भारत-पाक बॉर्डर सील, अमृतसर के पांच बुजुर्ग लाहौर में फंसे
। पाकिस्तान स्थित सिख गुरुधामों के दर्शनों के लिए गए अमृतसर के दो परिवारों के पांच सदस्य कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन के चलते पाकिस्तान में फंस गए हैं।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
पाकिस्तान स्थित सिख गुरुधामों के दर्शनों के लिए गए अमृतसर के दो परिवारों के पांच सदस्य कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन के चलते पाकिस्तान में फंस गए हैं। इनमें दो बुजुर्ग पुरुष व तीन बुजुर्ग महिलाएं शामिल हैं।
इन परिवारों द्वारा कई बार भारतीय और पाकिस्तान दूतावास के अधिकारियों को सुरक्षित भारत वापस भेजने की अपीलें की जा चुकी हैं। परंतु अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया। प्रधानमंत्री कार्यालय से संपर्क करना भी व्यर्थ ही साबित हुआ है। पांचों बुजुर्ग अलग-अलग बीमारियों से पीडि़त हैं। पाकिस्तान में उन्हें वे दवाएं नहीं मिल रहीं, जिनकी उन्हें सख्त जरूरत है। मिलते-जुलते सॉल्ट वाली दवा मिल रही हैं, लेकिन वे बीमारी को ठीक करने में असर नहीं दिखा रहीं।
अमृतसर के जहाजगढ़ इलाके में स्पेयर पार्ट का कारोबार करने वाले कंवलजीत सिंह ने बताया कि उनके 60 वर्षीय पिता सतबीर सिंह और 56 वर्षीय माता जसमीत कौर 10 मार्च को एक माह के वीजा पर पाकिस्तान स्थित गुरुधामों के दर्शनों के लिए गए थे। उनके साथ अमृतसर के ही 63 वर्षीय हरजीत सिंह, 56 वर्षीय नरिदर कौर व 65 वर्षीय मनजिदर कौर भी गए थे। 22 मार्च को भारत और पाकिस्तान दोनों में ही कोविड-19 के प्रकोप के चलते लॉकडाउन घोषित हो गया। उनके माता-पिता वहीं फंस गए। इस वक्त वे पांचों लाहौर स्थित हमारे जान पहचाने वाले अमरीक सिंह के परिवार के साथ रह रहे हैं। पांच लोगों का दो बार वीजा भी पाक सरकार एक्सटेंड कर चुकी है। कंवलजीत सिंह ने बताया कि उन्होंने माता-पिता को वापस स्वदेश लाने के लिए पाक दूतावास, पाकिस्तान स्थित भारतीय दूतावास, अमृतसर के डीसी, एसजीपीसी और विदेश मंत्रालय को भी ईमेल भेजे हैं। परंतु अब तक सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं मिला। उनके पिता हार्ट के मरीज हैं जबकि मां हाई ब्लड प्रेशर की रोगी हैं। वहां उनके माता-पिता के कोविड टेस्ट भी हो चुके हैं, जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। उन्होंने कहा कि अगर भारत से पाक नागरिक बार्डर से वापस अपने देश जा सकते है तो मेरे माता-पिता यहां क्यों नहीं आ सकते।
जसबीर सिंह ने की माता-पिता को भारत लाने की अपील
अमृतसर के ही कारोबारी जसबीर सिंह बताते हैं कि उनके पिता हरजीत सिंह, माता नरिदर कौर और ताई मनजिदर कौर 10 मार्च को पाकिस्तान गए थे और वहीं फंस गए। उनके पिता शुगर और जोड़ों के दर्द से पीड़ित हैं। जबकि मां को स्लिप डिस्क की समस्या है। मामले को लेकर दोनों देशों के दूतावासों के साथ-साथ पीएमओ में भी बात हुई थी। वहां से यही जवाब मिला कि जब तक बार्डर नहीं खुलता तब तक उनके परिवार के सदस्य वापस नहीं आ सकते। दोनों देशों की सरकारों से उनकी अपील है कि उनके परिवार के सदस्यों को स्वदेश भेजने का प्रबंध किया जाए।