परीक्षा ड्यूटी में तैनात कॉलेज अध्यापकों का रोष बरकरार, जीएनडीयू अधिकारियों पर लगाए आरोप
जागरण संवाददाता, अमृतसर : नगर निगम के चुनावों में कॉलेज अध्यापकों की ड्यूटी लगने से गुरु
जागरण संवाददाता, अमृतसर :
नगर निगम के चुनावों में कॉलेज अध्यापकों की ड्यूटी लगने से
गुरु नानक देव विश्वविद्यालय अपनी चल रही सेमेस्टर परीक्षाएं चाहे स्थगित कर रही है। बावजूद इसके कॉलेज अध्यापक जीएनडीयू की नीतियों से खफा है। उधर विद्यार्थियों ने भी परीक्षाएं स्थगित करने पर रोष प्रकट किया है। पंजाब व चंडीगढ़ कॉलेज टीचर यूनियन के नेताओं प्रो. मलकीत ¨सह और प्रो. जीएस सेखों ने बताया कि परीक्षाओं को स्थगित करके जीएनडीयू ने परीक्षाओं के चल रहे प्रोसेस को खुद ही खराब कर दिया है। अगर विश्वविद्यालय की ओर से परीक्षाओं को लेकर सही ढंग से केस जिला प्रशासन के पास पेश किया होता तो न ही परीक्षाएं स्थगित करनी पड़ती और न ही परीक्षाओं की ड्यूटी में तैनात अध्यापकों को चुनावी ड्यूटी में भेजने की नौबत आती ।
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परीक्षा ड्यूटी को लेकर जीएनडीयू वीसी नहीं दिखा रहे गंभीरता : सेखों
अध्यापक नेताओं ने कहा कि इस मामले को लेकर पहले ही अध्यापकों ने जीएनडीयू के वीसी को पत्र भी भेजा था। परंतु वीसी ने इस संबंध में कोई भी एक्शन नहीं लिया। उन्होंने कहा कि जीएनडीयू पहले ही अपने तीन दिनों की परीक्षाएं स्थगित कर चुकी है। अब जालंधर शहर में चुनावों की रिहर्सल के लिए तिथियां अन्य तय कर दी हैं। पीसीसीटीयू के नेताओं ने बताया कि जिला प्रशासन के पास जीएनडीयू की अलग अलग कक्षाओं की चल रही सेमेस्टर परीक्षाओं की सारी जानकारी है। बावजूद कॉलेज अध्यापकों की ड्यूटी चुनावों में लगा दी गई है। जबकि इस चुनाव ड्यूटी से अन्य कई विभागों के कर्मचारियों को मुक्त रखा गया है।
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जीएनडीयू अधिकारियों को करनी चाहिए थी प्रशासन के साथ पहले ही बातचीत: एनएसएफ
विद्यार्थी संगठन नेशनल स्टूडेंट्स फेडरेशन के महासचिव राज¨वदर राजा ने कहा कि परीक्षाओं को बंद कर उनकी जगह कोई अन्य तिथियां परीक्षाओं के लिए तय करने से विद्यार्थियों की मानसिक स्थिति पर बुरा असर पड़ता है। परीक्षाओं के अध्यापकों की ड्यूटी लगी होने संबंधी विश्वविद्यालय के प्रबंधकों को पहले ही इसकी जानकारी प्रशासन और सरकार को देनी चाहिए थी ताकि परीक्षाएं बीच में रोकनी न पड़ती।
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चुनावी ड्यूटी व रिहर्सल के दौरान अध्यापकों को नहीं करनी होगी परीक्षा ड्यूटी : डॉ. काहलों
जीएनडीयू के रजिस्ट्रार डॉ. केएस काहलों ने कहा कि चुनावों को संपन्न करवाने के लिए बड़ी संख्या में कर्मचारियों की जरूरत होती है। वहीं चुनाव को सही ढंग से संपन्न करवाने के लिए शिक्षित वर्ग सही ढंग से जिम्मेवारी निभा सकता है। इसलिए प्रशासन ने कर्मचारियों की कमी होने के कारण अध्यापकों की ड्यूटी लगाई है। जिस दिन अध्यापकों की चुनावी ड्यूटी और रिहर्सल है, उस दिन उनको परीक्षा ड्यूटी से मुक्त रखा गया है।