सकारात्मक ऊर्जा से कोरोना को मात देकर पुन: संभाली स्वास्थ्य सेवाओं की कमान
। कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारियों व हेल्थ वर्करों का समर्पण भाव संभवत दुनिया सदैव याद रखेगी।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारियों व हेल्थ वर्करों का समर्पण भाव संभवत: दुनिया सदैव याद रखेगी। कोरोना से लड़ते-लड़ते संक्रमण का शिकार बने ज्यादातर स्वास्थ्य कर्मी स्वास्थ्य लाभ पा चुके हैं और पुन: इस वायरस से जंग में कूद गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत जिला परिवार भलाई अधिकारी डॉ. रबिदर सिंह सेठी ने कोरोना वायरस से लोगों को बचाने के लिए पूरी शिद्दत से काम किया। फील्ड में नियमित रूप से जाते रहे। कोरोना से हो रही मौतें का एनेलिसिस करना, सरकारी अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों को सुविधाएं दिलवाने के अलावा जिले में कन्या भ्रूणहत्या की रोकथाम, गर्भवती महिलाओं का सुरक्षित प्रसव करवाने का जिम्मा निभाते रहे।
20 जुलाई को उन्हें संदिग्ध बुखार हुआ। टेस्ट करवाया तो रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। इसके बाद उनकी पत्नी का भी टेस्ट हुआ। वह भी पॉजिटिव पाई गईं। डॉ. सेठी व उनकी पत्नी होम क्वारंटाइन हो गए। डॉ. सेठी ने घर पर 17 दिन रहकर इस वायरस को मात दी। इस अवधि में विभागीय काम भी घर पर रहकर ही निपटाते रहे।
डॉ. सेठी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष भी हैं। उनके अनुसार कोरोना संक्रमण की वजह से चिता हुई। चिता इस बात की थी कि मेरे संपर्क में कितने लोग आए हैं। दिमाग पर जोर डालकर सभी के नामों की सूची तैयार की और उन्हें फोन कर बताया कि मैं कोरोना संक्रमित हूं। आप मेरे संपर्क में आए थे और अपना टेस्ट करवा लें।
एकांतवास काल में 17 दिनों तक सकारात्मक ऊर्जा से कोरोना के खिलाफ जंग जारी रखी। गर्म पानी का सेवन, प्रोटीन युक्त डाइट व प्रिस्क्राइब्ड मेडिसिन लीं। नियमित रूप से योग करता रहा। दसवें दिन टेस्ट करवाया तो रिपोर्ट निगेटिव थी। मेरी पत्नी भी कोरोना मुक्त हो चुकी थी। हालांकि नियमानुसार हम दोनों ने 17 दिन का क्वारंटाइन काल पूरा किया।
डॉ. सेठी के अनुसार कोरोना वायरस से डरने की नहीं, सावधानी से बचने की जरूरत है। आज पूरा स्वास्थ्य तंत्र, सरकार इस वायरस से लोगों को बचाने का प्रयास कर रही है। लोग मास्क नहीं पहन रहे। कहीं कहीं शारीरिक दूरी के नियम का पालन भी नहीं हो रहा। ऐसे तो कोरोना बढ़ेगा। हमें सामूहिक रूप से जंग लड़कर इस वायरस को परास्त करना होगा। नितिन धीमान