कोर्ट में पेश की गई कार से बैटरी व इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम गायब
। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में गेट हकीमां थाने की पुलिस ने नशा तस्करी हत्या प्रयास के एक मामले में फिर से ड्रामा कर दिया।
नवीन राजपूत, अमृतसर
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में गेट हकीमां थाने की पुलिस ने नशा तस्करी, हत्या प्रयास के एक मामले में फिर से ड्रामा कर दिया। वारदात में इस्तेमाल की गई कार को कोर्ट में लाया गया। लेकिन उसमें ना तो बैटरी थी और ना ही इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम, जिससे कार चल पाती। मामले की पैरवी कर रहे वकील नमित मेहता ने बताया कि सारे मामले में पुलिस कोर्ट को गुमराह कर रही है। पिछले पेशी 23 अप्रैल 2019 को उक्त थाने की पुलिस ने कोर्ट में दिखाई गई कार को ही बदल दिया था। जब इस बाबत शिकायत की गई तो जांच अधिकारी तबीयत खराब की बात कहकर तारीक ले गए थे। इस बार भी कोर्ट में पुलिस का यही हाल रहा। फिलहाल कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 5 अक्टूबर तय की है। वकील ने बताया कि वह गेट हकीमां थाने के वर्तमान प्रभारी, मुंशी और पूर्व इंस्पेक्टर अमरीक सिंह (जांच अधिकारी) के खिलाफ कोर्ट को गुमराह करने के आरोप में शिकायत करेंगे। ताकि उक्त अफसरों के खिलाफ एफआइआर दर्ज हो सके। क्या है मामला
गेट हकीमां थाने की पुलिस ने 19 अगस्त 2015 में साजन और उसके साथियों के खिलाफ पुलिस पार्टी पर गोलियां चलाकर हत्या प्रयास और नशा तस्करी के आरोप में केस दर्ज किया था। कोर्ट ने जब पुलिस को 23 अप्रैल-19 को वारदात में इस्तेमाल की गई कार नंबर (पीबी02-बीके0917) लाने को कहा गया था। पुलिस कार नंबर (पीबी08-एम296) लेकर पहुंच गई। जब इस बाबत कोर्ट को जानकारी दी गई तो तत्कालीन जांच अधिकारी व पूर्व इंस्पेक्टर अमरीक सिंह बीमार होने की बात बताकर वहां से चले गए। पुलिस ने अगली तारीख ले ली थी। लेकिन अब पुलिस कोर्ट में वारदात में इस्तेमाल की गई कार नंबर (पीबी02-बीके0917) तो ले आई। लेकिन कार स्टार्ट होने की कंडीशन में ही नहीं थी। कार में ना तो बैटरी थी और ना ही इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम। उन्होंने तुरंत इस बाबत फिर कोर्ट को जानकारी दी। वकील ने आरोप लगाया कि कोर्ट को गुमराह करने की भनक रिटा. इंस्पेक्टर को लग गई तो वह फिर खिसक गए। उनके साथ पहुंचे गेट हकीमां थाने के मुलाजिम फिर तारीख लेकर निकल गए। करवाएंगे जांच : थाना प्रभारी
गेट हकीमां थाने के प्रभारी सुखबीर सिंह ने बताया कि घटना काफी पुरानी है और उन्हें इस बाबत पता नहीं है। जहां गलती हुई है, वह इसकी जांच करवाएंगे। थाने के मुंशी को बुलाकर इस संबंधी जानकारी ली जाएगी।