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सीमा पर पाकिस्तानी गांवों में पहुंची पांच क्विंटल हेरोइन, घुसपैठ की तैयारी

सीमा से सटे गांवों में आइएसआइ की तरफ से पांच क्विंटल से ज्यादा हेरोइन पहुंचाई जा चुकी है। घनी धुंध पड़ने के बाद इसे भारत भेजने की तैयारी है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 08 Jan 2018 01:25 PM (IST)Updated: Mon, 08 Jan 2018 02:01 PM (IST)
सीमा पर पाकिस्तानी गांवों में पहुंची पांच क्विंटल हेरोइन, घुसपैठ की तैयारी
सीमा पर पाकिस्तानी गांवों में पहुंची पांच क्विंटल हेरोइन, घुसपैठ की तैयारी

अमृतसर [नवीन राजपूत]। भारत-पाक सीमा को इस साल धुंध और कोहरा पूरी तरह से अपने आगोश में नहीं ले सका। इससे सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों को पड़ोसी देश की नापाक हरकतों पर दूर तक नजर रखने में काफी सहायता मिली, जिससे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ, पाक रेंजर्स और भारत-पाक तस्करों के मंसूबे कामयाब नहीं हो पा रहे हैं।

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खुफिया एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आइएसआइ की तरफ से पांच क्विंटल से ज्यादा हेरोइन सीमा के साथ लगते पाकिस्तानी गांवों में पहुंचाई जा चुकी है। इंतजार किया जा रहा है कि घनी धुंध व कोहरा सीमा को अपनी चादर में लपेटे, ताकि हेरोइन को भारतीय सीमा में पहुंचाया जा सके।

बीएसएफ जवानों की पैनी नजर कंटीली तार के पार (पाकिस्तान क्षेत्र) हमेशा बनी रहती है, लेकिन घने कोहरे में सीमा की सुरक्षा में मुश्किलें बढ़ जाती हैं। सूत्रों के मुताबिक आईएसआई दो दर्जन से ज्यादा घुसपैठियों को तैयार कर चुकी है, जिन्हें धुंध पड़ते ही सीमा पार करवाई जानी है। उल्लेखनीय है कि बीते साल भी बीएसएफ के जवानों ने सीमा पर घुसपैठियों को मारकर उनके कब्जे से भारी मात्रा में हेरोइन बरामद की थी।

बीते साल पकड़ी डेढ़ सौ किलो हेरोइन

आंकड़े बताते हैं कि साल 2017 में बीएसएफ, स्टेट स्पेशल आपरेशन सेल, एसटीएफ, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, स्पेशल टास्क फोर्स, जिला पुलिस केवल पंजाब से ही डेढ़ सौ किलो से ज्यादा हेरोइन बरामद कर चुकी है। इसके साथ ही दो सौ से ज्यादा तस्करों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे धकेला जा चुका है। 2016 में ढाई सौ किलो हेरोइन पंजाब में पकड़ी गई थी। इसके साथ ही सीमा पर 16 मैगजीन, पिस्तौलें और 21 मोबाइल भी पकड़े जा चुके हैं। 2016 में ही बीएसएफ ने सात पाकिस्तानी घुसपैठियों को सीमा पार करते समय मार गिराया था।

इन रास्तों से होती है तस्करी

दोनों देशों के तस्कर सीमा की भौगोलिक स्थिति से अच्छी तरह से परिचित हैं। भारत-पाक सीमा पर लगी कंटीली तार काफी पुरानी हो चुकी है। जंग लगने के कारण कुछ जगह तार टूट भी रही है। इसके साथ ही सीमा पर रावी दरिया के घुमावदार रास्तों व घने जंगलों के चप्पे-चप्पे से तस्कर भलीभांति परिचित हैं। उक्त रास्तों से वे कन्साइनमेंट आसानी से ठिकाने लगाते हैं।

सीमा पर बढ़ाई गश्त : डीआइजी बीएसएफ

बीएसएफ के डीआइजी जेएस ओबराय ने बताया कि धुंध के मौसम में सीमा पर प्रत्येक साल अतिरिक्त फोर्स लगाई जाती है। खासकर रात होते ही गश्त भी डबल चलती है। सीमावर्ती गावों में रहने वाले पुराने तस्करों की एक लिस्ट बनाई गई है। पुलिस के साथ मिलकर उनकी गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा रही है। संदेह होने पर पुलिस उन्हें तुरंत राउंडअप कर लेगी। उन्होंने दावा किया कि किसी भी तरह की कन्साइनमेंट सीमा से पार नहीं करवाई जा सकती।

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