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उड़ते पंजाब की उड़ान पर ऐसे कैसे लगेगा विराम, डोप टेस्ट में हेराफेरी का खेल

पंजाब में नशेे पर रोक के लिए अभियान के बीच मिलीभगत का खेल बड़ी बाधा बन रहा है। डोप टेस्‍ट मे हेराफेरी का खेल चल रहा है। सवाल यह है कि इससे उड़ता पंजाब पर ब्रेक कैसेट लगेगा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 30 Aug 2019 08:51 AM (IST)Updated: Fri, 30 Aug 2019 08:51 AM (IST)
उड़ते पंजाब की उड़ान पर ऐसे कैसे लगेगा विराम, डोप टेस्ट में हेराफेरी का खेल
उड़ते पंजाब की उड़ान पर ऐसे कैसे लगेगा विराम, डोप टेस्ट में हेराफेरी का खेल

अमृतसर, जेएनएन। उड़ते पंजाब की उड़ान पर रोक की तमाम कोशिशों कम पड़ रही हैं। ऐसा मिलीभगत और हेराफेरी के गोरखधंधे के कारण हो रहा है। डोप टेस्‍ट में भी हेराफेरी का खेल भी धड़ल्‍ले से चल रहा है। डोप टेस्‍ट के दौरान हेराफेरी कर नमूने बदल दिए जाते हैं और यहां तक की रिपोर्ट तक बदल दिया जाता है।

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असलहा लाइसेंस धारकों के लिए अनिवार्य किए गए डोप टेस्ट की फर्जी रिपोर्ट तैयार होने के बावजूद न तो सरकार इसका संज्ञान ले रही है और ही प्रशासनिक अधिकारी। ताजा मामले में अजनाला स्थित सिविल अस्पताल में कार्यरत एक कर्मचारी पर डोप टेस्ट की फर्जी रिपोर्ट तैयार करने का आरोप लगा है। यह कर्मचारी सिविल अस्पताल की असली रिपोर्ट पैड अपने बैग में रखता है ओर डोप टेस्ट करवाए बगैर ही असलहा लाइसेंस धारक को फर्जी रिपोर्ट तैयार कर दे रहा है।

यह बात उस समय सामने आई जब इस कर्मचारी ने गलती से अपने बैग से रिपोर्ट पैड निकाल लिया। उस वक्त अस्पताल के पैथोलॉजी विभाग के डॉक्टर, कर्मचारी उसके समीप खड़े थे। चूंकि कर्मचारी पर स्टाफ को पहले ही संदेह था, इसलिए उससे पूछताछ की गई। कर्मचारी ने कहा कि यह पैड तो गलती से उसके बैग में आ गया। हालांकि स्टाफ का कहना है कि यह कर्मचारी डोप टेस्ट की फर्जी रिपोर्ट तैयार कर लोगों को देता है और इसकी एवज में मोटी राशि वसूल करता है। मामला सिविल सर्जन डॉ. हरदीप ङ्क्षसह घई के पास पहुंचा तो उन्होंने जांच के आदेश दे दिए हैैं।

डोप टेस्ट का ऑनलाइन डाटा नहीं होता तैयार

पंजाब सरकार द्वारा लाइसेंस हथियार रखने वालों के लिए डोप टेस्ट की शुरुआत की थी। परंतु सरकारी अस्पतालों में डोप टेस्ट का ऑनलाइन डाटा तैयार करने का कोई प्रावधान नहीं है। असलहा धारक का यूरिन सैंपल लेकर टेस्ट कर दो से तीन घंटे में रिपोर्ट तैयार कर उसे दे दी जाती है। जानकारों के अनुसार अगर इस प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जाए तो ही फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी।

पहले भी सीट से हटाया गया था कर्मचारी

बताया गया है कि इस कर्मचारी को कुछ महीने पहले भी डोप टेस्ट की प्रक्रिया से हटाया गया था। तब भी उस पर फर्जी डोप टेस्ट के लिए लोगों से मोटी राशि वसूलने के आरोप लगे थे। बताया गया है कि तब से ही वह लैब से पैड उठाकर बैग में रखता है और जिन लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आती थी उनसे मोटी राशि लेकर नेगेटिव रिपोर्ट देता था।

सामने आ चुके हैं फर्जी रिपोर्ट के मामले

सूत्रों के अनुसार 36 हजार असलहा धारकों वाले शहर में डोप टेस्ट की दस हजार रिपोर्ट फर्जी तैयार हुई हैं। हालाकि इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। परंतु ऐसा एक मामला पहले उजागर हो चुका है। डोप टेस्ट करवा चुके एक शख्स की रिपोर्ट इसी अस्पताल में पॉजिटिव थी। इस शख्स ने सिविल अस्पताल की हूबहू रिपोर्ट तैयार करवाई गई और इस पर नेगेटिव लिखवा लिया। यह मामला इसलिए पकड़ में आ गया क्योंकि इस शख्स ने डुप्लीकेट और ओरीजनल रिपोर्ट एक ही फाइल में नत्थी कर दी थी।


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