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प्रवेश द्वार का दरवाजा बंद कर चिपकाया नोटिस, ओपीडी सेवाएं अनिश्चितकाल के लिए बंद

पीजी नीट परीक्षा के बाद काउंसलिग न होने से खफा सरकारी मेडिकल कालेज के पोस्ट ग्रेजुएट व जूनियर डाक्टरों ने ओपीडी सेवाएं ठप कर दीं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 11:30 PM (IST)Updated: Tue, 30 Nov 2021 03:00 AM (IST)
प्रवेश द्वार का दरवाजा बंद कर चिपकाया नोटिस, ओपीडी सेवाएं अनिश्चितकाल के लिए बंद
प्रवेश द्वार का दरवाजा बंद कर चिपकाया नोटिस, ओपीडी सेवाएं अनिश्चितकाल के लिए बंद

जागरण संवाददाता, अमृतसर: पीजी नीट परीक्षा के बाद काउंसलिग न होने से खफा सरकारी मेडिकल कालेज के पोस्ट ग्रेजुएट व जूनियर डाक्टरों ने ओपीडी सेवाएं ठप कर दीं। राष्ट्रव्यापी हड़ताल की काल के बाद पीजी व जूनियर डाक्टरों ने ओपीडी के प्रवेश द्वार का दरवाजा बंद कर बाहर नोटिस चिपका दिया कि ओपीडी सेवाएं अनिश्चितकाल के लिए बंद रहेंगी। इसका दुष्परिणाम यह निकला कि गुरु नानक देव अस्पताल में आए तकरीबन एक हजार से अधिक मरीजों की जांच नहीं हो पाई और उन्हें बैरंग लौटना पड़ा।

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पीजी डाक्टर्स ने ओपीडी पर्ची काउंटर भी बंद करवा दिया था। पर्ची नहीं काटी गई तो मरीज सीनियर डाक्टर को भी नहीं दिखा पाया। हालांकि एक दो सीनियर डाक्टरों ने पर्ची के बगैर मरीजों की जांच की, पर ज्यादातर मरीज निराश होकर ही लौटे। दरअसल, इस बार कोरोना की वजह से जनवरी की बजाय सितंबर माह में पीजी नीट की परीक्षा हुई थी। नियमानुसार परीक्षा के एक माह बाद काउंसलिग हो जाती है, पर सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए काउंसलिग पर फिलहाल रोक लगाई है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा ईसीएस और ओबीसी आरक्षण की वैधता पर निर्णय किया जाना है। डाक्टरों पर बोझ बढ़ रहा, जल्द हो काउंसलिग

मेडिकल कालेज में रेजिडेंट डाक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. साहिल कौंडल की अध्यक्षता में पीजी डाक्टरों ने ओपीडी कांप्लेक्स में बैठकर प्रदर्शन किया। डा. साहिल ने कहा कि सुनवाई की तारीख बार-बार बढ़ाई जा रही है। ऐसे में नए डाक्टर नहीं आ रहे। जूनियर रेजिडेंट वन का बैच अभी तक नहीं नहीं। इससे द्वितीय व तृतीय वर्ष के डाक्टरों पर काम का बोझ बढ़ रहा है। काउंसलिग पर फैसला जल्द होना चाहिए, अन्यथा वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।


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