Move to Jagran APP

सोनी को देने पहुंचे लारेबाजी अवार्ड, पुलिस ने ले लिया, बातचीत के बाद लौटाया

सर्व शिक्षा अभियान व मिड डे मील दफ्तरी कर्मचारियों ने कैबिनेट मंत्री ओपी सोनी की रिहायश का घेराव किया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Jul 2021 11:47 PM (IST)Updated: Sun, 25 Jul 2021 11:47 PM (IST)
सोनी को देने पहुंचे लारेबाजी अवार्ड, पुलिस ने ले लिया, बातचीत के बाद लौटाया

जागरण संवाददाता, अमृतसर: विधानसभा चुनाव के दौरान वादा करने के बावजूद पक्का नहीं करने से परेशान सर्व शिक्षा अभियान व मिड डे मील दफ्तरी कर्मचारियों ने कैबिनेट मंत्री ओपी सोनी की रिहायश का घेराव किया। प्रदर्शनकारी मंत्री को लारेबाजी अवार्ड देने के लिए आए थे, परंतु कोठी से कुछ दूर रानी का बाग पार्क के पास ही बेरिकेड लगाकर तैनात पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोक लिया। इस पर कर्मचारी वहीं धरने पर बैठ गए। मंत्री ओपी सोनी ने कर्मचारियों से ज्ञापन लेकर आश्वासन दिया कि वे उनकी सेवाओं को पक्का करवाएंगे। सरकार की ओर से बनाई गई कमेटी नियमों के आधार पर सभी कर्मियों को पक्का करेगी। इससे पहले ही पुलिस अधिकारियों ने मंत्री को दिए जाने वाली लारेबाजी आवार्ड की मोमेटो ले ली थी। बाद में मंत्री को ज्ञापन देने के बाद उन्होंने उन्हें लौटा दिया।

loksabha election banner

दरअसल, सुबह राज्य भर से आए दफ्तरी कर्मचारी पहले ईरिगेशन कार्यालय की ग्राउंड में इकट्ठा हुए। बाद दोपहर वह रोष मार्च करते हुए वह मंत्री की कोठी के पास धरना देने पहुंचे। प्रदर्शनकारी अपने बच्चों को भी साथ लेकर आए थे। कर्मचारी यूनियन के राज्य अध्यक्ष विकास कुमार व महासचिव रजिदर सिंह संघा ने बताया कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एलान किया था कि पहली कैबिनेट में ही कच्चे मुलाजिमों को पक्का कर दिया जाएगा। परंतु सब वादे भूलकर कांग्रेस की सरकार कमेटियां बनाने की सरकार बन कर रह गई। पंजाब सरकार की तरफ से कच्चे मुलाजिमों को पक्का करने के लिए अब तक पांच कमेटियां बनाई गई हैं। परंतु चार सालों में कमेटियों ने चाय पानी पीकर ही मीटिगें करके समय निकाला है। मुलाजिमों के साथ सिर्फ झूठे वादे ही किए गए। मुलाजिम वेलफेयर एक्ट 2016 को नए सिरे से बनाने का विरोध

कर्मचारी नेताओं अशीष कुमार, हरप्रीत सिंह, सरबजीत सिंह, गौरव शर्मा ने बताया कि सरकार ने 8886 अध्यापकों को तो पक्का कर दिया था परंतु अध्यापकों से पहले के काम कर रहे दफ्तरी मुलाजिमों को पक्का नहीं किया गया। हैरानी की बात है कि दफ्तरी कर्मचारियों को पक्का तो क्या करना था उल्टा कर्मचारी के वेतन में कटौती कर दी गई और कर्मचारी को दूरदराज ट्रांसफर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुलाजिम वेलफेयर एक्ट 2016 को रिव्यू करके नए सिरे से बनाया जा रहा है। एक्ट में ऐसी शर्ते थोपी जा रही हैं जिसके साथ दूर-दूर तक कच्चे मुलाजिम पक्के नहीं हो सकते। इसलिए मुलाजिमों ने एलान किया कि यदि इस एक्ट को बनाया तो मुलाजिम सघंर्ष से पीछे नहीं हटेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.