हाथ कांपना या लड़खड़ा कर चलना ही पार्किसन रोक के लक्षण नहीं : डॉ. उप्पल
न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सलिल उप्पल ने ऑस्ट्रेलिया में हुई न्यूरो साइंसेज एवं न्यूरोलॉजी की वार्षिक कांफ्रेंस में बतौर स्पीकर एवं चेयरपर्सन भाग लिया।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : उप्पल न्यूरो अस्पताल के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सलिल उप्पल ने ऑस्ट्रेलिया में हुई न्यूरो साइंसेज एवं न्यूरोलॉजी की वार्षिक कांफ्रेंस में बतौर स्पीकर एवं चेयरपर्सन भाग लिया। उन्होंने दिमाग से संबंधित पार्किंसन रोग पर शोध पत्र पढ़कर आधुनिक एवं नवीनतम जानकारियों से अवगत करवाया।
उन्होंने कहा की सिर्फ हाथ कांपना या लड़खड़ा कर चलना ही पार्किसन रोग के लक्षण नहीं हैं। इसके और कई ऐसे लक्षण हैं जिन्हें लोग नजरअंदाज कर देते हैं। जैसे आवाज का धीमा हो जाना, लिखावट में परिवर्तन, कब्ज की शिकायत रहना, पेशाब का रुक-रुक कर आना, शरीर का झुक जाना, सूंघने की शक्ति कम होना, शरीर में दर्द रहना, शरीर की किसी मांसपेशी में अकड़न आ जाना इत्यादि।
उन्होंने बताया कि यह रोग आमतौर पर 50 साल या इससे अधिक आयु के लोगों में होता है। महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक पाया जाता है। लक्षणों को पहचान कर यदि समय रहते इलाज शुरू कर दिया जाए तो इस बीमारी से काफी हद तक बचा जा सकता है। जिन मरीजों को दवाइयों से भी आराम नहीं मिलता, उनके लिए जल्द ही उप्पल न्यूरो अस्पताल में डीप ब्रेन स्टिम्युलाइजेशन जैसी आधुनिक तकनीक से पार्किंसन रोगियों का इलाज किया जा सकेगा। डॉ. सलिल उप्पल ने कहा कि यह कांफ्रेंस चिकित्सा क्षेत्र में होने वाली सबसे बड़ी कांफ्रेंस में से एक है। इसका मुख्य उद्देश्य चिकित्सा क्षेत्र में प्राप्त नई जानकारियों का आदान-प्रदान करना है। कांफ्रेंस में विश्व भर से न्यूरोलॉजिस्ट शामिल हुए।