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इमरजेंसी वार्ड में सो रहा था डॉक्टर, मरीज आया तो बोला— आधी रात को क्यों चले आते हो

गुरुनानक देव अस्पताल में आधी रात को पहुंचे एक मरीज को डॉक्टर ने बुरी तरह डांट दिया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Sep 2019 01:36 AM (IST)Updated: Sun, 08 Sep 2019 01:36 AM (IST)
इमरजेंसी वार्ड में सो रहा था डॉक्टर, मरीज आया तो बोला— आधी  रात को क्यों चले आते हो
इमरजेंसी वार्ड में सो रहा था डॉक्टर, मरीज आया तो बोला— आधी रात को क्यों चले आते हो

जागरण संवाददाता, अमृतसर : गुरुनानक देव अस्पताल में आधी रात को पहुंचे एक मरीज को डॉक्टर ने बुरी तरह डांट दिया। गहरी नींद में सो रहे इस डॉक्टर को जब मरीज ने जगाया तो उसने कहा- आधी रात को यहां क्या लेने आए हैं। सुबह तक इंतजार नहीं कर सकते थे क्या? इस बात पर मरीज ने रोष व्यक्त किया। उसने अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर को इस बाबत बताया तो उसका इलाज शुरू हुआ।

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दरअसल, लाहोरी गेट निवासी 64 वर्षीय ओमप्रकाश को शुक्रवार रात कंधे में तीव्र दर्द उठा। दर्द से छटपटा रहे ओमप्रकाश को ऑर्थो विभाग की इमरजेंसी में लाया गया। ओमप्रकाश का आरोप है कि यहां कार्यरत डॉ. राम कमरे की लाइट बंद कर सो रहे थे। वह कमरे में पहुंचे और डॉक्टर को आवाज दी तो वह झल्ला उठे। आंख मलते हुए उठे और बोले बताओ क्या काम है। मैंने उनसे कहा कि मेरे कंधे में दर्द हो रहा है जो कमर तक जा रहा है। इस पर डॉ. राम ने कहा कि जरा सी तकलीफ लेकर आधी रात यहां क्यों चले आते हो। सुबह तक इंतजार नहीं कर सकते थे क्या। मैंने उसने कहा कि मुझे दर्द अभी उठा है तो अभी आऊंगा, पर डॉक्टर अपनी बात कहकर फिर से सो गया।

ओमप्रकाश के अनुसार इसके बाद वह मेडिसिन इमरजेंसी में चला गया। मेडिसिन डॉक्टर ने ऑर्थो डॉक्टर राम को मेडिसिन वार्ड में बुलाया और उसे अच्छी तरह डांट पिलाई। इसके बाद ओमप्रकाश का ट्रीटमेंट शुरू हुआ। अकसर होती हैं ऐसी घटनाएं

यह पहली घटना नहीं है। अस्पताल में अक्सर मरीजों के साथ ऐसा व्यवहार होता है। खास बात यह है कि नाइट ड्यूटी पर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को ऑन कॉल आने का आदेश सरकार ने जारी किया है, पर ज्यादातर स्पेशलिस्ट डॉक्टर अपना मोबाइल ऑफ कर रात को घरों में चेन की नींद सोते हैं। ऐसे में मरीज के साथ अनहोनी होती है और परिवार वाले रोते बिलखते, डॉक्टरों को कोसते हैं। अस्पताल प्रशासन मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन तो करता है, पर इस कमेटी की रिपोर्ट कभी सामने नहीं आती। अस्पताल चौबीसों घंटे सेवाएं देने के लिए तत्पर हैं। इमरजेंसी ऑर्थो में सोना मना है। यदि डॉक्टर की आंख लग भी गई तो इसका यह मतलब नहीं कि वह मरीज से इस प्रकार की भाषा का प्रयोग करे। डॉ. राम से जवाबतलबी होगी।

डॉ. जगदेव सिंह कुलार, मेडिकल सुपरिटेंडेंट


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