धरने पर बैठे कर्मियों ने ठुकराई एसजीपीसी की अपील
एसजीपीसी से निकाले गए 523 कर्मचारियों के आंदोलन को राजनीतिक दलों द्वारा समर्थन मिलने के बाद एसजीपीसी हरकत में आ गई है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : एसजीपीसी से निकाले गए 523 कर्मचारियों के आंदोलन को राजनीतिक दलों द्वारा समर्थन मिलने के बाद एसजीपीसी हरकत में आ गई है। कर्मचारियों की मांगों को लेकर एसजीपीसी के मुख्य सचिव डॉ. रूप सिंह के नेतृत्व में अधिकारियों की बैठक हुई। इस दौरान एसजीपीसी के अध्यक्ष गोबिद सिंह लोंगोवाल के साथ भी एसजीपीसी के अधिकारियों की फोन पर बातचीत चलती रही। देर शाम एसजीपीसी के अधिकारियों व सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल धरने पर बैठे कर्मचारियों को धरना उठाने की अपील करने के लिए पहुंचा। मसला हल करने के लिए एसजीपीसी को 30 अप्रैल तक का वक्त देने की मांग की, परंतु आंदोलनकारी कर्मचारियों ने धरना वापिस लेने से पूरी तरह इन्कार कर दिया।
एसजीपीसी के अधिकारियों की मामले लेकर हुई बैठक में एसजीपीसी के मुख्य सचिव डॉ. रूप सिह, भाई रजिदर सिंह मेहता, भगवंत सिंह सियालका, राम सिह, दर्शन सिंह, मंजीत सिंह बाठ और बलविदर सिंह जौड़ासिघा शामिल हुए। मुख्य सचिव डॉ. रूप सिंह ने बताया कि एसजीपीसी के अधिकारी आंदोलनकारी कर्मचारियों के मामले को हल करने के प्रति गंभीर हैं। इनकी मांगों को हल कर लिया जाएगा। कर्मचारियों से 30 अप्रैल तक समय मांगा गया है। परंतु वे बातचीत के लिए आए ही नहीं। हर मसला बातचीत से हल हो सकता है।
कर्मचारी बोले-एसजीपीसी के अधिकारियों पर अब नहीं रहा विश्वास
आंदोलनकारी कर्मचारियों के नेताओं तरसेम सिंह व शमशेर सिंह ने कहा कि एसजीपीसी पर उनका विश्वास खत्म हो गया है। एसजीपीसी के अधिकारी धोखे से उनका आंदोलन खत्म करवाना चाहते हैं। कई बार पहले भी वायदे किए गए हैं, परंतु अब एसजीपीसी पर विश्वास नहीं रहा है। जब तक एसजीपीसी के अध्यक्ष प्रदर्शनकारियों के समक्ष आकर उनकी बहाली का ऐलान नहीं करते तब तक वह धरने से नहीं उठेंगे।
धरने को मिल रहा राजनीतिक दलों का समर्थन
आंदोलनकारी कर्मचारियों को अलग-अलग राजनीतिक ग्रुपों की ओर से समर्थन दिया जाने लगा है। जिस के चलते एसजीपीसी इसको राजनीतिक रंगत नहीं देने देना चाहती। पहले नेशनल पीपुल्स फ्रंट ने कर्मचारियों को समर्थन दिया था। इसके बाद पंथक सद्भवना दल, फिर अकाली दल अमृतसर, एसजीपीसी के कार्यकारिणी के सदस्य बाबा गुरमीत सिंह त्रिलोकीवाल और अब आम आदमी पार्टी ने भी आंदोलनकारियों को साथ देने का एलान कर दिया है।