जीएसटी रिफंड में उलझीं एसजीपीसी व दुग्र्याणा कमेटी
अमृतसर : एक जुलाई 2017 से केंद्र सरकार की ओर से देश भर में लागू किए गए जीएसटी का असर गुरुद्वारों व मंदिरों पड़ रहा है। प्रदेश व केंद्र सरकार की 31 मई 2018 को ओर से 'सेवा भोज' योजना के तहत वर्ष 2018-19 व 2019-20 के लिए लंगर की रसद की खरीद पर लगे जीएसटी को वापस करने का फैसला किया है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
एक जुलाई 2017 से केंद्र सरकार की ओर से देश भर में लागू किए गए जीएसटी का असर गुरुद्वारों व मंदिरों पड़ रहा है। प्रदेश व केंद्र सरकार की 31 मई 2018 को ओर से 'सेवा भोज' योजना के तहत वर्ष 2018-19 व 2019-20 के लिए लंगर की रसद की खरीद पर लगे जीएसटी को वापस करने का फैसला किया है। जिसका रिफंड लेने के लिए एसजीपीसी व दुग्र्याणा कमेटी जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने में उलझी हुईं हैं।
एसजीपीसी की ओर से गुरुद्वारों में चलाए जाने वाले लंगरों के लिए खरीदी जाने वाली रसद के लिए एक जुलाई 2017 से 31 मार्च 2018 तक
प्रदेश भर के गुरुद्वारों में चलने वाले लंगरों पर चार करोड़ 58 लाख रुपये के करीब जीएसटी का भुगतान करना पड़ा है। इस तरह अमृतसर में स्थित श्री दुग्र्याणा कमेटी की ओर से भी लंगर प्रसाद के लिए खरीद की जाने वाली रसद पर लगभग बीते चालू साल के मध्य 70 लाख रुपये जीएसटी का बोझ पड़ा है।
प्रक्रिया पूरी करने जुटा लेखा विभाग
एसजीपीसी के प्रवक्ता दिलजीत ¨सह बेदी ने कहा कि अकाउंट विभाग सरकार के हुए नोटिफिकेशन के अनुसार लंगर के लिए खरीद की गयी रसद पर भरे जीएसटी को वापस लेने की प्रक्रिया में लगा है।
सरकार के फैसले को सराहा
एसजीपीसी की दो जून 2018 को कार्यकारिणी कमेटी की बैठक में प्रस्ताव नंबर 439 के माध्यम से जहां केंद्र सरकार की ओर से लंगर पर लगाए जीएसटी को वापस लेने की प्रशंसा की है। वही इस मुहिम में साथ देने वाले नेताओं व समूची संगत का धन्यवाद भी किया है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सरकार को एक जुलाई 2017 से अब तक भरे गए जीएसटी को वापस करने की मांग का प्रस्ताव भी पारित किया गया है।
प्रदेश के इन गुरुद्वारा साहिबों से भरी गई है जीएसटी
उन्होंने कहा कि श्री हरिमंदिर साहिब के लंगर श्री गुरु रामदास जी के लिए खरीद की गयी रसद पर एक जुलाई 2017 से 31 मार्च 2018 तक दो करोड़ 94 लाख रुपये जीएसटी भरना पड़ा है। इसके अलावा तख्त श्री केसगढ़ साहिब के लंगर के लिए 65 लाख, गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब के लंगर के लिए 25 लाख, गुरुद्वारा श्री दुख निवारण साहिब पटियाला के लंगर के लिए 44 लाख रुपये, एसजीपीसी के प्रबंध अधन उक्त गुरुद्वारों सहित 78 गुरुद्वारों में चलते लंगर के लिए खरीद की जाने वाली रसद पर एसजीपीसी को चार करोड़ 58 लाख रुपये के करीब जीएसटी भरना पड़ा है।
मुश्किल हो रही हैं रिफंड की शर्ते पूरी करना : शर्मा
इस संबंध में दुग्र्याणा कमेटी के प्रधान रमेश शर्मा ने कहा कि कमेटी की ओर से पहली जुलाई 2017 से 31 मार्च 2018 तक लंगर प्रसाद के लिए 70 लाख के करीब जीएसटी भरा है। चाहे सरकार ने लंगर पर जीएसटी को हटाने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। पर नोटिफिकेशन की शर्ते पूरी करना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को लंगर की रसद पर वसूल किए जीएसटी को वापस करने की प्रक्रिया को आसान करना चाहिए।