'नशे से पीड़ित एचआईवी का हो चुके हैं शिकार'
अमृतसर : डिप्टी कमिश्नर कमलदीप ¨सह संघा ने बताया कि एक ही सी¨रज से नशा करने वाले ज्यादातर लोग काला पीलिया और एचआईवी का शिकार हो चुके हैं। नशा करने वालों के परिजनों को चाहिए कि वे ऐसे लोगों को प्यार से समझाएं और उन्हें ओट केंद्रों में लेकर आएं, ताकि इसका उपचार किया जा सके।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
डिप्टी कमिश्नर कमलदीप ¨सह संघा ने बताया कि एक ही सी¨रज से नशा करने वाले ज्यादातर लोग काला पीलिया और एचआईवी का शिकार हो चुके हैं। नशा करने वालों के परिजनों को चाहिए कि वे ऐसे लोगों को प्यार से समझाएं और उन्हें ओट केंद्रों में लेकर आएं, ताकि इसका उपचार किया जा सके।
डीसी संघा ने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से नशों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत अभी तक 8,805 नशा करने वाले लोगों का ओट केंद्रों में मुफ्त इलाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एसडीएच बाबा बकाला साहिब, अजनाला, सीएचसी तरसिक्का, मजीठा, मानां वाला, वेरका, लोपोके, च¨वडा देवी, सेंट्रल जेल और स्वामी विवेकानंद पुनर्वास केंद्रों में नशे से पीड़ित मरीजों का मुफ्त इलाज किया जा रहा है। यह वही ओट केंद्र हैं जिनमें पंजाब सरकार की नशा छुड़ाओ अभियान के तहत मरीजों को मुफ्त दवाई दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि जिले में चलाए जा रहे इस अभियान में और तेजी लाई जाएगी। डिप्टी मेडिकल कमिश्नर डा. प्रभदीप कौर ने कहा कि नशे से पीड़ित लोगों का नशा छुड़ाने का कोर्स 1 साल से 2 साल तक होता है। इलाज के लिए ओट केंद्रों में आने वाले नशे से पीड़ित लोगों को अस्पताल में दाखिल नहीं किया जाता बल्कि अस्पताल के स्पेशल ट्रेंड स्टाफ की निगरानी में दवाई खिलाने के बाद घर भेज दिया जाता है। जो लोग दवा लेने के लिए अस्पताल नहीं आते, मेडिकल स्टाफ उनके घर-घर जाकर उन्हें दवाई खिलाता है।