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जीएनडीएच में लागू नहीं डा. भीमराव अंबेडकर मेडिकल एड स्कीम

केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई डा. आंबेडकर मेडिकल एड स्कीम के अंतर्गत अमृतसर में एक भी मरीज को लाभ नहीं मिला।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Sep 2021 06:00 AM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 06:00 AM (IST)
जीएनडीएच में लागू नहीं डा. भीमराव अंबेडकर मेडिकल एड स्कीम
जीएनडीएच में लागू नहीं डा. भीमराव अंबेडकर मेडिकल एड स्कीम

जासं, अमृतसर: अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजातियों से संबंधित लोगों को निश्शुल्क चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई डा. आंबेडकर मेडिकल एड स्कीम के अंतर्गत अमृतसर में एक भी मरीज को लाभ नहीं मिला। संविधान निर्माता बाबा साहेब डा. भीमराव आंबेडकर के नाम पर वर्ष 2018 में इस योजना का श्रीगणेश हुआ था। एम्स जैसे बड़े अस्पतालों के साथ-साथ देश के सभी मेडिकल कालेजों व अस्पतालों को स्कीम से जोड़ा गया। यह जानकर हैरानी होगी कि महानगर में इस योजना को लागू ही नहीं किया गया। इसके तहत अब तक एक भी मरीज को उपचार नहीं दिया गया।

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रानी का बाग निवासी आरटीआइ एक्टिविस्ट नरेश जौहर ने सरकारी मेडिकल कालेज गुरु नानक देव अस्पताल से आरटीआइ के तहत जानकारी मांगी थी कि डा. भीमराव आंबेडकर मेडिकल एड योजना के तहत अब तक कितने मरीजों का निश्शुल्क उपचार किया गया। सूचना अधिकारी ने डेढ़ लाइन के पत्र में जवाब दिया कि यह योजना इस अस्पताल में लागू नहीं है। न ही किसी मरीज को इसके तहत लाभ दिया गया है। नरेश के अनुसार जब देश के सभी मेडिकल कालेजों को इस योजना से जोड़ा गया तो फिर गुरु नानक देव अस्पताल में इसे लागू क्यों नहीं किया गया। नरेश जौहर के अनुसार इस प्रकार की बहुपयोगी स्वास्थ्य सेवाओं को जन-जन तक पहुंचाना सरकार का काम है और अस्पताल प्रशासन भी योजना के बैनर व होर्डिग्स लगाकर जागरूक करे। इस संबंध में उन्होंने राज्य सरकार को पत्र भेजकर जानकारी मांगी है। महंगी सर्जरी भी हैं इस योजना का हिस्सा

हार्ट सर्जरी, किडनी सर्जरी/डायलिसिस, कैंसर सर्जरी, रेडियोथेरेपी, ब्रेन सर्जरी, किडनी ट्रांसप्लांट, स्पाइनल सर्जरी जैसे जटिल व महंगे उपचार की सुविधा इस योजना में है। इलाज के मद में खर्च होने वाली राशि का भुगतान सरकार द्वारा सीधे अस्पताल को किया जाता है। सरकार ने उन परिवारों को योजना का लाभ देने के लिए चिन्हित किया है जिनकी वार्षिक आय एक लाख से कम है। निश्चित ही आर्थिक दृष्टि से कमजोर लोगों के लिए यह योजना वरदान है, पर अमृतसर में इसे लागू नहीं किया गया।


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