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41 शराब के ग्रुपों से एक्साइज विभाग कमाएगा 165.84 करोड़

एक्साइज विभाग ने एक्साइज पालिसी 2018-19 को अमलीजामा पहनाने के लिए खाका तैयार कर लिया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Mar 2018 02:56 AM (IST)Updated: Tue, 20 Mar 2018 02:56 AM (IST)
41 शराब के ग्रुपों से एक्साइज विभाग कमाएगा 165.84 करोड़
41 शराब के ग्रुपों से एक्साइज विभाग कमाएगा 165.84 करोड़

विपिन कुमार राणा, अमृतसर

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एक्साइज विभाग ने एक्साइज पालिसी 2018-19 को अमलीजामा पहनाने के लिए खाका तैयार कर लिया है। विभागीय कसरत और सरकार के निर्देशों के बाद इस बार शराब के 41 ग्रुप बनाए गए हैं। साल 2017-18 में यह 6 ग्रुप थे। गत वर्ष 40 करोड़ का एक ग्रुप था, जबकि इस बार पांच से छह करोड़ के लगभग के ग्रुप तैयार करते हुए छोटे शराब कारोबारियों को राहत देने का काम किया गया है। एक्साइज का रेवेन्यू टागरेट भी 165.81 करोड़ निर्धारित किया गया है। इन ग्रुपों में 306 देसी और 246 अंग्रेजी यानी कुल 552 शराब के ठेके खोले जाएंगे।

एक्साइज पालिसी 2018-19 के तहत एक्साइज ड्रिस्टिक्ट अमृतसर-1 और अमृतसर-2 में ग्रुपों की बांट की गई है। नगर निगम सीमा के अंदर 32 ग्रुप बनाए गए है। यहां 181 देसी और 174 अंग्रेजी शराब यानी कुल 355 शराब के ठेके खोले जाएंगे। रेवेन्यू का टारगेट 131.01 करोड़ रहेगा। अमृतसर रूरल-1 में पांच शराब के ग्रुप रहेंगे। इन ग्रुपों में 51 देसी और 39 अंग्रेजी यानी कुल 87 शराब के ठेके खोले जाएंगे। रेवन्यू का टारगेट 19.48 करोड़ रहेगा। इस टारगेट में एल-1 और एल-13 की लाइसेंस फीस शामिल नहीं होगी। अमृतसर रूरल-2 में 4 शराब के ग्रुप बनाए गए है। इन चार ग्रुपों में 74 देसी और 36 देसी, कुल 110 शराब के ठेके खोले जाएंगे। यहां रेवेन्यू का टागरेट 15.35 करोड़ निर्धारित किया गया है। इस टारगेट में एल-1 और एल-13 की लाइसेंस फीस शामिल नहीं होगी।

20 से 23 तक लिए जाएंगे आवेदन

एक्साइज पालिसी के तहत शराब के ग्रुप लेने की प्रक्रिया विभाग ने शुरू करते हुए ड्रा के लिए 26 मार्च की तारीख निर्धारित की है। ड्रा बाईपास स्थित फेस्टेन इरा रिसोर्ट में निकाला जाएगा। शराब के ग्रुप लेने के चाहवान 20 से 23 मार्च तक इसके लिए मैनुअल और ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। 24 से 25 मार्च तक आवेदनों की स्क्रूटनी होगी और 26 को अधिकारियों की हाजिरी में ड्रा निकाला जाएगा। ड्रा को पारदर्शी बनाने के लिए अधिकारी जहां हाजिर रहेंगे, वहीं इसकी वीडियोग्राफी भी करवाई जाएगी।

रेवेन्यू का टागरेट कम,

सस्ती होगी शराब

एक्साइज पालिसी में ही सरकार ने दावा किया है कि इस बार शराब सस्ती होगी ओर इसमें छोटे कारोबारियों को मौका दिया जाएगा। इसलिए इस बार 41 ग्रुपों के 552 शराब के ठेकों का रेवेन्यू टारगेट 165.84 करोड़ निर्धारित किया गया है। साल 2017-18 में एक्साइज का टागरेट 207.52 करोड़ रखा गया था। साल 2017-18 की एक्साइज पॉलिसी में अमृतसर वन व टू के शराब के 553 ठेकों(314 अंग्रेजी-239 देसी) अलाट किए गए थे। 6 जोनों के लिए 36 लोगों ने आवेदन किया था, जिसमें से 29 आवेदक ड्रा में पहुंचे थे। 5 घंटे चली ड्रॉ की प्रक्रिया के बड़ी मुश्किल से जोनों की अलाटमेंट हो सकी थी।

साल दर साल उलझा रहा शराब का कारोबार

40 करोड़ प्रति जोन के हिसाब से छह जोनों क बांट तो साल 2017-18 में हो गई, पर शराब का कारोबार पूरा साल अस्थिर रहा। बड़े ग्रुप होने की वजह से सालभर विभाग को लाइसेंस फीस के लिए जहां माथापच्ची करनी पड़ी, वही पूरा साल जोनों में शराब के कारोबारियों के भाईवाल भी बदलते रहे। अपना घाटा पूरा करने के लिए किसी ने पांच-पांच ठेकों के ग्रुप बनाकर आगे सबलेट किए तो किसी ने अपने तिकड़म से शराब बेची। घाटे में चले शराब के ठेकों की वजह से भाईवालों में भी कई बार टकराव हुआ और ठेकों पर कब्जों का दौर भी चलता रहा। लाइसेंस समय पर न देने की वजह से एक दो बाद ठेके पर बंदी भी तलवार भी लटकी, लेकिन सियासी दबाव की वजह से सब दबा रहा। इनके नाम थे साल 2017-18 के जोन

—जोन नंबर 1 लारेंस रोड सुन्नी शर्मा

—जोन नंबर 2 रामबाग संजीव कुमार

—जोन नंबर 3 तरनतारन रोड रोहित कुमार सेठी

—जोन नंबर 4 न्यू अमृतसर सन्नी शर्मा

—जोन नंबर 5 मजीठा रोड डोडा वाइन

—जोन नंबर 6 रेलवे स्टेशन लखबीर ¨सह

छोटे कारोबारियों के हक

में पॉलिसी

साल 2018-19 की एक्साइज पॉलिसी छोटे शराब के कारोबारियों के लिए काफी लाभकारी सिद्ध होगी और सरकार ने बड़ी मेहनत के साथ यह पॉलिसी तैयार की है। ग्रुपों की अलाटमेंट का खाका तैयार कर लिया गया है और 26 को ड्रा पूरे पारदर्शी ढंग से निकाला जाएगा। कारोबारी इस एक्साइज पॉलिसी को सालोंसाल याद रखेंगे।

—तेजबीर ¨सह सिद्धू, एईटीसी वन पॉलिसी में किसी का नुकसान नहीं होगा

सरकार की इस बार पॉलिसी इतनी बारीकी से तैयार की गई है कि इससे न तो ठेकेदारों को कोई नुकसान होगा और न ही विभाग को किसी प्रकार का घाटा पड़ेगा। सरकार की इस बार की पॉलिसी अपने आप में एक उदाहरण होगी और सालोंसाल इस पर ही अमल होगा। विभाग ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है और पूरे पारदर्शी ढंग सारे प्रक्रिया को अपनाया जाएगा।

—राज¨वदर कौर, एईटीसी टू


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