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डीएवी के कालेजों में अध्यापक कल तक रहेगी हड़ताल

पंजाब एंड चंडीगढ़ कालेज टीचर यूनियन (पीसीसीटीयू) की विशेष इकाई डीएवी कालेज कोआर्डिनेशन कमेटी के आह्वान पर वीरवार को डीएवी बीबीके डीएवी कालेज व डीएवी कालेज आफ एजुकेशन में दो घंटे की हड़ताल रखी गई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 11:48 PM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 11:48 PM (IST)
डीएवी के कालेजों में अध्यापक कल तक रहेगी हड़ताल
डीएवी के कालेजों में अध्यापक कल तक रहेगी हड़ताल

जागरण संवाददाता, अमृतसर : पंजाब एंड चंडीगढ़ कालेज टीचर यूनियन (पीसीसीटीयू) की विशेष इकाई डीएवी कालेज कोआर्डिनेशन कमेटी के आह्वान पर वीरवार को डीएवी, बीबीके डीएवी कालेज व डीएवी कालेज आफ एजुकेशन में दो घंटे की हड़ताल रखी गई। यह शनिवार तक जारी रहेगी। डीएवी कालेजिस कोआर्डिनेशन कमेटी के कन्वीनर डा. बीबी यादव ने बताया कि धरना मैनेजिग कमेटी नई दिल्ली द्वारा कालेज अध्यापकों की मांगों के प्रति टालमटोल की नीति अपनाने पर लगाया गया है। आज तक मैनेजिग कमेटी के साथ ग्यारह मीटिगें होने के बावजूद अध्यापकों को निराशा ही मिली है। उनका कहना है कि अध्यापकों की प्रमोशन लगभग तीन साल से पेंडिग है। अध्यापकों के बकाया का भुगतान नहीं हुआ। इस मौके पर प्रोफेसर मलकीत सिंह, प्रो. गुरजीत सिंह सिद्धू, प्रो. परमिदर सिंह रंधावा, प्रो. संजीव दत्ता, डा. दर्शनदीप अरोड़ा, प्रो. रवि शर्मा, प्रो. राजेश मित्तु, डा. मनीष गुप्ता, प्रो. आशु विज, प्रो. हरसिमरन आनंद, डा. मनप्रीत कौर, डा. नीलू गुप्ता, डा. अजय खन्ना, प्रो. विक्रम शर्मा, प्रो. रजनीश पोपी, प्रो. उल्लास चोपड़ा, डा. नीरज गुप्ता, डा. कमल किशोर, प्रो. रजनी बाला, प्रो. सुरिदर कुमार आदि मौजूद थे। विद्यार्थियों की पढ़ाई के नुकसान में मैनेजमेंट होगी जिम्मेदार

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डीएवी कालेज अमृतसर यूनिट के प्रधान डा. गुरदास सिंह सेखों ने मैनेजमेंट के अड़ियल रवैये की कड़ी निदा की।उनका कहना है कि मैनेजमेंट कवर्ड और अनकवर्ड अध्यापकों में दरार डालकर उन्हें कैरियर एडवांसमेंट स्कीम और प्रमोशन से वंचित रखना चाहती है।मैनेजमेंट की अपनी गलती के चलते ही अध्यापकों की प्रमोशन के केस डीपीआई कालेज के पास पेंडिग हैं, जिसके चलते बहुत से कालेजों को मिलने वाली ग्रांट भी कम हो गई है।सबसे अधिक डीएवी कालेजों के करोड़ों रुपए बकाया राशि डीपीआई के पास पेंडिग है, जिसके चलते कालेजों में वित्तीय संकट की समस्या पैदा हो गई है।मैनेजमेंट ने अध्यापकों की मांगों को ध्यान में रखते हुए तुरंत लागू ना किया, तो कालेजों में विद्यार्थियों की पढ़ाई में होने वाले नुकसान के लिए मैनेजमेंट खुद जिम्मेदार होगी।


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