित किए गए दशहरा पूर्व में मंच संचालक संदीप बावा ने पूर्व मुख्य संसदीय सचिव डा. नवजोत कौर सिद्धू के मंच पर पहुंचने के बाद उन्हें बताया कि मैडमजी इधर वेखो एहण नू, कोई फिक्र नइ ओहणा नू लाइना दा। भावे 500 गडि़या लग्ग जान, पांच हजार बंदा लाइना ते ए। रावण च वी पंज हजार तो ज्यादा बम ने। पूरी धमाल पवैगी। जबकि डा. सिद्धू ने कहा था कि उन्हें पता ही नहीं था कि लाइनों पर इतने लोग है। हालांकि डा. सिद्धू के आने से पूर्व इसे ने लोगों को हिदायत की थी कि लाइनों पर अपना ध्यान खुद ही रखना पड़ना है, कहीं कोई ट्रेन न आ जाए। दूसरी तरफ कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता व सचिव मनदीप ¨सह मन्ना ने वीडियो जारी करते हुए बताया कि डा. सिद्धू प्रोग्राम स्थल पर 6.40 बजे पहुंची। 6.53 पर रावण दहन हुआ। 6.55 पर हादसा हुआ। 6.56.30 बजे सफेद कुर्ते वाले ने आकर डा. सिद्धू को दुर्घटना की जानकारी दी और 6.57.15 बजे वह वहां से अपनी गाड़ी में सवार हो चली गई। ऐसे में उनका यह कहना कि उन्हें घर जाने के 15 मिनट बाद हादसे का पता चला, गलत है। बाक्स...फोटो :

मदान कोठी को ताला लगाकर फरार

दशहरा कमेटी ईस्ट द्वारा जौड़ा फाटक स्थित धोबीघाट में आयोजित दशहरा पर्व के मुख्य आयो?जक सौरभ मदान मिट्ठू पार्षद विजय मदान के पुत्र है। रात से ही उनके आयोजन को लेकर लोगों में आक्रोश बना हुआ है और वह न्यू तहसील पुरा स्थित अपनी कोठी नंबर 76 में ताला लगाकर गायब है ओर उनका फोन भी बंद आ रहा है। लोगों को आक्रोश का शिकार उनकी कोठी भी हुई। आज सुबह उनके घर के ग्राउंड फ्लोर व उपर फ्लोर के शीशे भी प्रदर्शनकारी तोड़ गए और उसके बाद वहां पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई।

मलिक के संपर्क में रहा केंद्रीय नेतृत्व

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, वित्त मंत्री अरुण जेतली व भाजपा पंजाब के प्रभारी प्रभात झा दुर्घटनाक्रम को लेकर पूरा समय भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सदस्य श्वेत मलिक के संपर्क में रहे। शुक्रवार रात दुर्घटना के पता लगने के बाद से ही मलिक उन्हें पल-पल का अपडेट देते रहे। मलिक ने कहा कि पूरे घटनाक्रम के लिए डा. नवजोत कौर सिद्धू और सौरभ मदान मिट्ठू दोषी है। उन पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। यह कोई दुर्घटना नहीं हत्याकांड है। ¨सगर बुलाकर व रेलवे लाइनों की तरफ एईडी लगाकर लोगों की भीड़ नियमों को दरकिनार कर जुटाई गई।


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